हमारे शरीर में अलग अलग विटामिन की जरूरत होती है ताकि शरीर अपना काम सही ढंग से कर सके। कुछ विटामिंस शरीर खुद बनाता है और कुछ हमें ही किसी तौर पर कंज़्यूम करके शरीर को देना पड़ता है ताकि शरीर का काम सुचारु रूप से चलता रहे।
ऐसे ही एक विटामिन का नाम है विटामिन B12 जो शरीर के नर्वस सिस्टम के लिए जरूरी है। अब नर्वस सिस्टम के लिए जरूरी है तो इसका मतलब ये हुआ कि शरीर का हर हिस्सा इसकी कमी (vitamin b12 deficiency) से प्रभावित हो सकता है क्योंकि हमारी नसें पूरे शरीर में फैली हुई हैं। तो कब और क्यों होती है इसकी कमी, इसकी कमी से हमें क्या खतरे हो सकते हैं, आज हम इसी पर बात करने वाले हैं। और ये भी जानेंगे कि वो घरेलू उपाय क्या हैं जिनकी मदद से हम विटामिन बी 12 की कमी के खतरे को टाल सकते हैं।
फिजीशियन डॉक्टर संतोष अग्रहरि कहते हैं, विटामिन बी 12 डेफिशिएंसी (vitamin b12 deficiency) के लिए बेशक उम्र भी एक फैक्टर है लेकिन एकमात्र फैक्टर नहीं। इसकी कमी किसी भी उम्र में अलग- अलग कारणों से हो सकती है। जैसे-
शाकाहारी लोगों में ये समस्या ज्यादा पाई जाती है। ऐसा इसलिए कि विटामिन बी 12 ज्यादा नॉन वेज चीजों में मिलता है। शाकाहारी लोग अगर अपने खाने के प्रति जरा भी लापरवाह होते हैं तो उन्हें बी12 की कमी से जूझना पड़ सकता है।
अगर किसी व्यक्ति को पेट या आंतों से जुड़ी समस्याएं हैं या उनकी गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी हुई हो, तो उनका शरीर बी12 को ठीक से ऐब्जॉर्ब नहीं कर पाता। कई बार लिवर की समस्याओं की वजह से भी शरीर में B12 की कमी हो जाती है।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में एसिड का स्तर कम होने लगता है। शरीर का एसिड ही बी 12 को एब्जॉर्ब करने में बॉडी की मदद करता है। इस कारण अक्सर बी 12 की कमी (vitamin b12 deficiency) बुजुर्ग लोगों में ज्यादा देखी जाती है क्योंकि उनके शरीर में डाइजेशन सिस्टम कमजोर हो जाता है।
कुछ दवाइयां, जैसे एंटासिड्स, जो पेट में एसिड के स्तर को कम करती हैं, और मेटफॉर्मिन, जो डायबिटीज के इलाज के लिए दी जाती है, बी12 के एब्जॉर्ब होने में रुकावट डालती हैं। ऐसी दवाइयों जो लोग नियमित खाते हैं उनके शरीर में विटामिन बी 12 की कमी (vitamin b12 deficiency) का खतरा ज्यादा होता है।
अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने इस पर एक स्टडी के नतीजे जारी किये थे। नतीजों में साफ था कि ऐसी औरतों में विटामिन बी 12 कम होने का खतरा ज्यादा होता है जिन्होंने बर्थ कंट्रोल पिल ली हो। बर्थ कंट्रोल पिल्स पाचन प्रक्रिया पर असर डालती है जिसकी वजह से हमारा शरीर विटामिन बी 12 को ठीक ढंग से अवशोषित नहीं कर पाता।
डॉक्टर संतोष ने हमें विटामिन बी12 की कमी (vitamin b12 deficiency) से होने वाले कुछ नुकसान भी गिनवाए-
बी 12 की कमी से होने वाले नुकसानों में से ये सबसे बड़ा नुकसान है। इससे हमारा नर्वस सिस्टम पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है।
