ठंड और ब्लैंकेट एक परफेक्ट कॉन्बिनेशन है। परंतु कई लोग सर्दियां शुरू होते ही ठंड से बचने के लिए रूम हीटर का इस्तेमाल करना शुरू कर देते है। हालांकि, कपकपाती ठंड में यदि आपके रूम का टेंपरेचर सामान्य मिले तो इसे कोई क्यों नजरअंदाज करेगा। परंतु क्या आप अपनी सेहत को जोखिम में डालकर इसका आनंद लेना पसंद करेंगी? आप सभी के मन में यह सवाल आया होगा कि ऐसा कोसे हो सकता है हीटर तो ठंड से बचाता है। हीटर जितनी आपको गर्माहट देता है उससे कहीं गुणा ज्यादा आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
रात को हीटर चलकर सोना और लंबे समय तक हीटर में बैठे रहने से जितना हो सके उतना परहेज रखने की कोशिश करें। खास कर छोटे बच्चों की मां को इस बात पर खास ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि हीटर बड़ों की तुलना में बच्चों की सेहत को ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, हीटर और सेहत से जुड़ी ऐसे ही कुछ जरूरी तथ्य। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ।
सर्दियों का मौसम प्राकृतिक रूप से ड्राइनेस को अपने साथ लेकर आता है। ऐसे में लंबे समय तक हीटर में बैठना और रात भर हीटर जलाकर सोने से रूम में मौजूद हवा की मॉइश्चर पूरी तरह छिन जाती है। जिस वजह से त्वचा की हालत और भी ज्यादा खराब होने लगती है। वहीं शुष्क हवा त्वचा में बचे हुए मॉइस्चर को भी छिन लेती है जिस वजह से त्वचा रूखी और बेजान पड़ जाती है। वहीं यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो ऐसे में त्वचा पर लाल धब्बे और खुजली होने की संभावना बनी रहती है।
यदि आप गैस हीटर का इस्तेमाल कर रही हैं, तो यह स्लीप डेथ की संभावना को बढ़ा देता है। क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड रिलीज होता है। ऐसे में कमरे में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा ब्रेन में ब्लड के सप्लाई को रोक सकती है। जिस वजह से ब्रेन हेमरेज और अचानक से मृत्यु होने की संभावना बनी रहती है।
सर्दियों में गर्म रूम में बैठकर इंजॉय करना आपको काफी आरामदायक लग सकता है। परंतु जब आप कमरे से बाहर जाती हैं, तो आपको अचानक से तापमान में परिवर्तन नजर आता हैनऔर आप ठंड को महसूस करती हैं। जो आपके शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। क्योंकि अचानक से तापमान में बदलाव आने से इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ता है। और यह आपको बीमार कर सकता है।
आमतौर पर सर्दियों में लोग बच्चों को हीटर में सुलाते है। क्योंकि लोगो को बढ़ती सर्दी से बचने के लिए यह एक सबसे आसान विकल्प नजर आता है। हालांकि, बच्चों की त्वचा काफी संवेदनशील होती है, ऐसे में हीटर के पास लंबे समय तक रहने से उनकी त्वचा पूरी तरह रूखी पड़ जाती है। इसके साथ ही हीटर रूप की शुष्क हवा नाक में मौजूद म्यूकस को ड्राई कर देती हैं,। जिस वजह से बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता हैं। ऐसे में संक्रमित होने की संभावना काफी ज्यादा होती है।
नोट – यदि आप सर्दियों में हीटर का इस्तेमाल करती हैं, तो सबसे पहले इसके इस्तेमाल को जितना हो सके उतना सीमित रखें। साथ ही भूलकर भी रात को हीटर चलाकर न सोएं। इसके साथ ही यदि सर्दियों में आपकी त्वचा रूखी और बेजान पड़ने लगती है साथ ही आप गले और नाक से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहती हैं, तो अपने रूम में मॉइश्चर को बनाए रखने के लिए एक बड़े से बाउल में पानी भर कर बेड के बगल में रख लें। वहीं जब कभी भी हीटर का इस्तेमाल करें तब उसके बगल में पानी भरकर रखना न भूलें।
यह भी पढ़ें : आयुर्वेद में बताई ये 7 घरेलू चीजें कर सकती हैं हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल, जानिए कैसे