हड्डियां शरीर को आकार और सपोर्ट प्रदान करती हैं, इसके साथ ही यह शरीर के कुछ ऑर्गन की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण होती हैं। यह लिविंग टिश्यू हैं, जो शरीर के स्केलेटन का निर्माण करते हैं। बचपन में हड्डियों में भरपूर मात्रा में मिनिरल्स मौजूद होता है, परंतु जैसे-जैसे समय बीतता है और उम्र बढ़ती है, खासकर 30 की उम्र के बाद हड्डियों में कैल्शियम की कमी होने लगती है और यह धीरे-धीरे कमजोर हो सकती हैं। इसलिए यह सही शेप में, फिट और एक्टिव रहने के लिए जानिए कैसे रखना है अपनी बोन हेल्थ का ख्याल (tips for healthy bone)।
बढ़ती उम्र के अलावा आपकी नियमित जीवनशैली की आदतें और गलत खानपान आपकी बोन हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि आप अपनी हड्डियों की स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें। हेल्थशॉट्स ने इस विषय पर मैक्स हॉस्पिटल वैशाली के एसोसिएट डायरेक्टर – आर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, डॉ. अखिलेश यादव से सलाह ली। तो चलिए जानते हैं किस तरह आप अपनी हड्डियों की सेहत को बनाए रख सकती हैं (tips for healthy bone)।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार सब्जियां विटामिन सी का एक उत्कृष्ट स्रोत होती हैं, जो बोन फॉर्मिंग सेल्स के प्रोडक्शन को बढ़ावा देती हैं। विटामिन सी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इफेक्ट हड्डियों को सेल डेमेज से प्रोटेक्ट करती हैं, इसके अलावा सब्जियां बोन मिनिरल डेंसिटी को भी बढ़ावा देती हैं।
डॉ यादव के अनुसार, “बोन डेंसिटी हड्डियों में मौजूद कैल्शियम और मिनरल की मात्रा का माप है। इसलिए भरपूर मात्रा में हरी और पीली सब्जियों को खाने की सलाह दी जाती है। यह बोन मिनिरलाइजेशन को मेंटेन रखने का काम करती हैं। ताकि बढ़ती उम्र के साथ आप की हड्डियां कमजोर न हों।”
हड्डियों के निर्माण में कैल्शियम का एक बहुत बड़ा महत्व है। यह हड्डियों में मौजूद सबसे खास मिनिरल्स में से एक होता है। बोन स्ट्रक्चर और स्ट्रैंथ के लिए शरीर में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होना आवश्यक है। इसलिए हमेशा हड्डियों की सेहत के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। वहीं कैलशियम सप्लीमेंट लेने से कहीं बेहतर कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ होते हैं।
कोलेजन हड्डियों में पाया जाने वाला सबसे खास प्रोटीन है। कोलेजन में अमीनो एसिड ग्लाइसिन, प्रोलिन, और लाइसीन मौजूद होते हैं, जो हड्डी, मांसपेशियों, लिगामेंट और अन्य टिशू के बनावट में मदद करते हैं। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार यदि आप अर्थराइटिस और अन्य किसी भी हड्डी संबंधी समस्या से परेशान होती हैं, तो आपको कोलेजन युक्त खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
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हड्डियों के मजबूत निर्माण के लिए शरीर को विटामिन के और विटामिन डी की आवश्यकता होती है। विटामिन डी शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है इसके अलावा यह ओस्टियोपेनिया, ओस्टियोपोरोसिस और अन्य हड्डी से संबंधित समस्याओं में कारगर होता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की माने तो जिनके शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, उनका बोन डेंसिटी काफी कम होता है।
डॉ यादव विटामिन के को भी बोन हेल्थ के लिए जरूरी मानते हैं और कहते हैं, “विटामिन K2 हड्डियों को बेहद सपोर्ट करती हैं। यह अंडे एवं मीट में मौजूद होती हैं। इसके साथ ही फर्मेंटेड चीज, सोयाबीन प्रोडक्ट का सेवन भी हड्डियों के लिए आवश्यक है। हालांकि, इन दोनों की सप्लीमेंट की जगह यदि आप इन्हें प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त करटी हैं तो वह अधिक फायदेमंद हो सकता है।”
हड्डियों की सेहत के लिए हेल्दी और न्यूट्रिशन डाइट लेने के अलावा हेल्दी वेट मेन्टेन करना भी बेहद महत्वपूर्ण है। यदि आपका बॉडी वेट अधिक है, तो आपमें ओस्टियोपेनिया और ओस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार बोन डेंसिटी की कमी का एक सबसे बड़ा कारण ओवरवेट है। इसलिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट लें जिससे कि आपका वेट मेंटेन रह सके।
कई लोगों को लगता है कि केवल कैल्शियम हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी है, परंतु ऐसा नहीं है मैग्नीशियम और जिंक भी बोन हेल्थ को प्रमोट करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की मानें तो मैग्नीशियम विटामिन डी को एक्टिव रखता है ताकि वह पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम को अवशोषित होने में मदद कर सकें। मैग्नीशियम कई खाद्य पदार्थों में उपलब्ध होते हैं, तो उनका सेवन करें और शरीर में इसकी मात्रा को बनाए रखें।
वहीं दूसरी ओर हड्डियों की सेहत के लिए जिंक की सीमित मात्रा की आवश्यकता होती है। जिंक बॉडी बिल्डिंग सेल्स के फॉर्मेशन को प्रमोट करता है। साथ ही साथ बोन ब्रेकडाउन की स्थिति में भी कारगर होता है। रिसर्च की मानें तो जिंक सप्लीमेंट बच्चों की हड्डियों की ग्रोथ को बढ़ावा देता है और एडल्ट्स में बोन डेंसिटी को मेंटेन रखता है। पालक, फ्लैक्सीड और पंपकिन सीड्स यह सभी जिंक का एक अच्छा स्रोत हैं।
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