scorecardresearch

कमजोर पाचन तंत्र से जूझ रहीं हैं, तो हम बता रहे हैं पेट की गड़बड़ से निपटने के 5 आसान घरेलू उपाय

सिर्फ ज्यादा खाना ही नहीं, कभी बेवक्त खाना और बेमौसम खाना भी आपकी सेहत को प्रभावित करता है। शुक्र है कि हमारी रसोई में इससे निपटने के कुछ आसान उपाय हैं।
Published On: 7 Jul 2021, 12:50 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
यह पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है। चित्र : शटरस्टॉक
यह पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है। चित्र : शटरस्टॉक

मानसून के दौरान उमस भरा मौसम आपके पूरे पाचन तंत्र को सुस्त बना देता है। आयुर्वेद का मानना है कि मानसून में वात बढ़ जाता है और पित्त भी जमा हो जाता है। पाचन ठीक से होने के लिए दोनों को संतुलित करने की आवश्यकता है। यदि आपके पाचन अंग जैसे पेट, अग्न्याशय और छोटी आंत सही से काम नहीं कर रहे हैं, तो गैस, एसिडिटी, सूजन और अपच जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ये समस्याएं तब और भी बढ़ जाती हैं जब बारिश के मौसम में आप तला और मसालेदार भोजन करने लगती हैं!

मगर आपकी समस्याओं का समाधान करने के लिए हमारे पास हैं – पेट की परेशानियों से छुटकारा दिलाने वाले कुछ घरेलू उपाय

1. दस्त में केला और दही

 

दस्त एक पाचन समस्या है जो ढीले, पानी से भरे मल त्याग का कारण बनती है और बारिश के मौसम में ये समस्या काफी आम है। दस्त को ठीक करने के लिए नमक-चीनी का घोल पीने की सलाह कर कोई देता है, मगर एक और उपाय है जो बेहद कारगर साबित होता है – दही और केला। केला और दही दोनों ही गट हेल्थ के लिए बेहतरीन हैं और प्रोबायोटिक से भरपूर, जो आपको तुरंत राहत प्रदान करंगे।

इसलिए, फीके ठंडे दही में केले के टुकड़े मिलाकर ज़रूर खाएं!

2. एसिडिटी के लिए ठंडा दूध

कुछ भी मनपसंद खाने के बाद एसिडिटी की समस्या बेहद आम है और सबसे ज्यादा यही परेशान भी करती है। ऐसे में ठंडे दूध का सेवन आपके लिए फादेमंद साबित हो सकता है। जी हां.. ये सबसे सरल घरेलू उपाय है जो आपको एसिडिटी से तुरंत राहत दिलाएगा। दूध में कैल्शियम और अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो पेट के एसिड रिफ्लक्स को ख़तम करके गट को आराम पहुंचाते हैं।

दूध एसिडिटी से राहत दिलाता है. चित्र : शटरस्टॉक
दूध एसिडिटी से राहत दिलाता है. चित्र : शटरस्टॉक

आपको सिर्फ भोजन करने के बाद ठंडा दूध पीना है!

3. अपच और बदहजमी के लिए काला नमक और भुना जीरा

मानसून के मौसम में तली भुनी मसालेदार चीजें खाने का बहुत मन करता है। मगर उन्हें खाने के बाद अक्सर बदहजमी और अपच की समस्या हो जाती है। ऐसे में काला नमक और भुना जीरा पाचंत तंत्र को ठीक रखने में मदद करेगा। खाने के बाद काला नमक और भुने जीरे का सेवन करने से भोजन करने के बाद घबराहट, पेट फूलना, अपच या बदहजमी जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

आप दिन में 2 से 3 बार गर्म पानी के साथ आधा चमाच काला नमक और भुने जीरे का सेवन कर सकती हैं।

4. हैजा की समस्या में नारियल पानी

मानसून के मौसम में हैजा एक बेहद आम समस्या है। इसमें शरीर का पानी उल्टी और दस्त होने की वजह से तेज़ी से कम होने लगता है। ऐसी कोई भी समस्या होने पर चिकित्सीय सलाह ज़रूर लें। साथ ही, नारियल पानी का सेवन एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है। नारियल पानी में शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करने की क्षमता होती है। ये शरीर का हाइड्रेशन बनाये रखने के लिए सबसे सही है।

उल्टी और दस्त में नारियल पानी फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक
उल्टी और दस्त में नारियल पानी फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक

टिप : हमेशा ताज़ा नारियल पानी ही पिएं! पैकेट या बोतल बंद नारियल पानी को संरक्षित करने के लिए बहुत सारे प्रीजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं। जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

5. गैस और कब्ज़ के लिए दूध के साथ घी

दूध और घी पेट के लिए सबसे कारगर उपायों में से एक है। रात को दूध और घी का सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और आपका मेटाबॉलिज्म रेट भी अच्छा रहता है। दूध में घी डालकर पीने से पेट में अच्छे बैक्टीरिया बनते हैं जो गट हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं। इसलिए, अगर आपको कब्ज की शिकायत रहती है तो आप दूध में घी मिलाकर सेवन कर सकती हैं।

बस एक कप गर्म दूध में 1 या 2 चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय ले सकते हैं। ये कब्ज और गैस से छुटकारा पाने के सबसे प्रभावी और प्राकृतिक तरीकों में से एक है।

यह भी पढ़ें : बारिश के मौसम में मज़ा लें टेस्टी और हेल्दी ऑयल फ्री पालक के पकौड़ों का, नोट कर लीजिए रेसिपी

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

अगला लेख