आपकी मुस्कान आपका सबसे खूबसूरत आभूषण है। ऐसे में इसका ख्याल रखना भी बहुत जरूरी होता है। पीले दांत न केवल शर्मींदगी का कारण बन सकते हैं, बल्कि ओरल हाइजीन की दृष्टि से भी खतरनाक है।
हमारे दांतो के ऊपर इनेमल नामक एक परत होती है, जो दांतो को सफेद चमक देती है। यह इनेमल कैल्शियम की बनी होती है। इनेमल पर सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे भोजन का पड़ता है। हम जो खाते हैं वह हमारे मुंह के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
इनेमल के पीलेपन के दो कारण हो सकते हैं- पहला यह कि हम कुछ ऐसा खा रहे हैं जो हमारे इनेमल पर दाग छोड़ रहा है। जिसके कारण पीलापन आ रहा है। ऐसी स्थिति में इनेमल को साफ करके चमक दोबारा पाई जा सकती है।
दूसरा कारण होता है बैक्टीरिया – जो हमारे दांतो के ऊपर परत बना लेते हैं। समय के साथ इनेमल को गला देते हैं। अगर इनेमल गल गई तो आपके दांत की हड्डी जिसे डेन्टिन कहते हैं, दिखने लगती है। डेन्टिन प्राकृतिक रूप से हल्की पीली होती है। इसलिए इस स्थिति में आपके दांतों को सफेद करने की कोई संभावना नहीं बचती।
इसके लिए रोजाना अपने दांतों का ख्याल रखना जरूरी होता है।
दांतो को साफ और सफेद बनाने के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल सबसे प्रचलित है। बेकिंग सोडा टूथपेस्ट इत्यादि में भी मौजूद होता है, लेकिन इससे डायरेक्टली ब्रश करना ज्यादा फायदेमंद है।
बेकिंग सोडा एक माइल्ड अब्रेसिव है जिसके कारण यह इनेमल से दाग छुड़ा सकता है। नेशनल सेन्टर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन की स्टडी के अनुसार बेकिंग सोडा मुंह के अंदर एल्कलाइन ph बना देता है, जो बैक्टीरिया पनपने नहीं देता।
पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित रिव्यू के अनुसार कई स्टडीज यह दावा करती हैं कि बेकिंग सोडा युक्त टूथपेस्ट दांत सफेद करने के लिए बिना बेकिंग सोडा के टूथपेस्ट से ज्यादा असरदार है।
आप घर पर ही थोड़े से टूथपेस्ट में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर उस पेस्ट से ब्रश कर सकती हैं। हफ्ते में 3 से 4 बार यह करने से आपको धीरे-धीरे फर्क नजर आएगा।
जी हां, आपकी पसंदीदा स्ट्रॉबेरी आपके स्वास्थ्य के लिए तो फायदेमंद है ही, साथ ही आपके दांतों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। पिछले कुछ समय में स्ट्रॉबेरी और बेकिंग सोडा से ब्रश करने का प्रचलन बहुत बढ़ा है।
स्ट्रॉबेरी में मौजूद मैलिक एसिड इनेमल पर मौजूद पीलापन हटाने में कारगर है। जबकि बेकिंग सोडा बैक्टीरिया को दूर रखता है।
हालांकि इसका प्रभाव बाजार में मौजूद प्रोडक्ट के मुकाबले कम होता है। लेकिन यह सुरक्षित है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
इसके लिए आपको एक स्ट्रॉबेरी को कुचलकर पेस्ट बनाना है और आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाना है। इस पेस्ट से हफ्ते में दो से तीन बार तक ब्रश करें। यह भी धीरे-धीरे असर दिखाता है।
प्राचीन भारत में दांतो को स्वस्थ रखने के लिए ऑयल पुलिंग का प्रयोग बहुत प्रचलित था। इस प्रक्रिया में तेल से कुल्ला किया जाता है, जिससे मुंह के सभी बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं। यह तरीका वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है।
इसके लिए आपको सिर्फ एक चम्मच नारियल या तिल का तेल लेना है और इससे अच्छे से कुल्ला करना है। हालांकि कोई भी तेल काम करता है। नारियल तेल में लौरिक एसिड होता है जो बैक्टीरिया को खत्म करता है। कई स्टडीज में यह पाया गया है कि ऑयल पुलिंग से प्लाक और जिनजिवाइटिस का खतरा भी कम होता है।
अनानास से ब्रश करने से भी आपको ज्यादा सफेद और स्वस्थ दांत मिलते हैं।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ डेंटल हाइजीन की स्टडी के अनुसार अनानास में मौजूद एंजाइम ब्रोमेलेन में दांतों को सफेद करने की क्षमता होती है। हालांकि यह स्टडी यह साफ नहीं करती कि अनानास खाने से दांत सफेद होते हैं या नहीं।
इसके अतिरिक्त आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि आप रोजाना दो बार ब्रश करें, फ्लॉस करें और ऐसे भोजन से दूर रहें जो आपके दांतों को पीला करता है।
कॉफी, रेड वाइन और सोडा ड्रिंक्स दांतो को पीला करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। तम्बाकू भी दांतों के लिए बहुत खतरनाक होता है। अपने मुंह की केयर हर दिन करें।
अगर आपको तुरंत अपने दांतों को सफेद करना है, तो आप डेंटिस्ट से क्लीनिंग भी करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त मार्केट में टीथ व्हाइटनर स्ट्रिप उपलब्ध हैं, लेकिन इनका नियमित इस्तेमाल करने से बचें।