स्किन कैंसर की शुरुआत त्वचा से जुड़ी आम समस्याओं के रूप में ही होती है। वहीं जानकारी के अभाव में लोग समय रहते स्किन कैंसर के लक्षण को समझ नहीं पाते, जिसकी वजह से यह गंभीर रूप से उन्हें अपना शिकार बना लेता है। आज भी हम सभी के मन में यह अवधारणा बनी हुई है कि स्किन कैंसर केबल बाहरी त्वचा पर ही हो सकता है। परंतु त्वचा सहित शरीर के अन्य अंग जैसे कि कान, आंख यहां तक कि एनस पर भी स्किन कैंसर के लक्षण नजर आ चुके हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार के कैंसर का एक सबसे बड़ा कारण सूरज की हानिकारक किरणों का प्रभाव है। इसके अलावा वातावरण में रासायनिक प्रदूषण भी त्वचा के कैंसर का कारण बन सकता है। तो आज स्किन कैंसर प्रीवेंशन मंथ में हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है, स्किन कैंसर के लक्षणों से जुड़ी कुछ अहम जानकारी। यदि आप में से किसी को भी इस प्रकार के लक्षण (skin cancer symptoms) का अनुभव होता है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ स्तुति खरे शुक्ला एम.डी. एक प्रसिद्ध त्वचा और बाल विशेषज्ञ (त्वचा विशेषज्ञ), डर्माटो-सर्जन, कॉस्मेटिक त्वचा विशेषज्ञ और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन हैं। डॉ ने स्किन कैंसर के लक्षणों से जुडी कुछ जरुरी बातें बताई हैं।
डॉ कहती हैं की “स्किन कैंसर दुनिया में सबसे आम प्रकार के कैंसर में से एक है, जिसके हर साल लाखों नए मामले सामने आते हैं। रोग असामान्य त्वचा कोशिकाओं के अनियंत्रित विकास के कारण होता है, जिससे त्वचा पर घातक ट्यूमर बन सकते हैं। जबकि त्वचा कैंसर के लक्षण रोग के प्रकार और गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, ऐसे कई प्रमुख चेतावनी संकेत हैं जिसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए।”
“त्वचा में एक नई वृद्धि या त्वचा पर मौजूदा तिल या गांठ में बदलाव होना स्किन कैंसर के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं (skin cancer symptoms)। इनके आकार और रंग में बदलाव देखने को मिले तो सचेत हो जाएं। अन्य लक्षण की बात करें तो त्वचा के किसी क्षेत्र में लगातार खुजली या दर्द रहना, पपड़ीदार पैच या घावों का गठन और वर्णक क्षेत्रों का विकास जो इलाज के बाबजूद ठीक नहीं होते हैं।”
“यदि कोई भी व्यक्ति इनमें से किसी भी एक लक्षण का अनुभव कर रहा है, तो उन्हें स्किन के डॉक्टर से मिलकर फ़ौरन सलाह लेने की आवश्यकता होती है। क्योंकि त्वचा कैंसर के रोगियों में सफल परिणामों के लिए शीघ्र निदान और उपचार महत्वपूर्ण हैं।”
कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर ऑफ़ अमेरिका द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार असामान्य रूप से त्वचा में वृद्धि होना या दर्द रहना जो तमाम कोशिशों के बाद भी ठीक नहीं हो रहे हों तो वे गैर-मेलेनोमा त्वचा कैंसर का पहला संकेत हो सकते हैं। स्किन कैंसर शुरू में त्वचा की सतह पर गांठ, दाने या अनियमित धब्बे के रूप में प्रकट हो सकते हैं। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है गांठ और धब्बो में बदलाव होना शुरू हो जाता है और कैंसर त्वचा की गहरी परतों में विकसित हो सकता है।
यदि आपने अपने मौजूदा तिल और धब्बे की जांच करवाई है और उसे कैंसर घोसित नहीं किया गया है फिर भी ऐसे में ध्यान देना जरुरी है। यदि इनमे किसी प्रकार का बदलाव नजर आ रहा है तो फ़ौरन इसपर ध्यान दें और डॉक्टर से संपर्क करें। मौजूदा धब्बों के आकार या रंगत में किसी भी तरह के बदलाव दिखाई देते ही उचित जांच करवाएं।
