अक्सर दिन भर की थकान के बाद आने वाली नींद आपको पोज़िशन चेक करने का मौका नहीं देती। सीधे, उल्टे, आड़े, टेढ़े, आपको जैसे आरामदायक लगता है आप बिस्तर पर पड़ जाते हैं। कुछ लोग जहां पीठ के बल सोना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें पेट के बल सोना ज्यादा आरामदायक लगता है। पर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो में पेट के बल यानी उल्टा सोने (Sleeping on your stomach) को हृदय स्वास्थ्य के लिए घातक बताया गया है। क्या वाकई ऐसा है? यह जानने के लिए हमने की एक हार्ट स्पेशलिस्ट से बात।
इस बारे में कार्डियोलॉजिस्ट, चीफ कैथ लैब और टीएवीआई, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के डॉ अमित कुमार चौरसिया ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अक्सर पेट के बल सोना (Sleeping on your stomach) शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। यह कई और समस्याओं का कारण बन सकता है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान रीढ़ की हड्डी (Effect on spinal cord) को होता है। जिसकी संरचना में बदलाव आने लगता है। इसके अलावा कंधों और गर्दन में दर्द का कारण भी उल्टा सोना हो सकता है। खासतौर से गर्भवती महिलाओं को इस पॉजीशन में बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए।
डॉ अमित कुमार चौरसिया बताते हैं कि हांलाकि कुछ वीडियोज में दावा किया जाता है कि पेट के बल सोने से हार्ट अटैक (Heart attack) का खतरा बढ़ जाता है, मगर वो पूरी तरह से गलत है। पेट के बल सोने और कार्डियक हेल्थ (cardiac health) के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। हालांकि नींद पूरी नहीं होना और नींद से जुड़ी अन्य समस्याएं आगे चलकर दिल की बीमारियों का खतरा अवश्य बढ़ा देती हैं।
डॉ अमित बताते हैं कि जब हम पेट के बल पर सोते हैं, तो शरीर के वजन के कारण रीढ़ की हड्डी (spinal cord) ज्यादा नीचे की ओर दब जाती है। इससे एक धनुष जैसी संरचना बन जाती है। अगर कोई लगातार इसी तरह सोता है तो रीढ़ की हड्डी पर स्थायी दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इससे चलते समय दर्द से लेकर कई अन्य तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
पेट के बल सोते समय सांस लेने के लिए आपको अक्सर अपनी गर्दन किसी एक तरफ घुमाकर रखनी पड़ती है। इससे रीढ़ की हड्डी के साथ उसका अलाइनमेंट बिगड़ जाता है। इससे गर्दन और कंधे में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। सोने का तरीका सही न हो तो सिर दर्द और पीठ में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
सोते वक्त अधिकतर लोग तकिए में चेहरा दबा लेते हैं। इससे चेहरे पर समय से पहले झुर्रियां पड़ने का खतरा बना रहता है। पेट के बल सोने से रात भर चेहरे की त्वचा में खिंचाव महसूस होने लगता है। इससे स्किन सेल्स प्रभावित होते हैं, जिससे झुर्रियों का सामना करना पड़ता है।
गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर पेट के बल सोने से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान अक्सर पेट के बल सोना असहज रहता है, जिससे नींद पूरी नहीं होती है। लगातार ऐसा होना तनाव, अवसाद और एंजाइटी का कारण बन सकता है। यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी हानिकारक साबित होता है।
डॉ अमित कुमार बताते हैं कि सोने के लिए सबसे अच्छी पोजिशन बाएं करवट होकर सोना है। इससे खर्राटे भी कम आते हैं और पाचन संबधी समस्याएं दूर होने लगती हैं। सीधा पीठ के बल लेटना भी कमर दर्द व कुछ अन्य समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद रहता है। कभी कभार आराम के लिए पोजिशन बदलनी होए तो पेट के बल सोना सही हैए लेकिन बहुत देर तक ऐसा नहीं करना चाहिए और आदत में तो बिलकुल भी नहीं शामिल करना चाहिए।
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