मानसून का मौसम जब भी आता है तो अपने साथ कुछ परेशानियां भी लेकर आता है। उसमें से एक है फूड पॉइजनिंग। अगर फूड प्वाइजनिंग का डर आपको भी कुछ खाने नहीं देता तो जानिए क्यों होती है फूड प्वाइजनिंग और कैसे करें बचाव।
फूड प्वाइजनिंग किसी भी मौसम में हो सकती है। लेकिन इसका जोखिम बरसात में ज्यादा बढ़ जाता है। खाने वाली चीजों से होने वाली बीमारी को आमतौर पर फूड पॉइजनिंग की कैटेगरी में रखा गया है और यह समस्या तब होती है जब दूषित, खराब या विषाक्त खाना खाती हैं। इसके सबसे आम लक्षणों में मतली, उल्टी और दस्त शामिल हैं।
डॉ शालिनी गर्विन ब्लिस, आहार विशेषज्ञ, कोलंबिया एशिया अस्पताल, गुड़गांव के अनुसार बारिश के मौसम के दौरान हवा में नमी बहुत ज्यादा हो जाती है और इस मौसम में रोगाणु भी बहुत बढ़ जाते हैं। विशेष रूप से ऐसी स्थितियों में फंगी के कई गुणा बढ़ने की संभावना रहती है। जिससे ये भोजन को जल्दी से ख़राब कर देती हैं।
यह रोगाणु बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट किसी भी रूप में हो सकते हैं। जो खाने में टॉक्सिन उत्पन्न कर देते है। यही वह टॉक्सिन होता है जो सभी समस्याओं का कारण होता है।
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कीटाणुओं से भरपूर खाने को खाने के बाद लक्षण दिखने में कुछ समय या कुछ दिन लग जाते हैं। लक्षण दिखने का समय इस बात पर निर्भर करता है कि खाने का कितना अमाउंट लिया है या खाने के किस भाग से फूड प्वाइजनिंग हुई है।
फूड प्वाइजनिंग होने के बहुत से अलग अलग कारण हो सकते हैं। जिन खाद्य पदार्थों को ठंडा होना चाहिए लेकिन उन्हें गर्म किया जाता है तो यह फूड पॉइजनिंग का मुख्य कारण होता है। इसलिए ही फूड प्वाइजनिंग बुफे और पिकनिक्स पर ज्यादा आम है।
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आप मानसून के दौरान कच्चा खाना खाती हैं और खास कर नॉन वेज को अच्छे से नहीं पकाती, तो इससे आपका फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ सकता है और इसे मानसून के दौरान सुरक्षित भी नहीं माना जाता है।
अगर आप खाने को एक समय में पूरा खत्म नहीं कर पाते हैं तो उसे एक ऐसे तापमान में स्टोर करें जहां वह खराब न हो सके। अगर आप उसे अच्छे से स्टोर नहीं करेंगे तो वह बासी हो सकता है। जो आपका फूड प्वाइजनिंग का रिस्क बढ़ा सकता है। इसलिए इस मौसम में बासी खाना न खाएं।
अगर आप इस मौसम में हाइजीन का ध्यान नहीं रखते हैं तो भी बीमार पड़ सकती हैं। स्ट्रीट फूड इस मौसम में फूड प्वाइजनिंग का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर होता है क्योंकि उसे बनाते समय हाइजीन का ध्यान नहीं रखा जाता है। फिर चाहे वह कितना ही गर्म क्यों न हो वह आपके लिए हानिकारक है।
अगर आप इस मौसम में पानी के हाइजीन का ध्यान नहीं रखती तो भी बीमार पड़ सकती हैं। इसलिए अगर कहीं बाहर जा रही हैं तो घर का और फिल्टर सप्लाई का पानी ही पिएं। अगर आप बॉटल का पानी पीती हैं तो वह भी इतना ज्यादा सुरक्षित नहीं होता है।
वैसे तो फूड पॉइजनिंग का इलाज आमतौर पर घर पर करने से तीन से पांच दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। निम्न बातों का ध्यान रखें।अगर तबीयत ज्यादा खराब है तो आप डॉक्टर से कांटेक्ट करें।
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