शुगर के मरीजों को मछली नहीं खानी चाहिए? आइए पता करते हैं ये सच है या झूठ
मछली खाने और न खाने को लेकर कई लोगों में कई तरह की भ्रांतियां प्रचलित हैं। ऐसी ही एक भ्रांति है कि शुगर के मरीजों को मछली नहीं खानी चाहिए। हर सवाल का जवाब सिर्फ हां या न ही नहीं होता। खासतौर से जब यह डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी से जुड़ा हो। इसलिए डायबिटीज और मछली खाने के बारे में आइए आज विस्तार से बात करते हैं।
सुपरफूड है मछली
मछली प्रोटीन, ओमेगा 3 और विटामिन D का एक बड़ा स्रोत है और माना जाता है कि यह हमारी हड्डियों, त्वचा की आंखों और तंत्रिकाओं के लिए सहायक होती है। मगर डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है! और आज हम इसी बात का पता लगाएंगे कि क्या डायबिटीज के मरीजों को मछली का सेवन करना चाहिए या नहीं।
जानिए इससे जुड़े अध्ययन में क्या सामने आया?
हावर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के अनुसार मछली के सेवन से टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम किया जा सकता है।
माना जाता है कि नियमित रूप से मछली खाने से स्वस्थ लोगों में दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। अब नए शोध से पता चलता है कि यह डायबिटीज से जूझ रही महिलाओं में हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकती हैं।
टाइप 2 मधुमेह वाली महिलाएं, जो सप्ताह में एक बार मछली खाती हैं, उनमें हृदय रोग विकसित होने की संभावना 40% कम थी, और लगभग हर दिन मछली खाने से जोखिम में दो-तिहाई कमी आई थी। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA ) जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित हुए इस अध्ययन में टाइप 2 मधुमेह से ग्रसित लगभग 5,100 महिलाएं शामिल थीं।
कई अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग बहुत अधिक मछली खाते हैं, वे भी सामान्य रूप से स्वस्थ जीवन शैली जीते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या मछली को एक रोग निवारक के रूप में खाया जा सकता है या नहीं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हैं मछली
मधुमेह वाले लोगों के लिए मछली एक अच्छा भोजन है। प्रोटीन हमारी कुछ ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है और ओमेगा 3 हमारे हृदय स्वास्थ्य में मदद कर सकता है।
मधुमेह वाले लोगों में विटामिन D का निम्न स्तर आम है, इसलिए आहार में मछली को शामिल करना आपके विटामिन D की कमी पूरी करने का एक अच्छा तरीका है।
ऐसी गर्भवती महिलाएं जिन्हें डायबिटीज है उनके लिए भी फायदेमंद है मछली
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के अनुसार गर्भवती महिलाओं को प्रत्येक सप्ताह मछली की कम से कम दो सर्विंग्स खानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि कई मछलियों में प्रचुर मात्रा में ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं, जो ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करके, रक्त वाहिकाओं के कार्य में सुधार करते हैं और रक्त के थक्के बनने को कम करते हैं जिससे हृदय रोग के जोखिम में कमी आती है।
यह भी ध्यान रहे
आपको बता दें कि कच्ची मछली खाने से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। इसलिए, मछली अच्छे से पका कर ही खाएं!
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