बाजार में विभिन्न प्रकार के कुकिंग ऑयल्स (Cooking oil) उपलब्ध हैं। सभी तेलों की अपनी-अपनी विशेषता और महत्व होता है। इसी तरह, सूरजमुखी (Sunflower) और सोयाबीन (Soybean) के तेल भी अब बाज़ार में आ गए हैं और लोगों द्वारा पसंद किए जाते हैं। उत्तर भारत में दोनों का इस्तेमाल डीप फ्राइंग के लिए किया जाता है। जो लोग खाने में फैट कम करना चाहते हैं और वनस्पति अथवा शुद्ध घी के सेवन से बचते हैं, वे इन तेलों को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि इन दोनों (soybean oil vs sunflower oil) में से कौन सा ऑयल ज्यादा बेहतर है? आइए चेक करते हैं।
मूल रूप से, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल दोनों को दुनिया के कुछ हिस्सों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। ये भोजन में एक बेहतरीन स्वाद जोड़ते हैं और स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद होते हैं। सूरजमुखी का तेल विटामिन K से भरपूर होता है और सूरजमुखी के बीजों से प्राप्त होता है। जबकि सोयाबीन का तेल ऑक्सिडेशन प्रोन लिनोलेनिक एसिड से भरपूर होता है और सोयाबीन के बीजों से प्राप्त होता है। तो चलिये पता करते हैं कि सूरजमुखी और सोयाबीन के तेल में क्या है सबसे ज़्यादा बेहतर?
सूरजमुखी का तेल खाना बनाने में काफी ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह तेल सूरजमुखी के बीजों से निकाला जाता है, जो विटामिन K से भरपूर होते हैं। यह तेल आमतौर पर उन व्यक्तियों को सुझाया जाता है, जो हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, क्योंकि सीडीसी के अनुसार यह हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। इस तेल में विटामिन E की उच्च मात्रा होती है। सूरजमुखी का तेल एक प्रकार की वसा है, जिसे ट्राइग्लिसराइड के रूप में जाना जाता है।
सोयाबीन का तेल ग्लाइसिन मैक्स के बीज से तैयार किया जाता है। यह एक प्रकार का वनस्पति तेल है। यह बाजार में दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला वनस्पति तेल है। यह विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। सोयाबीन ऑयल, हाई प्रोटीन और हाई फैट होता है। साथ ही, यह मांसपेशियों और हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
सूरजमुखी का तेल विटामिन K से भरपूर होता है। जबकि सोयाबीन का तेल लिनोलेनिक एसिड से भरपूर होता है।
खाना पकाने के अलावा, सूरजमुखी के तेल का व्यापक रूप से कॉस्मेटिक उद्योगों में उपयोग किया जाता है।
सूरजमुखी के तेल में अधिक संतृप्त वसा और इसमें ट्रांस वसा होती है। जबकि सोयाबीन के तेल में संतृप्त वसा कम होती है और कोई ट्रांस वसा नहीं होती है।
सोयाबीन के तेल में हल्का स्वाद, और सुगंध होती है जबकि सूरजमुखी के तेल में कोई स्वाद या सुगंध नहीं होती।
सूरजमुखी के तेल का स्मोक पॉइंट 232 °C होता है जबकि सोयाबीन तेल का स्मोक पॉइंट 234 °C होता है।
असल में ये दोनों ही तेल अपने-अपने खास पोषक तत्वों के लिए जाने जाते हैं। सूरजमुखी के तेल में जहां सोयाबीन के तेल की तुलना में अधिक विटामिन ई होता है। वहीं सोयाबीन के तेल में सूरजमुखी के तेल से ज्यादा विटामिन K पाया जाता है। ऐसे में दोनों ही खास पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंसूरजमुखी का तेल विटामिन ई (Vitamin E) का एक बड़ा स्रोत है। विटामिन ई आपकी त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है। साथ ही, यह इम्युनिटी बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद कर सकता है।
जबकि सोयाबीन ऑयल में विटामिन के (Vitamin K) प्रचुर मात्रा में होता है। यह शरीर में रक्त प्रवाह को बनाए रखता है। साथ ही, खून में थक्का नहीं जमने देता है। विटामिन के मुख्य रूप से शरीर में प्रोटीन बनाने में मदद करता है। जिसकी वजह से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
यह दोनों हो तेल आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। बस इन्हें अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
यह भी पढ़ें : World Environment Day 2022 : आपकी स्किन और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है ये होममेड हल्दी वाला साबुन