सर्दियों का मौसम है और कोविड- 19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) ने सभी के मन में एक बार फिर से डर पैदा कर दिया है। ऐसे में हम सभी को सावधानी बरतने की बहुत ज़रूरत है। सावधानी न सिर्फ कोविड – 19 (Covid – 19) से बल्कि, कई अन्य बीमारियों से भी, जो हमारी इम्युनिटी कमजोर कर सकती हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वातावरण ठंडा होने से शरीर की गर्मी में गिरावट आती है। कभी-कभी शरीर को इन नई परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने में समय लग सकता है, जो लोगों को सर्दी की विभिन्न बीमारियों के प्रति संवेदनशील बना सकता है।
सर्दियों का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए आज हम आपको बताएंगे सर्दियों में होने वाली कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में, जो बेहद आम हैं।
सर्दी-खांसी और बुखार सर्दियों में होने वाली सबसे आम बीमारियां हैं, जो लोगों को आसानी से पकड़ लेती है। विशेषज्ञों के अनुसार बदलते मौसम या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों पर सीधा असर पड़ सकता है। कमजोरी, सिरदर्द, शरीर में दर्द या अकड़न आदि सर्दी और फ्लू के कुछ सबसे सामान्य लक्षण हैं।
सर्दी के मौसम में अत्यधिक ठंड और नमी भी लोगों को कान के संक्रमण के उच्च जोखिम में डाल सकती है। ईयर इन्फेक्शन सर्दी की एक आम समस्या है, जो एक दिन में हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इसकी जल्द से जल्द पहचान कर ली जाए। कान का बंद होना और खुजली के साथ दर्द होना इन्फेक्शन से संबंधित समस्या का प्राथमिक लक्षण है।
हालांकि कोई वैज्ञानिक या चिकित्सीय प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि जोड़ों का दर्द सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है। मगर ऐसा देखा गया है कि यह समस्या सर्दियों में बहुत आम हो जाती है। साथ ही, गठिया से पीड़ित लोग भी सर्दियों के दौरान ज़्यादा दर्द का अनुभव करते हैं।
विशेषज्ञों का दावा है कि सर्दियों के मौसम में वायुमंडलीय दबाव में गिरावट के साथ शरीर में पेन रिसेप्टर्स अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। यह ऊतकों में सूजन पैदा करते हैं, जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द होता है।
टॉन्सिल गले के पीछे दो अंडाकार ऊतकों की सूजन को संदर्भित करता है। इस सूजन के परिणामस्वरूप गले में जलन और दर्द के साथ टोंसिल बढ़ जाते हैं, जो आगे चलकर भोजन और पानी निगलने को एक कष्टदायक अनुभव बना सकते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया टॉन्सिल के संक्रमण में प्राथमिक योगदानकर्ता हैं।
ब्रोंकियोलाइटिस छोटे बच्चों और शिशुओं में होने वाला एक सामान्य फेफड़ों का संक्रमण (Lung Infection) है। यह एक गंभीर स्थिति है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप फेफड़ों के सबसे छोटे वायु मार्ग में बलगम का निर्माण होता है। चूंकि यह एक संचारी रोग है, इसलिए लोगों को अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए आवश्यक एहतियाती उपाय करने का सुझाव दिया जाता है।
ऐसी किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लें और अपना इलाज करवाएं।
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कस्टमाइज़ करेंइन सभी बीमारियों से बचने के लिए आपकी इम्युनिटी अच्छी होनी चाहिए, इसलिए एक्सरसाइज़ और खानपान का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है।
हर रोज़ कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज़ करें और हरी सब्जियां, ताज़े फलों का सेवन बढ़ाएं। ऐसा आहार लेने की कोशिश करें जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल हों।
सर्दियों में गर्म सरसों के तेल की मालिश भी आपको को जोड़ों के दर्द से बचा सकती है। साथ ही इसकी कुछ बूंदें कान में भी डाली जा सकती हैं।
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