कई बार फिट रहने और अच्छा दिखने के बारे में हम इतना सोचने लगते है कि किसी भी फलतु की चीज पर विश्वास कर लेते हैं। लेकिन आपको ये बात समझनी चाहिए कि हमेशा हम जो देखते है या पढ़ते है वो हकीकत में सही नहीं होते है। आपको कई बार जो चीजें सेहत के लिए अच्छी लगती है हकीकत में वो अच्छी हो यह जरूरी नही है।
अच्छे स्वास्थ्य को हासिल करने और बनाए रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन बहुत जरूरी होता है जिसमें उचित पोषण हो। पोषण विशेषज्ञ राशि चौधरी ने हाल ही में लोगों को जागरूक करने के लिए इसके बारे में एक इंस्टाग्राम रील पोस्ट की। वीडियो में उन्होंने तीन अलग-अलग स्वास्थ्य संबंधी गलतफहमियों के बारे में बात की।
फलों का बहुत अधिक सेवन या केवल फलों के डाइट से बचना चाहिए, पोषण विशेषज्ञ राशि चौधरी बताती है कि एक बार में 100 ग्राम से ज्यादा फल खाने से आपका शुगर लेवल बहुत तेजी से बढ़ सकता है। जब तक आप बहुत अधिक कसरत नहीं करते और दिन में अत्यधिक सक्रिय नहीं होते, बहुत अधिक फल आपके लिए बहुत केवल अधिक चीनी के सेवन जैसी ही है।
फल खाना सेहत के लिए बहुत जरूरी है लेकिन इसका ओवरडोज खराब हो सकता है खासकर उन लोगों के लिए जो चायपाचय या गट हेल्थ की समस्या का सामना कर रहें है। यदि आपको फल बहुत अधिक पसंद है तो आप इसे सिमित मात्रा में और अपने समय पर हो सके तो थोड़े वसा के साथ लें।
डेयरी उत्पादों से कई लोग जिनको एक्ने की समस्या होती है उनके लिए अच्छे नही होते है। हार्मोन का बढ़ना सूजन का कारण बनता हैं जो पोर्स को बंद कर देते हैं और मुँहासे पैदा करते हैं। ऐसा क्यूं होता है? क्योंकि गायों को जीवित रखने और दूध देने के लिए उन्हें सिंथेटिक हार्मोन और एंटीबॉडी से उपचारित/पंप किया जाता है। और ये सिंथेटिक हार्मोन आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं जो इस भ ट्रिगर करता है।
पौधे आधारित दूध के विकल्प जैसे बादाम दूध, सोया दूध, या नारियल का दूध चुनें। ये विकल्प व्यापक रूप से उपलब्ध हैं और इन्हें विभिन्न व्यंजनों और पेय पदार्थों में डेयरी दूध के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
अच्छी वसा खाने से आपकी त्वचा कोमल रहती है, आपका यौन स्वास्थ्य मजबूत रहता है, आपका रक्त शर्करा स्थिर रहता है और आपका मस्तिष्क स्वस्थ रहता है।
इसलिए पैक पर लिखे लेबल को देखें और वसा की मात्रा और गुणवत्ता की जांच करें।
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कस्टमाइज़ करेंकई जीरो-फैट या कम-वसा वाले पैकेज्ड खाद्य पदार्थ भारी मात्रा में प्रोसेस्ड होते हैं और उनमें स्वाद और बनावट को बढ़ाने के लिए संरक्षक और कृत्रिम स्वाद होते हैं। इन सामग्रियों का स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है और ये समग्र रूप से कम पौष्टिक आहार माने जाते है।
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