शरीर में गंदे खून के जमाव को कोलेस्ट्रोल के नाम से जाना जाता है। जो हमारे शरीर में ही मौजूद रहता है। जिसे समझने और परखने में हम थोड़ा देरी करते हैं। यह कोलेस्ट्रोल शरीर की ब्लड सेल्स में जमा होता है, जिससे शरीर के अहम हिस्से में खून नहीं पहुंच पाता है। जिस कारण लोगों को स्ट्रोक, हर्ट अटैक जैसी गंभीर हालात से लोगों को गुजरना भी पड़ता है। इसी के चलते हर वर्ष हाई कोलेस्ट्रोल के कारण मरने वालों की संख्या 155.7 से बढ़कर 209.19 प्रतिशत हुई है (यह आकड़े 2018 की रिपोर्ट पर आधारित है, वर्तमान में 50 प्रतिशत बढ़ा है )। लोगों को इसे समझने में देरी नहीं करनी चाहिए।
पैरों, हाथों, स्किन पर निशान, आंखों में रेडिशनेस आदि संकेत हैं कि आपके शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा ज्यादा हो गई है। इसकी समय पर जांच करानी चाहिए। नहीं तो स्थिति गंभीर हो सकती है। बैड कोलेस्ट्रॉल क्या है, ये आपके लिए कैसे जोखिम बढ़ा सकता है और आप इससे कैसे बच सकती (How to get rid of bad cholesterol) हैं, इसके लिए इस लेख को अंत तक पढ़ती रहें।
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भोपाल के आरडी मेमोरियल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में 24 साल से सेवाएं दे रहे प्रोफेसर डॉ मनीष पिल्लवान बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल एक मोम की तरह दिखने वाला सब्सटेंस है। कोलेस्ट्रॉल शरीर के अंदर लीवर में बनता है। डॉक्टर कहते हैं कि यह दो प्रकार का होता है एक एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन ) एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन)। इन दोनों में एलडीएल का बढ़ना शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है। शरीर में एलडीएल की मात्रा ज्यादा होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना ही उचित है। नहीं बीमारी कभी भी बड़ी समस्या पैदा कर सकती है।
इसके ज्यादा शरीर में गंदे खून की मात्रा बढ़ने लगती है। थक्के जमने के कारण खून की आपूर्ति बॉडी के हर पार्ट तक नहीं हो पाती। जिससे कभी कभी हर्ट अटैक, या पैरालिसिस अटैक होने की संभावनाएं ज्यादा हो जाती हैं। इसके कम करने के लिए व्यायाम, योगा और हेल्दी डाइट से कंट्रोल में लाया जा सकता है। यह रोज़ाना करने से एक माह के भीतर इसे कम किया जा सकता है।
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से पिंपल, वजन कम होना, सीने में दर्द, फुडि़या-फुंसी, सुन्न होना, जल्दी थकान महसूस होना, चर्म रोग होता है। गंदे खून के कारण होने वाले समस्याएं तो सही हो सकती हैं, लेकिन यदि कोई अटैक आ गया तो शायद जान भी जा सकती है। इसके लिए आपकों आयुर्वेद की जड़ी बूटियां कारगर साबित हो सकती हैं। इसके लिए नज़दीकी डॉक्टर से परामर्श लें।
आयुर्वेदिक डॉक्टर मनीष पिल्लवान बताते हैं कि पिंपल, वजन कम होना, सीने में दर्द, फुडि़या-फुंसी, सुन्न होना, जल्दी थकान महसूस होना, चर्म रोग आदि की समस्या है तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। शरीर के भीतर क्या हो रहा है यह जांच होने पर रिपोर्ट में ही पता चल सकता है। इसके लिए 11 साल से 55 साल तक हर पांच साल में ब्लड लिपिड टेस्ट कराना चाहिए। जिससे कोलेस्टॉल शरीर में कितना बढ़ा है, इसकी जानकारी समय से हो सके, और आप किसी बड़ी समस्या से बच सकें।
त्रिफला, शिलाजीत, अश्वगंधा, अर्जुन की छाल, हरीतकी को किसी पंसारी की दुकान से खरीद लें। इसके बाद घर लाकर इसके पाउडर बना लें। फिर इसका एक तय मात्रा में सेवन करें, आराम मिलेगा।
अर्जुन की छाल के पाउडर का सेवन दिन में तीन बार शहद के साथ करें। अश्वगंधा को दिन में एक ग्राम सेवन करें। त्रिफला का प्रयोग हरीतकी के पाउडर को साथ मिलाकर दिन में एक बार तीन ग्राम तक सेवन करें। शिलाजीत तीन सौ मिलीग्राम से पांच सौ मिलीग्राम तक एक दिन में लेना चाहिए (एक बार में आधा चम्मच)। इसके अलावा हरितकी को अलग से भी भोजन के बाद एक ग्राम लेना उचित रहेगा। इसके अलावा नीम के पत्तों को खाली पेट चबाएं और फिर पानी पी लें।
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