ज्यादा तला हुआ और मैदा युक्त खाने से कब्ज की समस्या हो जाती है। साथ ही, भोजन में फाइबर की कमी से भी बोवेल मूवमेंट सही तरीके से नहीं हो पाता है। कब्ज की समस्या सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है। इसे दूर करने के लिए लेक्सेटिव यानी जुलाब का सहारा लिया जाता है। लंबे समय तक जुलाब पर निर्भरता आंत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। कब्ज को दूर करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में (Home remedy for constipation) घी और गर्म दूध का लंबे समय से प्रयोग किया जाता रहा है। यह कितना प्रभावी है, यह जानने (ghee and hot milk for constipation) के लिए आइये कुछ शोध पर नजर डालते हैं।
पुणे के विश्वराज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में, गैस्ट्रो-एंटरोलॉजिस्ट और शोधकर्ता स्वाति खरतोडे ने पुरानी कब्ज पर घी के रेचक प्रभाव का मूल्यांकन किया। इसके लिए उन्होंने मरीजों पर प्रायोगिक अध्ययन किया। यहां कब्ज के 51 रोगी, जो लेक्सेटिव या एनीमा पर थे, उन पर इसके प्रभाव की जांच की गई। इसके लिए कई तरह के प्रश्न पूछे गये और प्रश्नावली दी गई। 90 % से अधिक रोगियों ने घी के सेवन के बाद जुलाब (Laxative) को फिर से शुरू नहीं किया।
रोगियों को घी का सेवन न सिर्फ गर्म दूध के साथ कराया गया, बल्कि किशमिश या मुनक्का के साथ भी घी दिया गया। इसके सेवन के तीसरे और चौथे दिन से मरीजों को कब्ज से राहत मिलने लगी।
इस क्लिनिकल अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला गया कि घी पुराने कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इससे इरिटेबल बावेल सिंड्रोम, फिशर और बवासीर पर भी बढ़िया काम किया। इन बीमारियों के कारण रक्तस्राव और सूजन को रोकने में भी मदद मिली।
कोक्रेन लाइब्रेरी में ब्रिजेट कैंडी और लुई जॉन के शोध आलेख के अनुसार, घी आंतों के लिए चिकनाई का काम करता है। घी नेचुरल लेक्सेटिव भी है। यह आंत के रास्ते को साफ करता है। यह आंत में जमा होने वाले विषाक्त पदार्थों (Toxic Element) को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे बोवेल मूवमेंट (Bowel Movement) सही तरीके से हो पाता है, जिससे कब्ज दूर हो पाता है। यदि सही मात्रा में घी लिया जाये, तो यह वेट लॉस (Ghee for Weight Loss) में भी मदद करता है।
जर्नल ऑफ़ एथनोफार्माकोलोजी में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, आयुर्वेद में कब्ज दूर करने के लिए घी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता रहा है। यह वात और पित्त दोष को दूर करने में मदद करता है। आंत में जब बहुत अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं, तो ये एसिड बनाते हैं।
घी में आंतों और पेट में मौजूद एसिड को बेअसर करने की क्षमता होती है। रात को घी के साथ दूध का सेवन करने से आंतों में जमा हुआ मल नरम हो जाता है और आसानी से बाहर निकल आता है। घी के साथ यदि सही मात्रा में दूध लिया जाये, तो एसिडिटी के साथ-साथ पेट दर्द से भी राहत दिला सकता है।
आमतौर पर डेयरी प्रोडक्ट को कब्ज बढाने वाला माना जाता है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ़ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, पेट के लिए फर्मेंट किया हुआ दूध सबसे बढ़िया है। लेकिन कम उबाले हुए दूध को सही मात्र में लिया जाए, तो यह बोवेल मूवमेंट में मदद करता है। सोने से पहले 1 कप दूध गर्म कर लें। इसमें 1 टी स्पून घी डालकर मिला लें। आप दूध में 2 टी स्पून घी मिलाकर भी ले सकती हैं।
इसे नियमित रूप से लेने पर कब्ज (Constipation) दूर हो सकता है। दूध की बजाय गर्म पानी के साथ घी लेने पर (Hot Water with ghee for Constipation) भी कब्ज दूर होता है।
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