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क्या सर्दी-खांसी, जुकाम होने पर बेबी को देनी चाहिए चाय? एक्सपर्ट से जानिए इसके जोखिम

बेबी की सेहत का ख्याल रखने के लिए कुछ माता - पिता उन्हें चाय पिलाने लगते हैं, जिससे उनके शरीर में कुछ गर्म पहुंचता रहे। मगर, सवाल यह पैदा होता है कि क्या इतने छोटे बच्चे को चाय पिलाना सही है? अधिक जानने के लिए पढ़ें।
Published On: 1 Nov 2022, 06:11 pm IST
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baby and side effects of tea
बेबी के लिए नुकसानदायक है चाय। चित्र : शटरस्टॉक

मौसम बादल रहा है, ऐसे में जब छोटे बच्चों या शिशुओं की केयर करने की बात आती है, तो माता – पिता बड़े परेशान होने लगते हैं। अक्सर उन्हें इस बात की चिंता सताती रहती है कि कहीं हमारे बच्चे को ठंड न लग जाए। इसलिए वे बेबी की सेहत को ध्यान में रखते हुये उसके लिए तरह – तरह के घरेलू नुस्खे आजमाना शुरू कर देते हैं। इन्हीं में से एक है बेबी को चाय पिला देना! आपने भी कई बार बेबी को सर्दी-खांसी से बचाने के लिए ऐसी सलाह सुनी होगी। पर क्या आप जानती हैं कि नन्हें शिशु को चाय पिलाना न सिर्फ उसके पेट, बल्कि हार्ट हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

आजकल मौसम में ठंडक बढ़ने लगी है, ऐसे में शिशु तेज़ी से बीमार पड़ते हैं। सबसे पहले उन्हें सर्दी – खांसी, जुकाम होता है। उसके बाद उन्हें बुखार आ जाता। किसी शिशु के लिए एक छोटा सा बुखार झेलना भी बहुत मुश्किल होता है क्योंकि शरीर नाजुक होता है और वह सिर्फ मां के दूध पर पूरी तरह से निर्भर होता है।

ऐसे में बेबी की सेहत का ख्याल रखने के लिए कुछ माता – पिता उन्हें चाय पिलाने लगते हैं, जिससे उनके शरीर में कुछ गर्म पहुंचता रहे। मगर, सवाल यह पैदा होता है कि क्या इतने छोटे बच्चे को चाय पिलाना सही है? (tea for babies)

तो चलिये आज पता करते हैं कि शिशुओं को चाय पिलाना कहां तक सही है?

जानिए क्या कहते हैं अध्ययन

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कैफीन नहीं दिया जाना चाहिए (side effect of caffeine for babies)। चाय में कैफीन होता है यह तो हम सभी जानते हैं। इसके अलावा भी 12-18 साल के बच्चों को भी दिन में 100 mg से ज्यादा कैफीन के सेवन की सलाह नहीं दी जाती।

बेबी को चाय दी जानी चाहिए या नहीं इस संदर्भ में अधिक जानने के लिए हमने रोज़वॉक हेल्थकेयर, की न्यूट्रिशनिस्ट – राशी चहल से बात की।

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क्या सच में फायदेमंद है चाय। चित्र : शटरस्टॉक

बेबी को चाय पिलानी चाहिए या नहीं?

राशी के अनुसार ”कैफीन बच्चों के हार्ट, किडनी, लिवर और ब्रेन फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। यह बच्चों को ज़्यादा सक्रिय बना सकता है। साथ ही, यह उनके मूड को भी कई तरह से प्रभावित कर सकता है।”

चाय और कॉफी दोनों में कैफीन की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। साथ ही, एनसीबीआई के अनुसार इसमें मौजूद कैफीन शरीर में अन्य पोषक तत्वों को अवशेषित होने से रोकता है। बेबी को ग्रोथ के लिए विटामिन्स और मिनरल्स की आवश्यकता होती है और चाय का सेवन इसमें बाधा डाल सकता है।

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जानिए क्या हो सकते हैं बेबी को चाय पिलाने के नुकसान (side effects of tea for babies)

सोने में परेशानी

बेबी को चाय पिलाना उसकी नींद के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता है। इससे उसे रात में सोने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, इससे मूत्र उत्पादन में वृद्धि होती है जिससे वे सो नहीं पाएगा।

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चाय पीने से बच्चे को सोने में हो सकती है परेशानी। चित्र : शटरस्टॉक

एलर्जी

बेबी को चाय पिलाने से उसमें किसी प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकता है, क्योंकि वे अभी मां के दूध और दूध के अलावा और कुछ पीना नहीं सीखा है। चाय में मौजूद हर्ब्स भी बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एलर्जी की प्रतिक्रिया के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी और गले, होंठ, जीभ और चेहरे की सूजन शामिल है।

अन्य स्वास्थ्य जोखिम

नन्हें शिश की फीडिंग बॉटल में चाय डालने से पहले आपको जान लेना चाहिए कि कैफीन की यह मात्रा उसके लिवर, हृदय स्वास्थ्य और किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकती है। अध्ययन बताते हैं कि लगातार कैफीन का सेवन करने वाले बच्चे, अन्य शिशुओं की तुलना में कम सोते हैं। जिसका असर उनकी फिजिकल और मेंटल ग्रोथ पर पड़ता है।

तो अपने बेबी को कुछ भी पिलाने या खिलाने से डॉक्टर की सलाह लें। साथ ही, 6 महीने के बेबी के लिए मां का दूध ही किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए पर्याप्त होता है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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