जब बच्चों को फ्लू होता है, तो आखिरी चीज जो वे करना चाहते हैं वह कुछ भी खाना। खाने में बच्चों के नखरे आम तौर पर रहे या नहीं, बीमार होने पर यह आम है। फ्लू के साथ थोड़ा कम खाना निश्चित रूप से सामान्य है, क्योंकि बच्चों को भूख कम लगती है। फिर भी, उन्हें बीमारी से उबरने के दौरान ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करने के लिए सही मात्रा में सही भोजन की आवश्यकता होगी।
इस वक्त ड्राई फ्रूट्स, मीट, अंडे या साबुत अनाज बच्चे को दिया जाना चाहिए। ताकि उसका शरीर संक्रमण से लड़ सके।
बच्चे को पौष्टिक आहार देना चाहिए यह तो आपको पता है, लेकिन क्या नहीं देना है यह जानना भी बहुत आवश्यक है।
आज हम आप को कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ बता रहे हैं, जो आपके बच्चों को फ्लू होने पर खाने से बचना चाहिए।
सामान्य रूप से भी चीनी बच्चों समेत सभी के लिए खराब है। लेकिन वजन बढ़ाने के अतिरिक्त चीनी बीमारी में और अधिक खतरनाक हो जाती है। बहुत अधिक चीनी सफेद रक्त कोशिकाओं यानी वाइट ब्लड सेल्स को कम कर सकती है। जिससे संक्रमण और अन्य संबंधित बीमारियों के विकास का खतरा बढ़ जाता है।
सोडा, कोल्ड ड्रिंक, कैंडी, चॉकलेट और अन्य मीठे प्रोसेस्ड फूड कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनसे आपको बच्चे को दूर रखना चाहिए।
डेयरी उत्पादों में एनिमल प्रोटीन होते हैं, जो फ्लू के दौरान बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। यूं तो प्रोटीन और कैल्शियम युक्त दूध, दही, पनीर इत्यादि बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन सर्दी खांसी होने पर दूध गले मे जमाव को बढ़ावा देता है, जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है।
बलगम के उत्पादन से बचने के लिए फ्लू होने पर डेयरी उत्पाद जैसे पनीर और क्रीम देने से बचना चाहिए।
इसके अलावा, बच्चों की दूध की खपत को जितना हो सके सीमित करें। इसके बजाय, ऐसी समस्याओं से बचने के लिए उन्हें मौसमी आहार दें। प्रोटीन के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन जैसे दाल, बीन्स, सोयाबीन इत्यादि उन्हें दें।
हिस्टामाइन युक्त खाद्य पदार्थ बच्चों को बीमारी में नुकसान पहुंचा सकते हैं। हिस्टामाइन एक हॉर्मोन है जो पेट के एसिड को बनाने में शामिल है।
मगर, सर्दियों में हिस्टामाइन युक्त समृद्ध आहार खाने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि यह बलगम के उत्पादन को प्रेरित कर सकता है। इससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और यहां तक कि आपके बच्चे के लिए भोजन को निगलना भी मुश्किल हो सकता है।
मेयोनेज, मशरूम, सिरका, केले, सोया सॉस, अचार, पपीता, दही, बैंगन और प्रोसेस्ड फूड से बचाना चाहिए।
तले हुए खाद्य पदार्थ – ज्यादातर वो जो तेल में डीप फ्राई होते हैं- फ्लू के दौरान बच्चों में गंभीर समस्या खड़ी कर सकते हैं। तला हुआ भोजन लार और बलगम के गाढ़ा होने का कारण बनता है और बच्चे में एक असहज भावना पैदा कर सकता है। चूंकि बच्चा अपनी समस्या ठीक से व्यक्त नहीं कर पाता, तो आपको ही अधिक सावधान होना पड़ेगा।
सर्दी जुकाम होने पर बच्चे को दलिया और ओट्स जैसे साबुत अनाज दें। डॉक्टर से सलाह लिए बिना कोई दवा ना दें। साथ ही, खांसी और बुखार कोविड-19 के लक्षण भी हो सकते हैं इसलिए डॉक्टर से जरूर मिलें।