हर साल हृदय रोग से भारत में कई जानें जाती हैं। रिपोर्ट और आंकड़े बताते हैं कि खराब जीवनशैली के कारण भारतीय लोग अन्य लोगों की तुलना में लगभग 10 साल पहले दिल के दौरे के शिकार हो जाते हैं।
हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट एक गंभीर मामला है – यह अचानक नहीं होता है, जैसा कि आज के समय में आम धारणा है। दरअसल हमारे शरीर का तंत्र हमें विभिन्न तरीकों से बताता रहता है कि हमारा दिल बीमार है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए हमें ध्यान से सुनना चाहिए कि हमारा शरीर क्या बता रहा है।
स्थिति तब और भी बिगड़ जाती है जब मरीज को कई घंटे बीत जाने के बाद ही अस्पताल लाया जाता है। इसलिए, उनका इलाज करना बहुत मुश्किल हो जाता है। क्योंकि वे गोल्डन आवर उपचार से चूक जाते हैं – जो कि दिल का दौरा पड़ने के बाद पहला एक घंटा है। यह पहला घंटा, जटिलताओं को कम करने और मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आदर्श है।
दिल का दौरा पड़ने के बाद, हृदय की मांसपेशियां एक घंटे से 90 मिनट के बाद मरने लगती हैं, क्योंकि उन्हें रक्त मिलना बंद हो जाता है। छह घंटे के बाद, हृदय के विभिन्न हिस्से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और ज्यादातर रोगियों को दूसरा मौका नहीं मिलता।
लोग समय पर दिल के दौरे के लक्षणों की पहचान करने या उचित चिकित्सा सहायता लेने में विफल रहते हैं। दिल के दौरे के रोगियों का समय पर इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि कमर के स्तर से ऊपर किसी भी सीने में दर्द के लिए ईसीजी करवाया जाए और बिना किसी देरी के चिकित्सक द्वारा परामर्श किया जाए।
अक्सर लोग सीने में दर्द को अपच या एसिडिटी की समस्या का कारण बता कर नजरअंदाज कर देते हैं। किसी भी प्रकार के तेज सीने में दर्द की तुरंत चिकित्सक द्वारा जांच की जानी चाहिए। विशेष रूप से उन लोगों में जिनका पारिवारिक इतिहास है और जेनेटिक रूप से हृदय की समस्याओं से ग्रस्त हैं।
गोल्डन आवर के भीतर अस्पताल पहुंचना, जिसमें एक इन-हाउस कैथ लैब हो, चिकित्सकों को दिल का दौरा पड़ने का पता लगाने के लिए टेस्ट और स्कैन करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करता है। साथ ही, रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए सही कदम उठाने का मौका देता है।
दर्द की तीव्रता निर्णायक कारक नहीं है। कई बार दिल का दौरा पूरी तरह से दर्द रहित हो सकता है। इसमें छाती में अचानक जलन, सांस फूलना, चक्कर आना, बेचैनी, थकावट, उल्टी या पसीना आना जैसे लक्षण नजर आते हैं। अगर कोई व्यक्ति ऐसे लक्षणों से जूझ रहा है, जिनके बारे में वह बता नहीं पा रहा, तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए।
समय पर उपचार से हृदय की मांसपेशियों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। अगर मामूली दिल का दौरे को नजरअंदाज किया जाता है, तो बड़ा दिल का दौरा पड़ सकता जो अचानक मौत का कारण हो सकता है।
कुछ मामलों में सीने में दर्द सांस लेने में कठिनाई के साथ जोड़ा जाता है। यहां दिल के मरीजों के लिए पैसे से ज्यादा कीमती समय है। जितनी जल्दी आप कार्रवाई करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ठीक हो जाएंगे।
असामान्य स्थानों पर दर्द, लगातार उल्टी आदि को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह दिल का दौरा हो सकता है।
पहले ही निवारण करना हमेशा इलाज से बेहतर है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें। धूम्रपान, शराब और तंबाकू के सेवन से सख्ती से परहेज करें। अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखें और मोटापे को दूर रखें।
जांच के लिए डॉक्टर से मिलें। अपने बीपी, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करें और उन्हें नियंत्रित करें- और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
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