ठंड के मौसम में पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। क्योंकि इस दौरान मेटाबोलिज्म से लेकर पाचन प्रक्रिया तक धीमी हो जाती है। ऐसे में अपच, एसिडिटी, गैस और कब्ज की समस्या होना आम है। वहीं सर्दियों में लोग आमतौर पर कम पानी पीते हैं, जिस वजह से आप आसानी से कब्ज की शिकार हो सकती हैं।
कब्ज की समस्या पाचन क्रिया को प्रभावित करने के साथ ही त्वचा के लिए काफी हानिकारक होती है। इतना ही नहीं यह समग्र सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके साथ ही यह समस्या आपकी दिनचर्या में भी एक बड़ी बाधा बनती है। ऐसे में इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए लेकर आये हैं एक्सपर्ट के सुझाए ऐसे दो प्रभावी घरेलू नुस्खे जो सर्दियों में कब्ज की समस्या से राहत पाने में आपकी मदद करेंगे।
भारतीय योगा गुरु, योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने कब्ज के निवारण के लिए 2 होममेड मिरेकल वॉटर की रेसिपी बताई है। साथ ही उन्होंने इसे बनाने में इस्तेमाल हुए खाद्य स्रोत के फायदों पर भी बातचीत की है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में थोड़ा विस्तार से।
पानी
सौंफ
अदरक पाउडर/ताजी कस की हुई अदरक
चिया सीड्स
ड्राई अंजीर
सबसे पहले पानी को गुनगुना कर लें।
फिर पानी मे सौंफ, अदरक पाउडर/ताजी कस की हुई अदरक, चिया सीड्स और ड्राई अंजीर डाल कर कम से कम 5 घंटों के लिए छोड़ दें।
अब रात को सोने से पहले या सुबह खाली पेट इसे जरूर पियें। कब्ज की समस्या से फौरन राहत मिलेगी।
सौंफ में एंथोल नामक कंपाउंड मौजूद होता है जो पेट की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है और कॉन्स्टिपेशन के लक्षण को कम करने में मदद करता है। वहीं अदरक डाइजेस्टिव ट्रैक से पेरिस्टालसिस मोबिलिटी को इम्प्रोव करता है। यह कब्ज से निपटने और ब्लोटिंग को कम करने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रभावी घरेलू नुस्खे में से एक है।
एक्सपर्ट के अनुसार इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले चिया सीड्स में पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो आतों को खाना पचाने में मदद करता है और कब्ज की समस्या में कारगर होता है। वहीं अंजीर भी फाइबर से भरपूर होता है जो मल त्याग करने में आपकी मदद करता है। साथ ही इसमे मौजूद विटामिन B6 पाचन क्रिया को संतुलत रखते हैं और पाचन संबंधी समस्याओं में फायदेमंद होते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंपानी
दालचीनी
जीरा
आंवला जूस
पुदीना की पत्तियां
सबसे पहले पानी को गुनगुना कर लें।
अब पानी मे दालचीनी, जीरा, आंवला जूस, पुदीना की पत्तियों को डालकर एक घंटे के लिए छोड़ दें।
जब यह तैयार हो जाये तो पुरे दिन में कभी भी इसका सेवन कर सकती हैं।
तुलसी पेट के पीएच लेवल को सामान्य रखता है। इसके साथ ही इसमे एंटीअल्सर प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो गैस्ट्रिक और एसिडिटी को कम कर देती है और मल त्याग करने में मदद करती है। वहीं एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर तुलसी पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद होता है।
दालचीनी खाद्य पदार्थों को पूरी तरह पचने में मदद करती है। इसके साथ ही एसिडिटी और गैस्ट्रिक की समस्या नहीं होने देती। वहीं जीरा डाइजेस्टिव जूस को स्टिम्युलेट करता है और इसे एसिडिटी ब्लोटिंग और कब्ज की समस्या के लिए काफी प्रभावी माना जाता है।
इसमे इस्तेमाल होने वाला आंवला पाचन संबंधी समस्याओं के साथ सेहत संबंधी अन्य समस्याओं के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। वहीं इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व एसिडिटी और कब्ज की समस्या में काफी कारगर माने जाते हैं।
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