इसकी वजह से हाथ पैर में झनझनाहट, मांसपेशियों में कमजोरी और पैरों में दर्द कॉमन बन जाता है। अगर ये समस्या लंबे समय तक रहती है तो ये न्यूरो की दिक्कतें भी ला सकती है।
बी12 की कमी से इंसान को खून की कमी से भी जूझना पड़ सकता है क्योंकि बी 12 के बगैर शरीर रेड ब्लड सेल्स नहीं बना पाता जिससे खून की कमी होनी लाजिम है। और ये एनीमिया का कारण बन जाता है जिसकी वजह से थकान, कमजोरी और चक्कर आना शुरू हो जाते हैं।
विटामिन बी12 की कमी (vitamin b12 deficiency) से आपके मेंटल हेल्थ पर भी बुरी तरह से असर पड़ सकता है। एक रिपोर्ट कहती है कि विटामिन बी की कमी से जूझ रहे लोगों में एन्जाइटी और डिप्रेशन जैसी दिक्कतों के खतरे ज्यादा होते हैं।
इसके अलावा उनके अंदर चिड़चिड़ापन, तनाव और याददाश्त में कमी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। लंबे समय तक अगर आप इसे नजरंदाज करेंगे तो डिमेंशिया जैसी बीमारियों के खतरे भी होते हैं।
बी12 की कमी (vitamin b12 deficiency) से हड्डियों में भी कमजोरी आ सकती है। ऐसे लोगों में हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के शरीर में बी 12 की कमी ऑस्टियोपोरोसिस का भी एक बड़ा कारण है। रिपोर्ट के मुताबिक जब शरीर में बी 12 की कमी होती है तो हड्डियों की डेंसीटी भी घटने लगती हैं। इसी वजह से हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और हड्डियों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
प्रेगनेंट महिलाओं में अगर बी12 की कमी (vitamin b12 deficiency) हो जाए तो ये सबसे खतरनाक स्थिति हो सकती है। बी 12 ना सिर्फ महिलाओं के अपने शरीर के लिए बल्कि बच्चों के विकास में भी मदद करता है। ऐसे में अगर प्रेगनेन्ट स्त्री के अंदर विटामिन बी12 की कमी होगी तो बच्चे का विकास रुक जाएगा और बच्चा जन्मजात डिसऑर्डर्स के साथ पैदा हो सकता है।
1. मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पाद (जैसे दूध, पनीर और दही) विटामिन बी12 के अच्छे सोर्स हैं। अगर आप मांसाहारी हैं तो इनको अपनी डाइट में जरूर शामिल करिए।
अगर आप शाकाहारी हैं, तो ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो बी12 से समृद्ध हों, जैसे कि हरी सब्जियां, फोर्टिफाइड (विटामिन-युक्त) अनाज, सोया मिल्क, और फोर्टिफाइड नूडल्स। इनके जरिए आप शरीर में बी12 की कमी (vitamin b12 deficiency) पूरी कर सकते हैं।
2. कई बार यह भी हो सकता है कि आपको खाने से पर्याप्त मात्रा में बी 12 न मिले या फिर मिले भी तो शरीर उसे एब्जॉर्ब करने में सक्षम ना हो, ऐसे में डॉक्टर की तरफ रुख करिए और डॉक्टर से सलाह लेकर शरीर में बी 12 बढ़ाने वाली दवाई खाते रहें।
3. ऐसी चीजें जो फर्मंटेड हो जैसे दही या मशरूम, इन चीजों को डाइट में शामिल करने से शरीर को बी 12 एब्जॉर्ब करने की ऊर्जा मिलती है। इसलिए इनको भी अपने खाने का हिस्सा बनाएं।
4. विटामिन D का शरीर में संतुलन बनाए रखना भी बी12 के अवशोषण को बढ़ाता है। इसलिए सूरज की रोशनी में समय बिताएं ताकि शरीर को पर्याप्त विटामिन D मिल सके।
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