जब भी हम थकावट या कमजोर महसूस करते है, शरीर में दर्द की शिकायत हो या बुखार रहो रहा हो, तो हम सिर्फ एक कप गर्म चाय लेना चाहते हैं। न सिर्फ उसकी गरमाहट के लिए, बल्कि हर्बल इन्फ्यूजन के लिए भी। चाय पारंपरिक रूप से पूरी दुनिया में एक पेय के रूप में इस्तेमाल की जा रही है। पर अभी तक अगर आप इसके फायदों से अनजान हैं, तो हम आपके लिए ले आए हैं खास तीन तरह की चाय।
लंबे समय से माना जाता है कि चाय पीने से अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। अधिकतर चाय में एंटीऑक्सिडेंट होते है, जो शरीर को सर्दी और वायरस जैसी कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। वे सिर्फ इम्युन सिस्टम बूस्ट नहीं करते, बल्कि एंटी-इंफ्लेमेटरी इफेक्ट होने के कारण हील करने में भी मदद करते है।
रोज़वॉक हॉस्पिटल की पोषण विशेषज्ञ राशि चहल ने हेल्थ शॉट्स को बताया, “ऐसे कई अध्ययन हैं जिसमें चाय को वजन घटाने, गट स्वास्थ्य बहाल करने, शरीर में दर्द और गले की खराश को कम करने के लिए लाभदायक माना गया है।”
चहल के अनुसार, “कई सालों से तरह-तरह की चाय का इस्तेमाल गले की खराश से राहत पाने के लिए किया जा रहा है। ऐसी कई तरह की चाय हैं, जिनमें प्लांट कोम्पोनेंट होते हैं जो कि एंटीऑक्सिडेंट (antioxidant) का एक अच्छा सोर्स हैं, और गले के दर्द को कम कर सकते हैं। ये गर्म तरल पदार्थ हैं, और डिहाईड्रेशन (dehydration) को रोकने में भी मदद करते हैं। हाइड्रेशन बॉडी टेम्प्रेचर और बलगम क्लिएरेंस (clearance) को रेगुलेट करने में हेल्प करता है। उनके अनुसार, “ऐसी कई विशेष रेसिपीज (special concoctions) हैं, जो गले की खराश के दर्द को शांत करते हैं।
दालचीनी एक गर्म मसाला है और इसकी खुशबू मूड को ठीक करती है। यह अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है। जो गले के इन्फेक्शन और सर्दी से लड़ने में मदद करता है। क्योंकि यह बहुत सारे एंटीऑक्सिडेंट से भरा होता है, इसलिए यह इसे सूजन ठीक करने के लिए एक प्रभावी सहयोगी बनाता है।
आरामदायक दालचीनी की चाय बनाने के लिए, बस थोड़ी हल्दी के साथ एक चुटकी दालचीनी मिलाएं या इसका प्रयोग गुनगुने पानी के साथ करें।
लंबे समय से हल्दी आयुर्वेदिक मेडिसिन में प्रयोग की जाती रही है, और अपने एंटीइंफ्लामेंटरी गुणों के कारण काफी लोकप्रिय भी है। इस मसाले के कई सारे फायदे हैं। यह एक पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट है और जिसमें माइक्रोबियल गुण होते हैं। यह न सिर्फ संक्रमण से लड़ने में, बल्कि जल्दी ठीक होने में भी मदद करता है।
“आप दूध में इसकी एक चुटकी मिला सकते हैं और सोने से पहले इसे पानी या दूध में काली मिर्च के साथ उबाल कर पी सकते हैं।
सावधानी: हल्दी का इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में ही करना है, यानि हर सर्विंग में लगभग एक पानी की बूंद।”
चाहे गले में खराश हो या पेट खराब हो, अदरक हर्बल रेमेडीज के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसमें एक्टिव कोम्पोनेंट होते हैं, जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। शरीर की नेचुरल इम्युन डिफेंस में सपोर्ट करते हैं और जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं।
“अध्ययन का समर्थन करता है कि इसके एंटीइंफ्लेमेटरी कोम्पोनेंट टोनिलिटिस (tonsillitis) को कम करने में असरदार हैं। लेकिन अगर इसकी अधिक मात्रा का सेवन किया जाए, तो यह कब्ज का कारण बन सकता है। इस काढ़े को बनाने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसे पुदीने की पत्तियों के साथ उबाला जाए और लाभदायक चाय का आनंद लिया जाए।”
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