बारीक छोटे काले और सफेद रंग के चिया सीड्स इन दिनों लोगों की पहली पंसद बने हुए है। चाहे वेटलॉस (chia seeds for weight loss) जर्नी हो या स्किन रूटीन हर जगह चिया सीड्स का भरपूर मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। फाइबर से भरपूर चिया सीड्स को मॉडरेट ढ़ंग से खाने से जहां शरीर को फायदा मिलता है, तो वहीं इसका अत्यधिक इस्तेमाल शरीर के लिए ब्लोटिंग, इनडाइजेशन और एलर्जी समेत कई समस्याओं का कारण बनने लगता है। जानते हैं चिया सीड्स किस प्रकार स्वास्थ्य को पहुंचाते हैं नुकसान (chia seeds side effects)।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार चिया सीड्स में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। 1 ओंस यानि 28 ग्राम चिया सीड्स का सेवन (chia seeds consumption) करने से शरीर को 11 ग्राम फाइबर की प्राप्ति होती है। इससे गट में गुड बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। मगर ज्यादा मात्रा में फाइबर इनटेक बढ़ने से पेट दर्द, ब्लोटिंग, कब्ज और इंफ्लामेटरी बॉवल डिज़ीज़ (inflammatory bowel disease) का सामना करना पड़ता है।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि चिया बीज में अल्फा.लिनोलेनिक एसिड की उच्च मात्रा पाई जाती है। इस प्लाट बेस्ड फूड से ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी प्राप्ति होती है। इससे मेंटल हेल्थ को हार्ट हेल्थ बूस्ट होती है। साथ ही चिया सीड्स में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। मगर वे लोग जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट यानि पाचनतंत्र सबंधी समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं, उन्हें इसे खाने से परहेज़ करना चाहिए।
इसके अलावा कुछ लोग जिन्हें फाइबर से एलर्जी है, उन्हें भी इन चिया सीड्स को नहीं खाना चाहिए। चिया सीड्स को रूखा खाने से चोकिंग का खतरा बना रहता है। ऐसे में सीड्स को रोस्ट करके या फिर भिगोकर खाने से गले में अटकने का खतरा नहीं रहता है। इसके अलावा चिया सीड्स को खाली पेट खाना भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
चिया सीड्स में फाएटिक एसिड पाया जाता है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में चिया सीड्स का सेवन करने से शरीर में आयरन और जिंक जैसे मिनरल्स का एबजॉर्बशन कम होने लगता है। इसमें मैगनीज़, फासफोरस, सिलेनियम, आयरन और मैगनीशियम पाया जाता है। मगर इसके सेवन से शरीर को विटामिन की मात्रा पूर्ण रूप से नहीं मिल पाती है।
इसमें मौजूद फाइबर की उच्च मात्रा डायरिया के लक्षणों को बढ़ा सकती है। चिया सीड्स पानी को सोखने की क्षमता रखते है और अपने आसपास एक जैली लेयर बना लेते है। इसके चलते शरीर में निर्जलीकरण का खतरा बढ़ सकता है। इसके चलते पेट में ऐंठन और ब्लोटिंग का खतरा बढ़ने लगता है। वे लोग जिन्हें पहले से डायरिया है, उन लोगों में ये समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है।
रिसर्च गेट की रिपोर्ट के अनुसार चिया सीड्स को सोक करके या बेक करके खाने से फायदा मिलता है। वे लोग जो एक ही समय में चिया सीड्स को चम्मच में डालकर रूखा खाने का प्रयास करते हैं उससे चोकिंग का खतरा बढ़ जाता है। ये बीज एसोफेगस यानि अन्नप्रणाली में जाकर फैल जाते हैं, जिससे ब्लॉकेज का सामना करना पड़ता है। चिया सीड्स को खाने से 10 से 15 पहले उन्हें अवश्य भिगोकर रखें।
अधिकतर लोग फूड एलर्जी से परेशान रहते है, उन्हें किसी न किसी फूड से एलर्जी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते कभी शरीर पर रैशेज, कभी उल्टी, तो कभी दस्त का सामना करना पड़ता है। जब तक वो फूड बॉडी से रिलीज़ नहीं होता है, ये समस्या तब तक बनी रहती है। ऐसे ही कुछ लोगों में फाइबर फूड्स से एलर्जी पाई जाती है। ऐसे लोगों को चिया सीड्स खाने से परहेज करना चाहिए।