सर्दियों में त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। यह हर उम्र के लोगों को परेशान करती हैं, खासकर बच्चों को। छोटे बच्चों में रैश ( winter rashes in kids) की समस्या इतना ज़्यादा कॉमन है कि एक बचपन में एक न एक बार तो ज़रूर होती है। ज्यादातर मामलों में, रैश किसी खतरनाक स्थिति का संकेत नहीं देते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह किसी स्किन कंडिशन (skin condition) या समस्या को दर्शा सकते हैं।
यदि बच्चा ठीक है, खुद को स्वस्थ महसूस कर रहा है और उसमें कोई अन्य लक्षण नहीं हैं, तो आपको ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। कई तरह के रैशेस बिना इलाज के गायब हो जाते हैं। मगर कुछ जाने का नाम नहीं लेते हैं और तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई, और उल्टी का कारण बनते हैं।
खसरा यानी मीज़ल्स बहुत संक्रामक बीमारी है जो आमतौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करती है। इसके कारण शरीर पर लाल रंग के धब्बे हो जाते हैं। यह आमतौर पर सिर या ऊपरी गर्दन पर शुरू होता है और शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाता है। मीज़ल्स में बच्चे को बुखार और सर्दी जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
खसरा आमतौर पर लगभग 7 से 10 दिनों में बिना किसी समस्या के खत्म हो जाता है। इसमें पारासिटामोल या इबुप्रोफेन का उपयोग बुखार और दर्द से राहत पाने के लिए किया जा सकता है।
कारण – यह बच्चों की नाक में पाये जाने वाले एक वायरस के कारण होता है।
पित्ती किसी भी एलर्जेन या वायरस चपेट में आने पर हुई शारीरिक प्रतिक्रिया है। बच्चों में सबसे ज़्यादा कॉमन है और अक्सर पेट में कीड़े होने के कारण भी हो जाता है। एलर्जन या वायरस प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करता है जो हिस्टामाइन को छोड़ता है, जिससे उभरे हुए, लाल और खुजली वाले धब्बे उभर आते हैं। यह बहुत छोटे होते हैं और अक्सर शरीर में खुजली का कारण बनते हैं।
कारण – बच्चों में पित्ती ठंडा और गरम के तुरंत संपर्क में आने पर होती है। यदि पेट खराब हो तब भी यह होती है।
एक्जिमा एक लॉन्ग टर्म कंडिशन है जिसके कारण त्वचा में खुजली, लाल धब्बे, सूखे और फटे हुये रैश हो जाते हैं। सबसे आम प्रकार एटोपिक एक्जिमा है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। एटोपिक एक्जिमा आमतौर पर घुटनों के पीछे या कोहनी, गर्दन, आंखों और कानों पर विकसित होता है। यह एक गंभीर स्थिति नहीं है, लेकिन यदि आपका बच्चा बाद में किसी वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो यह एक्जिमा को बढ़ा सकता है।
कारण – एक्जिमा मौसम में नमी की कमी, स्मोकिंग और हेरिडरी के कारण होता है।
सेल्युलाइटिस स्किन टिशू के अंदर होने वाली समस्या या रैश है। इसकी वजह से प्रभावित क्षेत्र लाल, सूजा हुआ और गर्म होने लग जाता है। यह अक्सर पैरों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर पर कहीं भी हो सकता है। इसकी वजह से आपके बच्चे को भी शायद बुखार भी हो सकता है। सेल्युलाइटिस आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से ठीक हो जाता है।
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कस्टमाइज़ करेंकारण – यह बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण हो सकता है।
चिकनपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो ज्यादातर बच्चों को अपनी चपेट में लेती है। यह आमतौर पर 10 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इसकी वजह से शरीर पर दाने या रैश हो जाते हैं, जिनमें से खून भी निकल सकता है। इन में दर्द भी होता है और यह धब्बे चेहरे, कान और स्कैल्प पर, बाहों के नीचे, छाती और पेट कहीं पर भी हो जाते हैं।
चिकनपॉक्स का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन बुखार कम करने के लिए पेरासिटामोल काम आती है। इसमें रैश को कम करने के लिए कैलामाइन लोशन और कूलिंग जैल का उपयोग किया जा सकता है।
कारण – चिकनपॉक्स वैरिकाला-जोस्टर वायरस (VZV) के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है।
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