सिर या गर्दन पर पिले रंग और ट्रांसलूसेंट लम्पस से भरे बम्प्स नजर आना शुरू हो जाते हैं। इसके मरीजों को बम्प्स के सेंटर में ब्लड वेसल्स या एक इंडेंटेशन दिखाई दे सकता है। यदि कार्सिनोमा छाती पर विकसित होता है, तो यह भूरे रंग के निशान या मांस के रंग के घाव जैसा दिख सकता है। जैसे-जैसे यह कैंसर का रूप लेता है वैसे ही इनमें चोट लगने या इनके रिसने पर खून आने लगता है और कुछ क्षेत्रों में पपड़ी पड़ जाती है।
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स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा त्वचा पर गांठ के रूप में भी विकसित हो सकता है। यह लम्पस आमतौर पर पपड़ीदार होते हैं। यदि इनमें कोई नोड्यूल नहीं बनता है, तो यह एक लाल, पपड़ीदार पैच के रूप में कैंसर में बदल सकते हैं। आमतौर पर त्वचा के दाने समय के साथ खत्म हो जाते हैं, ठीक इनके विपरीत, ये खुरदरे, घाव जैसे धब्बे धीरे-धीरे विकसित होते रहते हैं। इस प्रकार का कैंसर आम तौर पर सिर, गर्दन, हाथ या बाहों पर पाया जाता है, लेकिन वे अन्य क्षेत्रों में भी विकसित हो सकते हैं, जैसे जननांग क्षेत्र।
मर्केल सेल कार्सिनोमा लाल या मांस के रंग के मस्सों के रूप में प्रकट हो सकता है जो उभरे हुए होते हैं और तेजी से बढ़ते हैं। ये छोटे ट्यूमर आमतौर पर ये त्वचा के उन हिस्सों को प्रभावित करते हैं जिनपर सीधी धुप पड़ती है जैसे चेहरा, गर्दन या स्कैल्प पर दिखाई दे सकते हैं।
1. कहीं बाहर जा रही हैं तो लंबे समय तक धुप में न रहें, छाया की तलाश करें। याद रखें कि सूर्य की किरणें सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच बिल्कुल सीधी पड़ती हैं और अधिक हानिकारक होती है।
2. धूप में निकल रही हैं तो इससे बचाव के लिए पुरे शरीर के कपड़े पहनें, जैसे कि हल्की और लंबी बाजू वाली शर्ट। टोपी और यूवी सुरक्षा वाले धूप के चश्मे पहनना न भूलें। धुप आंखों को भी प्रभावित करती है और आंखों के स्किन कैंसर का कारण बन सकती है। अधिक प्रभावी प्रोटेक्शन के लिए, अल्ट्रावॉइलेट प्रोटेक्शन फैक्टर (UPF) लेबल वाले कपड़ों का चयन करें।
3. 30 या उससे अधिक एसपीएफ वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम, वॉटर प्रूफ सनस्क्रीन लगाएं। ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन यूवीए और यूवीबी किरणों दोनों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।
4. जब भी आप बाहर जा रही हों, यहां तक कि क्लॉउडी मौसम में भी सनस्क्रीन लगाना न भूलें। कपड़ों से ढकी हुई त्वचा पर भी पर्याप्त सनस्क्रीन लगाएं। अपने पैरों, गर्दन, कान और अपने सिर के शीर्ष नजरअंदाज न करें।
5. जब बाहर हों, तो हर दो घंटे के बाद फिर से सनस्क्रीन लगाएं।
6. पानी, बर्फ और रेत के पास अतिरिक्त सावधानी बरतें, क्योंकि वे सूर्य की हानिकारक किरणों को प्रतिबिंबित करते हैं, जिससे सनबर्न का खतरा बढ़ जाता है।
7. टैनिंग बेड से बचें। टैनिंग बेड से निकलने वाले युवी किरणें त्वचा के कैंसर और समय से पहले त्वचा की उम्र बढ़ने का कारण बन सकती हैं।
8. त्वचा के कैंसर का पता लगाने के लिए नियमित रूप से त्वचा की जांच करवाएं यदि आपके त्वचा पर सामन्य रूप से कुछ भी अलग नजर आ रहा है जैसे की धब्बे, खुजली या खून आ रहा हो तो बिना देर किए फ़ौरन डॉक्टर से मिलें।
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