योग और आहार के ये 4 संयोजन आपको बचा सकते हैं कई गंभीर बीमारियों से, एक्सपर्ट बता रहीं हैं कैसे

स्वस्थ रहने के लिए नियमित योगाभ्यास जरूरी है और योगाभ्यास के लिए हमें जो शक्ति चाहिए, वह संतुलित और पौष्टिक भोजन से ही मिल सकती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जानिए कैसे योग और आहार हैं एक-दूसरे के पूरक।
Yoga aur healthy diet apko mood swings se bacha sakti hai
स्वस्थ रहने के लिए आपको योग और आहार के संयोजन को समझना होगा। चित्र : शटरस्टॉक
Dt. Anshika Srivastava Updated: 25 Apr 2022, 09:57 pm IST
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“स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है” इसलिए स्वस्थ शरीर व मस्तिष्क के लिए योग (Yoga) तथा संतुलित आहार (Balanced Diet) अति आवश्यक है। योग/ योगा भारतीय दर्शन के 6 दर्शनों मे से एक है। योग विज्ञान (Yogic Science) के दो पहलू हैं- शारीरिक तथा अध्यात्मिक।

अर्थात योग के स्वास्थ्य के संबंध मे भी दो पहलू हैं- पहला योग के भौतिक पहलू से मिलने वाले लाभ तथा दूसरा योग के अध्यात्मिक पहलू से मिलने वाले लाभ। भैतिक पहलू जैसे कि आसन, प्राणायाम आदि से हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। इसलिए योग का एक लक्ष्य स्वास्थ्य सुधार भी है।

योग और आहार के बीच संबंध (Yoga and Diet)

समग्र पोषण (होलिस्टिक न्यूट्रीशन) और योग दर्शन में बहुत कुछ समान है। दोनों विषयों का एक साथ अपनी दिनचर्या में पालन करने से आपके समग्र स्वास्थ्य को लाभ पहुंचता है। शरीर के सभी तंत्र सुचारु रूप से कार्य करते रहें, मांसपेशियों में लचीलापन और मजबूती तथा हड्डियों में मजबूती होना भी योग और संतुलित आहार का लक्ष्य है।

सर्वश्रेष्ठ लाभ के लिए आपको अपने आहार और योगाभ्यास दोनों का ध्यान रखना है। चित्र: शटरस्टॉक
सर्वश्रेष्ठ लाभ के लिए आपको अपने आहार और योगाभ्यास दोनों का ध्यान रखना है। चित्र: शटरस्टॉक

योगासन का पूरा लाभ हमें तभी मिल सकता है, जब हमारा भोजन संतुलित व नियंत्रित होगा। ये कहना गलत नहीं होगा कि नियंत्रित भोजन और योग दोनो ही एक- दूसरे के पूरक हैं तथा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

कसरत और एनर्जी की जरूरत 

योग मुद्राएं एक तरह की एक्सरसाइज़ ही हैं, जिसमें हमारे शरीर की सभी मांसपेशियां शामिल होती हैं। इसी कारण मस्तिष्क भी अधिक सक्रिय होता है। जिससे ऊर्जा का प्रवाह हमारे शरीर में बढ़ जाता है। योगासन हमारे मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और इस दौरान हमारे मस्तिष्क से वही हार्मोंस निकलते हैं, जो एक्सरसाइज के दौरान निकलते हैं।

नियमित योगाभ्यास से एंडोर्फिन हॉर्मोन अधिक मात्रा में निकलता है। इससे एड्रीनलीन तथा कॉर्टिसोल जो तनाव को बढ़ाते है, उनकी मात्रा कम हो जाती है और हमें एक सुखद एहसास होता हैं। हमारे शरीर की सभी क्रियाओं को संतुलित बनाये रखने मे हार्मोन्स की भूमिका अहम होती है।

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जब हम स्वस्थ आहार लेते हैं, तभी योगाभ्यास के लिए शक्ति जुटा पाते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
जब हम स्वस्थ आहार लेते हैं, तभी योगाभ्यास के लिए शक्ति जुटा पाते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

जब हमारा शरीर स्वस्थ होगा, तो हमारे शरीर की विभिन्न प्रक्रियाएं जैसे- शारीरिक वृद्धि, नींद, समय पर भूख लगना, रक्त शुद्धिकरण, वर्ज्य पदार्थो का निष्कासन, ये सभी सुचारु रूप से होगा।

