Stomach Bug : सर्दियों में बढ़ सकता है स्टमक फ्लू का जोखिम, ये 4 फूड्स कर सकते हैं आपको प्रोटेक्ट

स्टमक बग से राहत के लिए हेल्दी फूड को डाइट में शामिल करना ज़रूरी है। जानते हैं स्टमक बग क्या है और कौन से गट फ्रैंडली फूड स्टमक बग से दिलाएंगे राहत।
jaane kab hoti hai gut health par dhyaan dene ki jarurat.
आंतों के बैक्टीरिया न्यूरोएक्टिव कंपाउड को प्रोडयूस करते हैं, जो न्यूरोनल फ़ंक्शन को प्रभावित करते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 12 Dec 2023, 06:00 pm IST
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सर्दियों की शुरूआत के साथ शरीर में कई बदलाव नज़र आने लगते हैं। ठण्डी हवाओं के चलते वॉटर इनटेक में कमी आने लगती है, जिसका असर गट हेल्थ (gut health) पर दिखने लगता है। पानी की कमी और कंटेमिनेटिड खाद्य पदार्थों (contaminated food) के सेवन से पेट संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में पाचन क्रिया को दुरूस्त रखने के लिए लिए लोग खान पान को लेकर अक्सर कन्फ्यूज़ रहते हैं। आंतों के स्वास्थ्य को हेल्दी बनाए रखने और स्टमक बग (stomach bug) से राहत के लिए हेल्दी फूड को डाइट में शामिल करना ज़रूरी है। जानते हैं स्टमक बग क्या है और कौन से गट फ्रैंडली फूड स्टमक बग से दिलाएंगे राहत (Foods to eat when you have stomach bug)।

स्टमक बग किसे कहा जाता है (What is stomach bug)

स्टमक बग यानि वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस आंतों के उस संक्रमण को कहते हैं, जिसमें वॉटरी डायरिया, पेट में ऐंठन, उल्टी, सिरदर्द व मसल्स पेन की शिकायत बनी रहती है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर बुखार की चपेट में आ जाता है। इसे स्टमक फ्लू भी कहा जाता है। ये संक्रमण अक्सर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या कंटेमिनेटिड यानि दूषित भोजन या पानी पीने से शरीर में पनपने लगता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को कम भूख लगती है।

पानी की कमी से बढ़ती है स्टमक बग या स्टमक फ्लू की समस्या

सर्दी में वॉटर इनटेक में कमी आना स्टमक बग का कारण बनने लगता है। दरअसल, नियमित मात्रा में पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या पनपने लगती है। इससे शरीर में मिनरल्स की कमी बढ़ने लगती है। ऐसे में लोगों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की समस्या घेर लेती है। वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण 3 दिन से लेकर 1 सप्ताह तक शरीर में बने रहते हैं।

इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस से ग्रस्त व्यक्ति को गट फ्रैंडली फूड का सेवन करना चाहिए। कंटैमिनेटिड फूड खाने से बचें और दूध को भी दही से रिप्लेस करें। इसके अलावा मैदे से तैयार ब्रेड, बन्स और अन्य फूड्स को अवॉइड करें। दरअसल, लो फाइबर युक्त फूड पेट के संक्रमणों को बढ़ाने का काम करता है। इससे गट हेल्थ को नुकसान पहुंचता है। खाने में अत्यधिक स्पाइस इस्तेमाल करने से भी बचें।

Contaminated food khane se pet bimar ho sakta hai
कंटेमिनेटिड फूड का ज्यादा सेवन करने से आपका पेट बीमार हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

गट हेल्थ को बेहतर बनाए रखने और स्टमक फ्लू से बचने के लिए इन खाद्य पदार्थों को करें मील में शामिल (Foods to avoid stomach flu)

1 नारियल पानी है इलैक्ट्रोलाइट्रस का स्रोत

शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए तरल पदार्थों का सेवन बेहद आवश्यक है। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइटस की मात्रा संतुलित बनी रहती है। इसके लिए वॉटर इनटेक बढ़ाएं। साथ ही नारियल पानी का सेवन करें, जो शरीर में मिनरल्स की कमी को पूरा करने में सहायता करता है। साथ ही शरीर एक्टिव बना रहता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।

2 दही है प्रोबायोटिक्स से युक्त

स्टमक बग की समस्या से बचने के लिए दूध को दही से रिप्लेस करें। दरअसल, दही प्रोबायोटिक्स का मुख्य स्रोत है, जो आंतों के स्वास्थ्य को नियमित बनाए रखने में मदद करता है। इसके सेवन से शरीर में गुड बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जिससे गट हेल्थ बूस्ट होती है। साथ ही इम्यून सिस्टम भी मज़बू बनता है।

3 ओट्स भी हैं फायदेमंद

पोषक तत्वों से भरपूर ओट्स में फोलेट, फाइबर, आयरन और मैग्नीशियम की प्रचुर मात्रा पाइ जाती हैं। इसमें साल्यूबल फाइबर बीटा.ग्लूकन उच्च मात्रा में पाया जाता हैं। इससे गट हेल्थ उचित बनी रहती है। इसमें पाए जाने वाले फरमेंटेबल फाइबर गट फ्रैंडली बैक्टीरिया को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं, जो बॉवल मूवमेंट को नियमित बनाए रखता है। ओट्स में पाया जाने वाला बीटा.ग्लूकन कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल को उचित बनाए रखता है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

Oats khaane se kaise aaki gut health ho skti hai boost
कैसे गट हेल्थ को बूस्ट करते हैं ओट्स। चित्र- अडॉबीस्टॉक

4 केला रखता है गट हेल्थ को दुरुस्त

केले में मौजूद डाइटरी फाइबर को पेक्टिन कहा जाता है। इससे आंतों के स्वास्थ्य को मज़बूती मिलती है और कब्ज की समस्या हल हो जाती है। केले में पोटेशियम की भी उच्च मात्रा पाई जाती है, जो हार्ट हेल्थ का ख्याल रखती है। हाई फाइबर कंटेट के चलते पेट देर तक भरा रहता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को जोखिम घट जाता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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