कोविड -19 के बारे में बहुत सारी जानकारियां हमें मिल रही है। इनमें से कौन सी जानकारी सही और गलत है इसे पता करना बहुत ही मुश्किल काम है। चाहे वो इस बीमारी के लक्षणों की बात हो या साइड-इफेक्ट्स की। पर आप किसी भी तरह की परेशानी न लें। हाल ही में स्टेरॉयड का उपयोग चर्चा का विषय बना हुआ है जो डॉक्टरों और कोविड -19 के मरीजों को चैन की नींद लेने नहीं दे रहा है।
ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि के कारण सब चिंताग्रस्त हैं। यही कारण है कि हम आपको बताने जा रहे हैं कि कोविड के उपचार में स्टेरॉयड कब लेना चाहिए।
इससे पहले हम आपको उन मरीजों के कुछ उदाहरण देते हैं, जिन्हें कोविड -19 के इलाज के लिए स्टेरॉयड की आवश्यकता नहीं थी। मुंबई में रहने वाली 42 वर्षीय महिला अलीना शेख को कई एंटीबायोटिक्स के साथ स्टेरॉयड भी दिए गए थे। पहले ही दिन उन्हें कोविड -19 संक्रमण का अनुभव हुआ। उनकी स्थिति में सुधार होने के बजाय, उनका बुखार कई दिनों तक जारी रहा और उनका ऑक्सीजन स्तर गिर गया। कुल मिलाकर उनका मामला बिगड़ गया।
कोविड-19 उपचार के दौरान कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है।चित्र : शटरस्टॉकएक अन्य मामला जो मुंबई की एक 20 वर्षीय लड़की का है उन्हें संक्रमण के चौथे दिन स्टेरॉयड की भारी खुराक दी गई थी। ये उनके साथ तब हुआ, जब उनके शरीर में कोविड के कोई प्रमुख लक्षण देखने को नहीं मिले, लेकिन सीटी स्कैन रिपोर्ट ने उनके फेफड़ों में थोड़ी सी समस्या दिखाई थी। बता दें स्टेरॉयड लेने से उनको नुकसान हुआ और उनका स्वास्थ्य बेहतर होने के बजाय, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इस बात से सिद्ध होता है कि कोविड-19 के लिए स्टेरॉयड का उपयोग सभी मरीजों के लिए नहीं करना चाहिए। अगर घर पर क्वारंटाइन करने से आपका मामला बेहतर हो रहा है, तो आपको किसी भी कीमत पर इनसे दूर रहना चाहिए।
आइए अब तथ्यों पर आते हैं। पिछले साल यूनाइटेड किंगडम में किए गए रिकवरी ट्रायल के अनुसार, यह पाया गया कि डेक्सामेथासोन की 6 मिलीग्राम खुराक, यदि 10 दिनों के लिए दैनिक रूप से उपयोग की जाती है, तो मृत्यु दर को कम करने में मदद मिली।
मगा केवल उन रोगियों में जिनको सांस से संबंधित दिक्कत थी। इसलिए, यदि आप ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं हैं, तो इस दवा को लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अनुसंधान से पता चलता है कि कोविड -19 के लिए स्टेरॉयड का उपयोग सूजन को नियंत्रित करने में मदद के लिए किया जाता है। अगर इसका सही समय पर उपयोग नहीं किया जाता है, तो वे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है और दुष्प्रभावों को बढ़ा सकता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि स्टेरॉयड का उपयोग आपकी इम्युनिटी को कम करने के लिए किया जाता है। स्टेरॉयड का उपयोग करने की सलाह तभी दी जाती है, जब ऑक्सीजन लेवल 94% से कम हो। महाराष्ट्र में, कोविड टास्क फोर्स ने डेक्सामेथासोन के उपयोग की अनुमति केवल तभी दी है, जब किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94% से कम हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एंटी माइक्रोबियल दवाओं का अधिक इस्तेमाल काफी खतरनाक है। ”धारावी आयुष डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ अख्तर शेख ने मीडिया को ये बताया है कि “हम नए मरीजों के लिए, तुरंत डॉक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन और पेरासिटामोल शुरू करते हैं। इसके अतिरिक्त, हम इलाज के लिए कुछ आयुष उपचार भी लिखते हैं। हम सात दिनों से पहले स्टेरॉयड देने से बचते हैं, जब तक कि ये अत्यंत आवश्यक न हो।
एम्स के निदेशक गुलेरिया ने भी सीटी स्कैन के खिलाफ बात की और बताया कि इनकी जरूरत तभी पड़ती है जब मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना होता है।
“सीटी-स्कैन और बायोमार्कर का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। हल्के लक्षण होने पर सीटी स्कैन कराने से कोई फायदा नहीं होता है। एक सीटी-स्कैन छाती के 300 एक्स-रे के बराबर होता है, ये बहुत हानिकारक है।”
यदि आपका डॉक्टर अभी भी आपको स्टेरॉयड देता है, तो इसका उपयोग करने से पहले दूसरे किसी डॉक्टर की राय जरूर लें।
घर पर कोविड-19 का इलाज करते समय केवल एक ही काम करना चाहिए, वो है किसी भरोसेमंद डॉक्टर के लगातार संपर्क में रहना। यदि कम ऑक्सीजन, सीने में दर्द और कोई गंभीर लक्षण महसूस हो रहा है, तो उसी समय जांच करवाएं।
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