बदलते ठंडे मौसम में चाय पीना भला किसे रास नहीं आता है। वैसे भी अधिकतर लोग अपने दिन की शुरुआत भी चाय या कॉफी से करते हैं। पर क्या मधुमेह यानी डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह एक हेल्दी प्रैक्टिस है? यदि आप या आपके परिवार में कोई डायबिटीज का मरीज हैं, तो यकीनन आप खानपान का बहुत ख्याल रखती होंगी। तब क्या हर रोज़ बनने वाली चाय डायबिटीज (Tea and Diabetes) के मरीज भी पी सकते हैं? आइए जानते हैं इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट।
आपको यह बात पता ही होगी कि आपको अपनी डाइट का ख़ास ख्याल रखना होता है। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आपको चाय का सेवन कैसे करना चाहिए जिससे आपको नुकसान न हो।
डॉ बबीना एनएम जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट में चीफ मेडिकल ऑफिसर हैं। अपने लंबे अनुभव के आधार पर वे कहती हैं, सबसे पहले हमें भारत में बनने वाली चाय की अवधारणा को समझने की जरूरत है। हमें यह समझना होगा कि भारत में चाय का मतलब सिर्फ चाय पत्ती नहीं होती है, बल्कि इसमें चीनी और दूध का मिश्रण भी शामिल होता है।”
वे आगे कहती हैं, “अगर कोई डायबिटिक पेशेंट दिन भर में 2 से 4 कप या उससे अधिक चाय का सेवन करता है, तो वह अपनी दवाई और चल रहे उपचार को विफल कर देता है। दूध और शक्कर से भरा चाय का हर एक कप उनके शुगर लेवल को और बढ़ा सकता है। इसलिए डायबिटीज के पेशेंट को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए।
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डायबिटीज के मरीज को अपने आहार में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो प्राकृतिक रूप से उनके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकें। यदि आप डायबिटिक हैं तो आपको जंक फूड, ज्यादा नमक, चीनी और फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। साथ ही आपके रक्त शर्करा का स्तर भी बढ़ा देते हैं।
डॉक्टर बबीना, कहती हैं कि अत्यधिक फ्राइड पैकेट और जंक फूड खाने से तनाव का स्तर भी बढ़ जाता है। इसके साथ ही आपका वजन भी तेजी से बढ़ता है और कई सारी बीमारियां आपके शरीर में घर कर लेती है।
यदि आपको चाय पीना अत्यधिक पसंद है तो बाजार मैं कई प्रकार की चाय उपलब्ध हैं जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल तो कंट्रोल में रहता है साथ ही यह आपके शरीर के लिए फायदेमंद भी हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि टाइप 2 के मरीजों के लिए फूलों से बनी चाय और ग्रीन टी एक बेहतरीन विकल्प है यदि आप दिन भर में 2 से 4 चार कप तक भी इसका सेवन करते हैं तो भी यह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं है और इससेआपकी डायबिटीज भी नहीं बढ़ती।
दालचीनी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जिससे मधुमेह से ग्रस्त लोगों में इन्सुलिन का प्रभाव बढ़ता है।
इलायची में भरपूर मात्रा में मैंगनीज़ पाया जाता है, जो ब्लड में शुगर का लेवल नियंत्रित रखता है। इलायची फ़ास्टिंग ग्लूकोज़ स्तर को घटाने में मदद करती है।
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कस्टमाइज़ करेंइसका इस्तमाल सिर्फ बेहतर पाचन शक्ति के लिए ही नहीं किया जाता है, बल्कि अदरक बॉडी में संवेदनशीलता भी बढ़ाता है। बॉडी में बेड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को घटाता है और ब्लड में शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रखता है।
एक्सपर्ट कहती हैं कि ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स और पॉलीसेकेराइड्स एंटीऑक्सिडेंट ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखती हैं और शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इनके साथ ही, रोगी को मधुमेह में होने वाले नुकसान को कम करने के लिए पर्याप्त नींद और एक्सरसाइज भी करनी चाहिए।