35 वर्ष की उम्र के बाद हमारा शरीर कमजोर होने लगता है, चेरहे पर झुर्रियां, झड़ते और सफेद होते बाल, कमजोर हड्डियां और थकान- ये सभी बुढ़ापे की दस्तक होती हैं। लेकिन प्रकृति के कुछ चमत्कारिक फूड हैं जो आपके बुढ़ापे को डिले कर सकते हैं। पर इनके सेवन का भी एक खास तरीका होता है।
अलसी यानी फ्लैक्स सीड्स पोषण का भंडार हैं। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड्स होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह तो आप जानते ही हैं कि कोलेस्ट्रॉल सभी हृदय सम्बन्धी रोगों का प्रमुख कारण है। अलसी के सेवन से आपका दिल जवान रहता है।
साथ ही अलसी खाने से बाल लम्बे समय तक काले रहते हैं।
अलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में अलसी खाने की सलाह नहीं दी जाती। लेकिन अगर आप अलसी को पानी में भिगोकर खाएंगी तो उसकी गर्म तासीर का प्रभाव कम हो जाएगा और आप उसे हर मौसम खा सकती हैं। रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच अलसी भिगो दें और सुबह पानी भी पी लें और अलसी को भी चबा-चबा कर खा लें।
मुनक्का बहुत फायदेमंद होता है। इसमें आयरन और मैग्नीशियम होता है जो एनेमिया में बहुत फायदा करता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन के अनुसार मुनक्का खाने से खून में नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ता है जिससे रक्तचाप दुरुस्त होता है।
मुन्नका खाने से ऊर्जा बढ़ती है, पाचन अच्छा रहता है, ब्लड प्रेशर लो नहीं होता और किडनी में स्टोन होने की सम्भावना कम होती है।
हर दिन 6 से 8 मुनक्का को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट खाएं।
खस-खस या पोस्ता दाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें थाईमिन, फोलेट और विटामिन बी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और चर्बी कम करता है। भीगे हुए खसखस में बहुत फाइबर होता है। सुबह इसका सेवन करने से क्रेविंग्स पर भी कंट्रोल होता है। साथ ही यह सेरोटोनिन हॉर्मोन बनने में सहायक होता है। सेरोटोनिन हॉर्मोन हमारा मूड अच्छा रखता है और अच्छी नींद के लिए भी जिम्मेदार होता है।
एक गिलास पानी में आधा चम्मच खसखस काफी होगा। खसखस का सेवन आपका वजन नियंत्रित करता है और आपको खुश रखता है।
मेथी पाचनतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह आंतो की सफाई करती है और पाचन दुरुस्त करती है। मेथी डायबिटीज कंट्रोल करती है और हाइपरटेंशन को दूर रखती है। मेथी जोड़ों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि यह अर्थराइटिस को दूर रखती है जो कि बुढ़ापे की एक आम समस्या है।
मेथी के सेवन से बाल भी घने और स्वस्थ रहते हैं।
वैसे तो सभी तरह की दाल प्रोटीन का भंडार होती हैं लेकिन काले चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। पकाने में अधिकांश पोषक तत्व कम हो जाते हैं इसलिए अंकुरित या भीगे हुए चने खाना सबसे फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन होता है जो हड्डियों को तंदुरुस्त रखता है, बालों को मजबूत करता है, पाचन बेहतर करता है और मांसपेशियां मजबूत करता है। सुबह भीगे चने खाने से भूख कम लगती है और फाइबर होने के कारण पेट भी साफ होता है।
एक गिलास में एक से दो चम्मच चने भिगाकर खाएं। आप चाहें तो चनों में अंकुर निकलने का इंतजार कर सकती हैं। चने जिस पानी में भीगे थे उसे भी जरूर पियें क्योंकि उसमें भी बहुत पोषण होता है।
इन सभी चीजों को आपको रात में भिगोकर सुबह खाली पेट ही खाना है। भीगने से ही आपको पूरा पोषण मिलता है। आप हर दिन एक-एक करके इन्हें भिगाे सकती हैं या हफ्ते भर एक चीज फिर अगले हफ्ते दूसरी चीज भिगोकर भी खा सकती हैं।
अपने 20s में ही इसका सेवन शुरु कर देगी तो आपको कमजोरी नहीं आएगी। इसके साथ ही थोड़ा व्यायाम अपने दिनचर्या में जरूर शामिल करें।
तनाव से दूर रहें और हमेशा मुस्कुराते रहें। जवान मन से रहना जरूरी है, उम्र तो महज एक संख्या है।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।