वर्तमान स्थिति ने हमारे जीवन में बहुत तनाव बढ़ा दिया है। कोविड-19 महामारी के कारण हमारी जीवनशैली पूरी तरह बदल गयी है, कोई जानकारी नहीं है यह कब नॉर्मल होगा! अब भी घर से बाहर निकलते हुए डर लगता है। ऐसे में सभी की मानसिक स्थिति पर दुष्प्रभाव पड़ा है।
इसी बीच अमेरिका के अस्पतालों से आई जानकारी में पाया गया है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के केसेस में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। गौरतलब है कि इससे ग्रस्त सभी मरीज कोविड नेगेटिव थे। यानी कोरोना वायरस इस समस्या के लिए ज़िम्मेदार नहीं है।शोधकर्ताओं का कहना है कि यह सिंड्रोम साइकोलॉजिकल कारणों से हो रहा है।
ताकोटसुबो कार्डिओमायोपैथी जिसे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम भी कहते हैं, एक प्रकार का हार्ट अटैक है, जिसमें सीने में दर्द होता है और सांस लेने में तकलीफ होती है। लेकिन यह असली हार्ट अटैक नहीं उसकी कॉपी होता है जिसका कारण होता है स्ट्रेस।
इसमें हार्ट अटैक की तरह कोई बड़ा वेन ब्लॉक नहीं होती। इसमें दिल के कुछ भाग हल्के फूल जाते हैं, कुछ-कुछ गुब्बारे की तरह। 1990 में जापान में यह समस्या देखी गयी और वहीं से इसका नाम पड़ा ताकोटसुबो- ऑक्टोपस पॉट, क्योंकि दिल कुछ उसी प्रकार फूल जाता है।
वैश्विक स्तर पर देखा गया है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है। खासकर मेनोपॉज के बाद। महिलाओं में यह ज्यादा कॉमन क्यों है इस विषय पर रिसर्च जारी है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है इसके लिए हॉर्मोन्स ज़िम्मेदार हैं।
इस सिंड्रोम का सटीक कारण तो अभी तक नहीं पता लगाया जा सका है, लेकिन कई स्टडीज में पाया गया है कि स्ट्रेस एक बड़ा कारण है। इस स्ट्रेस का कारण कुछ भी हो सकता है, कोई प्राकृतिक आपदा, किसी करीबी की मृत्यु, आर्थिक समस्या, पर्सनल ट्रॉमा, एक्सीडेंट या कोई गम्भीर बीमारी।
जहां हार्ट अटैक अधिकतर सुबह आता है, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम दोपहर के समय सबसे ज्यादा आता है। तनाव के कारण एड्रेनलिन निकलता है जो दिल के लिए खतरनाक होता है। इससे दिल की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं। पूरी मैकेनिज्म की जानकारी अभी वैज्ञानिकों को नहीं है।
क्योंकि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम, हार्ट अटैक की तरह ही होता है, तो इसका इलाज भी उसी तरह होता है। मरीज को ICU में ले जाया जाता है, कार्डियक मेडिसिन दी जाती हैं और कुछ केसेस में एंजियोग्राफी की ज़रूरत पड़ती है। एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ती।
इस समस्या का रिकवरी रेट 97% है। ज्यादातर मरीज चार हफ्ते में पूरी तरह दुरुस्त हो जाते हैं।
इस बीमारी के बारे में जानकारी अभी कम है इसलिए प्रीकॉशन्स रखना ही बेस्ट है। स्ट्रेस जितना कम होगा, यह सिंड्रोम उतना ही दूर रहेगा।
ज़रूरी बात
यह स्टडी सिर्फ यूएस के अस्पताल की है, और बहुत छोटे स्तर की है। ऐसे में यह मानना कि कोविड-19 में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम बढ़ा है थोड़ी जल्दबाजी होगी। इस पर और जानकारी और बड़े स्तर की रिसर्च होना जरूरी है।
मगर इसमे कोई शक नही है कि कोविड-19 ने सभी के जीवन में स्ट्रेस बढ़ा दिया है।
इसलिए स्ट्रेस मैनेज करना सीखना हम सभी के लिए ज़रूरी है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए। स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और जंक फूड खाने को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। 15 से 30 मिनट एक्सरसाइज घर पर ही करें। आप योग, मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं। खुद को शांत और तनाव मुक्त रखें।
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