Shatpavali : खाना खाने के बाद 100 कदम चलना है आपकी सेहत के लिए फायदेमंद, आयुर्वेद में बताए गए हैं कारण

आयुर्वेद के अनुसार, प्रत्येक भोजन के बाद 100 कदम जरूर चलना चाहिए। यह प्रक्रिया मूल रूप से शतपावली कहलाती है। इससे न सिर्फ पाचन तंत्र मजबूत होता है, बल्कि वजन भी घटता है।
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प्रत्येक भोजन के बाद 100 कदम चलने से शरीर में अच्छी पाचन आदतों का विकास होता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 18 Oct 2023, 10:20 am IST
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एक्टिव, फिट और हेल्दी रहने के लिए भोजन पर ध्यान देना जरूरी है। आहार में आप क्या ले रही हैं, इस पर आपका स्वास्थ्य निर्भर करता है। यह जानना भी बेहद जरूरी है कि भोजन के बाद आप क्या करती हैं। आयुर्वेद के अनुसार भोजन के बाद थोड़ा चलना जरूरी है। इसे ‘शतापावली’ कहा जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार, यह एक आयुर्वेदिक अवधारणा है, जो व्यक्ति को खाने के बाद टहलने के लिए प्रोत्साहित करती 9100 steps after every meal health benefits) है।

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद (Shatpavali for digestive system)

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. नीतू भट्ट कहती हैं, “शतपावली (Shatpavali for digestive system) मुख्य रूप से एक मराठी शब्द है। इसका अर्थ सौ कदम (शत-सौ, पावली-कदम) होता है। यह मुख्य रूप से प्रत्येक भोजन के बाद 100 कदम चलने के रूप में परिभाषित किया गया है। यह आदत प्राचीन काल में प्रचलित थी। यह पाचन के लिए बहुत प्रभावी साबित रहा है। प्रत्येक भोजन के बाद 100 कदम चलने से शरीर में अच्छी पाचन आदतों का विकास होता है। शरीर को फिट रखने और पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करने के लिए तेज क़दमों से चलना सबसे फायदेमंद तरीका है।”

किस तरह फायदा पहुंचाती है शतपावली प्रक्रिया (Shatpavali Benefits) 

खाने के बाद 100 कदम चलने से शतपावली पाचन प्रक्रिया में सहायता करता है। यह ब्लड शुगर लेवल को बेहतर ढंग से नियंत्रित करता है। यह कैलोरी जलाने को बढ़ावा देता है। यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को प्रबंधित करता है। यह खाए गए भोजन को बेहतर तरीके से पाचन तंत्र में आगे बढ़ाने में मदद करता है। किसी भी भोजन के बाद थोड़ी देर टहलने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है। यह टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) जैसी जटिलताओं को दूर करने में मदद कर सकता है।

टहलना  ब्लड शुगर लेवल को बेहतर ढंग से नियंत्रित करता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

कफ दोष घटाता है 

डॉ. नीतू बताती हैं, ‘जहां भोजन के बाद 100 कदम चलने को प्रोत्साहित किया जाता है, वहीं भोजन के बाद आयुर्वेद कुछ अन्य आदतों का पालन करने की भी बात कहता है। खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से पाचन क्रिया कम हो जाती है। खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से व्यक्ति मोटापे का भी शिकार हो सकता है। यदि प्यास लगे, तो भोजन के बीच में पानी पीना चाहिए।

भोजन के तुरंत बाद सोने से शरीर में जल तत्व यानी कफ दोष बढ़ जाता है। वहीं फैट यानी मेद भी शरीर में बढ़ जाता है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। इसके कारण भोजन ठीक से पच नहीं पाता है

लंबी दूरी तक चलना हो सकता है हानिकारक (Long Walk is Harmful) 

यदि आप भोजन के तुरंत बाद लंबी दूरी तक चलती हैं, तो वह भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। लंबी दूरी तक चलने के साथ-साथ तैरना, यात्रा करना और भोजन के बाद व्यायाम करना और भारी काम करना जैसे काम भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ये सारी गतिविधियां वात बढ़ाने वाली हो सकती हैं। ये पाचन में गड़बड़ी की संभावना को बढ़ा सकती हैं।

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भोजन के तुरंत बाद लंबी दूरी तक चलती हैं, तो वह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

इससे सूजन, भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण में दिक्कत हो सकती है। पाचन में समस्या एसिडिटी और गैस की भी वजह हो सकती है। भोजन के बाद टहलने को हमेशा प्रोत्साहित किया जाता है। लेकिन कभी भी तेज गति से न चलें, क्योंकि इससे शरीर में दोष बढ़ सकते हैं

भोजन के तुरंत बाद सोना हो सकता है नुकसानदेह

भोजन के तुरंत बाद सोने से शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसके कारण भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। आयुर्वेद भोजन के बाद 100 कदम चलने और फिर इसके बाद वामकुक्षी यानी बाईं ओर सोने की सलाह देता है। यह पाचन प्रक्रिया में मदद करता है। पाचन में मदद करने और मोटापे से बचने के लिए भोजन के बीच में पानी पीना चाहिए। खाना खाने से पहले या बाद में नहीं।

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