9 महीने के लंबे इंतजार के बाद जब आप मां बनती हैं, तो आपके मन में हजारों सवाल चलते हैं। उनमें से एक सबसे बड़ा सवाल है, बच्चे की सही देखभाल कैसे करें! क्योंकि नवजात बच्चों का शरीर काफी नाजुक होता है, ऐसे में उनके प्रति सावधानी बरतने के साथ ही उन्हें एक सही देखभाल देना भी बहुत जरूरी है। परंतु अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। इसलिए सबसे जरूरी है किसी भी बात पर स्ट्रेस न लेना। यहां हेल्थ शॉट्स पर आपकी मदद के लिए एक एक्सपर्ट हैं। जो नवजात शिशु की देखभाल (how to take care a newborn baby) के बारे में कुछ जरूरी बातें बताने जा रहीं हैं।
लगभग सभी महिलाएं बच्चे के नहाने, खाने से लेकर बच्चों को कपड़े पहनाने तक की बातों को लेकर चिंतित रहती हैं हालांकि, यह कोई चिंता की बात नहीं है, आपको केवल थोड़ी सी सावधानी बरतते हुए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना है और आप अपने बच्चे का सही और स्वस्थ रूप से देखभाल कर सकती हैं।
हेल्थ शॉट्स ने ऑरा क्लिनिक, सेक्टर 31 गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव सेक्टर 14 की सीनियर कंसलटेंट डॉ रितु सेठी से इस विषय पर बातचीत की। उन्होंने नवजात बच्चों के देखभाल को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सलाह दिए हैं। तो चलिए जानते हैं हर नई मां को किस तरह अपने बच्चों का ध्यान रखना है।
अक्सर लोग नए जन्मे बच्चे को गर्मी, बरसात या सर्दी हर मौसम में जरूरत से ज्यादा कपड़े पहना देते हैं। इस पर डॉ रितु सेठी कहती हैं कि मां और बच्चे दोनों को ही एक समान ठंड लगती है। हालांकि, बच्चे को सही तरह से ढक कर रखना जरूरी है। परंतु गर्मियों में भी गर्म कपड़े और ठंड के मौसम में जरूरत से ज्यादा कपड़े पहनाने की जरूरत नहीं होती।
बेबी को हमेशा आरामदायक और ढीले कपड़े पहनाएं। बच्चों के शरीर से काफी ज्यादा हीट निकलती है। ऐसे में जरूरत से ज्यादा कपड़े पहनाने से उन्हें फीवर आने की संभावना बनी रहती है।
यदि अभी-अभी मां बनी हैं, तो यह जान लें कि आपके बच्चे की ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी है मां का दूध। डॉक्टर रितु सेठी के अनुसार हर 2 से 3 घंटे पर बच्चे को अपना दूध जरूर पिलाती रहें। यदि आपको लग रहा है कि दूध पर्याप्त नहीं बन रहा, तो डॉक्टर से मिलकर राय लें। साथ ही हेल्दी डाइट लेना भी जरूरी है।
नए जन्मे बच्चे के शरीर में नाल (umbilical cord) लगी होती है। जिसे सूखने में थोड़ा समय लगता है। इस पर डॉ रितु सेठी कहती हैं कि नाल उतरने के पहले तक बच्चे को नहलाना नहीं चाहिए। आप कॉटन के कपड़े को पानी में भिगोकर शरीर को साफ कर सकती हैं। इस दौरान नाल के साथ छेड़छाड़ करने से बचें। अन्यथा उसमें चोट आ सकती है और फिर यह आपके लिए एक नई परेशानी खड़ी कर देगा।
डॉक्टर रितु सेठी के अनुसार बच्चे को दूध पिलाने के बाद उन्हें डकार दिलाना जरूरी है। क्योंकि दूध पीने के दौरान बच्चे के पेट में हवा भर जाती है। ऐसे में यदि बच्चे को डकार न दिलाई जाए तो यह हवा बढ़ती रहती है और बच्चा दूध उलट देता है। इसके लिए अपने बच्चे को कंधे पर लेकर उसकी पीठ सहलाएं। यह डकार दिलाने का एक आसान तरीका है।
नवजात शिशु को हफ्ते में 3 बार से ज्यादा न नहलायें। क्योंकि बच्चों की स्किन काफी ज्यादा नाजुक होती है। ऐसे में नियमित रूप से साबुन और शैंपू का इस्तेमाल इसे ड्राई कर सकता है।
इसके साथ ही बच्चे को नहलाने के लिए हमेशा गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। बेबी प्रोडक्ट्स का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बच्चे के चेहरे को साफ करते वक्त अधिक सावधानी बरतें। उस पर सीधे पानी डालने की जगह हाथों को गीला करके चेहरे को साफ करें। जब बच्चा नहा ले तो उसके शरीर को पूरी तरह से सुखाए बिना कपड़ा न पहनाएं।
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