क्या आपने कभी सिटिंग डिजीज (Sitting Disease) का नाम सुना है? जी हां, इन दिनों यह डिजीज सबसे अधिक उन लाेगों में देखी जा रही है, जो ऑफिस में घंटों बैठकर काम करते हैं। इसके कारण उन लोगों के लिए भी हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ गया है, जो स्मोकिंग नहीं करते। इसके अलावा यह मोटापा, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का भी जोखिम बढ़ा (Sitting Disease Health Risks) देती है। आइए जानते हैं क्या सिटिंग डिजीज ।
बिना किसी भी प्रकार की एक्टिविटी के लगातार बैठ कर काम करते रहना (Long sitting) स्मोकिंग के बराबर हानि पहुंचाता है। इससे न सिर्फ हार्ट डिजीज (Heart Disease) का जोखिम बढ़ता है, बल्कि लगातार बैठे रहने से लाइफस्टाइल संबंधी क्रोनिक डिजीज जैसे कि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes), हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) होने की संभावना भी बढ़ जाती है। वेलनेस एक्सपर्ट अंजलि मुखर्जी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में इस डिजीज के बारे में विस्तार से बता रही हैं।
अंजलि मुखर्जी बताती हैं, कई शोध इस ओर इशारा करते हैं कि लंबे समय तक बैठे रहने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप एक ऑफिस गोअर हैं या होम प्रोफाइल से काम करती हैं, तो आपको सिटिंग डिजीज से जुड़ी सभी समस्याओं के होने का खतरा हो सकता है। मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर, कमर के आसपास अतिरिक्त चर्बी (Visceral Fat), कब्ज (Constipation) और अस्वास्थ्यकर कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का स्तर, जो जो मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) का कारण बनते हैं।
सिटिंग डिजीज साइंटिस्ट द्वारा गढ़ा गया एक शब्द है, जिसका उपयोग आमतौर पर मेटाबोलिक सिंड्रोम और अत्यधिक गतिहीन जीवन शैली के दुष्प्रभावों के संदर्भ में किया जाता है। यह उन क्रोनिक डिजीज के लिए किया जाता है, जो आमतौर पर गतिविधि की कमी या अधिक बैठने से जुड़ी होती हैं। उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक प्रभावों के कारण बैठने की बीमारी एक समस्या हो सकती है, जो सक्रिय रहने को और अधिक कठिन बना सकती है। सिटिंग डिजीज से मुकाबला करने के लिए ही अधिक खड़े रहने (Standing More) का टर्म सामने आया।
अंजलि इस बात की ओर आगाह करती हैं की अगर आप एक घंटे से अधिक एक्सरसाइज करती हैं। और लगातार कई घंटे बैठे रह जाती हैं, तो यह शरीर पर बहुत अधिक बुरा असर डालता है। 10 घंटे से अधिक लगातार बैठ कर काम करने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए थोड़े अंतराल पर उठकर चल लें।
सिटिंग डिजीज से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुकाबला करने के लिए खड़े होना (Standing) और चलना (Walking) बहुत जरूरी है। यदि आप लगभग 30 मिनट के अंतराल पर खड़ी होती हैं या चलती हैं, तो इससे शरीर का मेटाबोलिक रेट सक्रिय होता है। इससे शरीर स्वस्थ रहता है।
अंजलि बताती हैं कि वाकिंग एक हल्का व्यायाम है, जो सभी के लिए करना आसान है। रोजाना जिस गति से हम चलते हैं, उससे बहुत फर्क पड़ता है। वर्जीनिया विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार, एक सप्ताह में 3 बार तेज गति से सैर करने वाली महिलाओं ने सप्ताह में 5 बार टहलने वालों की तुलना में 5 गुना अधिक पेट की चर्बी कम की।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंइसलिए रोजाना किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि या तेज कदमों से पैदल चलने की जरूर कोशिश करें। इससे सिटिंग डिजीज के जोखिम से बचाव किया जा सकता है।
जिस तरह लंबे समय तक बैठना दिल के लिए हानिकारक है, उसी तरह लंबे समय तक खड़ा रहना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जब आप बहुत देर तक खड़ी रहती हैं, तो आपका ब्लड आपके पैरों में जमा हो जाता है। शरीर में इसका फ्लो ठीक तरह से नहीं हो पाता है। ब्लड के सुचारू रूप से फ्लो के लिए नसों को दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है।
यह भी पढ़ें :- Restorative Yoga : लगातार थकान या अशांत महसूस कर रहीं हैं, तो आपकी मदद कर सकता है रेस्टोरेटिव योग, जानिए क्या है यह