संतुलित आहार का योग पर प्रभाव

यकीनन संतुलित आहार योग के प्रभाव को बढ़ा देता है। संतुलित आहार का कार्य है शरीर को स्वस्थ रखना तथा रोगों से बचाव करना और योग भी हमारे शरीर मे संतुलन बनाये रखता है, जिससे बीमारियों को दूर रखने में मदद मिलती है। जब हमारा आहार पर्याप्त तथा संतुलित होगा, तो हमारे शरीर में एक संतुलन की अवस्था होगी और हम रोगों से मुक्त होंगे।

हमारे शरीर को ऊर्जा भोजन से ही प्राप्त होती है। यदि ये भोजन ही अपर्याप्त और अनहेल्दी होगा तो योग का जो पूरा लाभ हमें मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाएगा। साथ ही योगाभ्यास के लिए हमें जो शक्ति चाहिए वह भी संभव नहीं होगी।

योगाभ्यास के लाभ

जैसे-जैसे हम योगाभ्यास करते हैं, वैसे-वैसे हमें हमारे शरीर में हल्कापन तथा स्वस्थ होने की भावना महसूस होती है। योग के द्वारा हमें खुद पर तथा अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखने में सफलता प्राप्त होती है। इस तरह से हम गलत खान-पान की आदतों से भी छुटकारा पा सकते है या फ़िर उन पर नियंत्रण रख कर अपने स्वास्थ्य को और अच्छा बना सकते हैं।

निष्क्रिय जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर आहार हमें जीवनशैली संबंधी विकारों से घेर रहे हैं। चित्र : शटरस्टॉक
निष्क्रिय जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर आहार हमें जीवनशैली संबंधी विकारों से घेर रहे हैं। चित्र : शटरस्टॉक

बहुत सी ऐसी बीमारियां तथा जीवन शैली विकार हैं, जिसमें हमारे शरीर के विभिन्न अंग प्रभावित होते हैं या फिर खराब हो जाते हैं ।

योग में ऐसी बहुत सी मुद्राएं हैं , जिनका सीधा संबंध उन अंगों से होता है। उन मुद्राओं का निरंतर अभ्यास करने तथा संतुलित आहार लेने से हम उन अंगो में होने वाले विकारों से छुटकारा पा सकते हैं।

यहां हैं कुछ शारीरिक विकार और उन्हें दूर करने के लिए योग एवं भोजन का संयोजन

1 अच्छे पाचन या गट हेल्थ के लिए

भोजन मे प्रीबायोटिक तथा प्रोबायोटिक, साबुत अनाज, रेशेयुक्त भोजन के साथ-साथ ऊष्ट्रासन, त्रिकोणासन, उर्ध्वमुख श्वानासन, उत्तानासन, बालासन जैसे योग की आवश्यकता होती है।

2 उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए

कम नमक का भोजन, लो सोडियम वाला भोजन और उसके साथ उत्तानासन, अधोमुखश्वानासन, सेतुबांधआसन, पश्चिमोतानासन।

इम्‍युनिटी को मजबू बनाए रखने के लिए अपने आहार पर ध्‍यान दें। चित्र: शटरस्टॉक।
अपने आहार पर ध्‍यान दें। चित्र: शटरस्टॉक।

3 हाइपोथायरायडिज्म के लिए

गोईटरोजन फूड्स जैसे- बंदगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकोली, सोयाबीन तथा उसके बने पदार्थो को भोजन में न सम्मिलित करें। साथ ही साथ धनुरासन, सर्वांगासन, हलासन, शवासन जैसे आसनों का नियमित अभ्यास करें।

4 लीवर को स्वस्थ रखने के लिए

ज्यादा से ज्यादा फल तथा सब्जियों का सेवन करें। तैलीय, बासी, पैकेट बंद और जंक फूड्स से परहेज करें। साथ ही साथ शलभासन, अधोमुख श्वानासन, नौकासन, मलासन, भुजंगासन जैसे योगासनों का निरंतर अभ्यास करें।

ध्यान दें

योग और आहार के इन संयोजनों से हम इन सभी बीमारियों पर नियंत्रण पा सकते हैं। योगासन का महत्व लोग धीरे- धीरे समझ रहे हैं। कोविड -19 महामारी के दौरान योग के प्रति लोगों का रुझान और बढ़ा है। इस समय में हम सभी ने योगाभ्यास और संतुलित आहार के महत्व को और समझा है।

योग और संतुलित आहार इन दोनों का संतुलित संयोजन ही हमें इस महामारी और आने वाली कई समस्याओं से बचा सकती है। इसलिए नियमित योगाभ्यास करें, स्वास्थ भोजन लें और स्वस्थ रहें।

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लेखक के बारे में

Dt. Anshika Srivastava is Founder of Nutri Hub. Chief Clinical Nutrition Consultant. ...और पढ़ें

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