हमने ढूंढी एक ऐसी डॉक्‍टर, जो होमियोपैथी से जुड़े आपके सभी जरूरी सवालों का जवाब दे रही हैं

जब बात आती है होमियोपैथी की तो सही जानकारी की भारी कमी है। इसलिए हम आपके सवालों का सही जवाब ले कर आये हैं।
homeopath ki dawa ke fayde
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए नॉन शुगर गोलियां भी मिलती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
Dr Khushboo Thakker Garodia Updated: 10 Dec 2020, 12:57 pm IST
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भारत में एलोपैथी के अलावा चिकित्सा में आयुर्वेद जैसे कई विकल्प हैं। ऐसा ही एक विकल्प है होमियोपैथी।

जहां एक ओर होमियोपैथी में विश्वास रखने वाले इसकी तारीफ करते नहीं थकते, वहीं होमियोपैथी पर भरोसा न करने वालों की भी कमी नहीं है। कारण है होमियोपैथी के बारे में फैली गलत जानकारी और अफवाह। इसलिए हम सही जानकारी आप तक पहुंचा रहे हैं।

1. होमियोपैथी कैसे काम करती है?

होमियोपैथी का एक कॉन्‍सेप्ट है- सिमिला सिमिलस क्यूरेन्टर यानी समान पदार्थ ही एक-दूसरे का इलाज होते हैं। यह कुछ-कुछ लोहा ही लोहे को काटता है जैसी बात है।
होमियोपैथी की कार्यशैली को पूर्णतः वैज्ञानिक माना गया है। अलग-अलग शोध, स्टडी, क्लीनिकल स्टडी इत्यादि में मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट से लेकर फिजिसिस्ट तक ने होमियोपैथी को कारगर बताया है।

2. क्या होमियोपैथी प्लेसिबो इफ़ेक्ट पर काम करती है?

सबसे पहले आपको बता दें प्लेसिबो क्या होता है। प्लेसिबो इफ़ेक्ट एक साइकोलॉजिकल स्थिति है, जहां मरीज पर दवा तभी असर करती है जब वह यकीन करता है कि दवा कारगर है।
और होमियोपैथी प्लेसिबो इफ़ेक्ट पर नहीं चलती। होमियोपैथी में शिशुओं और जानवरों के लिए भी उपचार हैं, और वे उपचार सफल होते हैं। अब ना तो शिशु यह जानता है कि उसे दवा दी जा रही है, न जानवर दवा में विश्वास रखेगा। फिर भी दोनों होमियोपैथिक दवा से स्वस्थ होते हैं।

3. क्या होमियोपैथी का बीमारी पर असर जल्दी हो सकता है?

होमियोपैथी में ही नहीं किसी भी चिकित्सा में इलाज दो बातों पर निर्भर करता है- बीमारी की गंभीरता और समय। छोटी समस्या के लिए होमियोपैथी की दवा से तुरन्त राहत मिलती है, जैसे डायरिया या वायरल बुखार।

होमियोपैथी में भी बीमारी की गंभीरता पर उसका उपचार निर्भर करता है। चित्र : शटरस्‍टॉक

पर समस्या यह होती है कि लोग अक्सर होमियोपैथी की ओर तब बढ़ते हैं, जब एलोपैथी असर नहीं करती। तब तक बीमारी बढ़ चुकी होती है और ठीक होने में समय लगता है।

4. क्या होमियोपैथी में पैथोलॉजिकल टेस्ट की ज़रूरत पड़ती है?

टेस्ट और जांच की ज़रूरत तो पड़ती ही है। उस की मदद से मरीज़ की स्थिति का आकलन किया जाता है।

5. क्या इसमें स्टेरॉइड्स या हैवी मेटल का इस्तेमाल होता है?

यह होमियोपैथी के बारे में पूछा जाने वाला सबसे आम सवाल है। न तो होमियोपैथी में स्टेरॉइड्स होते हैं, न ही कोई कच्चा धातु पदार्थ। होमियोपैथी की दवा एक स्टैंडर्ड प्रोसीजर से होकर गुजरती हैं, और उसमें ऐसी कोई सामग्री नहीं होती जो किसी भी मरीज को नुकसान पहुंचाए। कुछ होम्योपैथिक दवा स्टेरॉइड्स टेस्ट में पॉजिटिव पाई जाती हैं, इसका कारण है होमियोपैथी में इस्तेमाल होने वाले प्लांट बेस्ड पदार्थ।

होमियोपैथी की दवा जल्दी असर करती है, इसलिए भी लोगों को लगता है कि इसमें स्टेरॉइड्स हैं, लेकिन होमियोपैथी में स्टेरॉयड के लिए कोई जगह नहीं है।

6. क्या होमियोपैथी को अन्य मेडिसिन के साथ लिया जा सकता है?

ज्यादातर मरीज़ जो होमियोपैथी की दवा लेते हैं वे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर इत्यादि की दवा ले रहे होते हैं। तो यह कहा जा सकता है कि होमियोपैथी बाकी दवाओं के साथ खाई जा सकती है। होमियोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी और एलोपैथी के साथ खाई जा सकती है।

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एक ही बीमारी की दो दवाएं लेने से परहेज करना चाहिए। चित्र: शटरस्‍टॉक

लेकिन एक ही बीमारी के दो तरह की दवा नहीं खाई जाती हैं। अगर आपकी कोई अन्य दवा चल रही है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।

7. क्या होमियोपैथी के साथ कोई खास डाइट लेने की ज़रूरत है?

होमियोपैथी के लिए कोई खास डाइट की ज़रूरत नहीं पड़ती। लेकिन आपकी डाइट आपकी बीमारी के अनुसार ही तय होगी। बीमारी के दौरान परहेज़ तो करना ही चाहिए।

8. क्या होमियोपैथी से गम्भीर बीमारियों का इलाज हो सकता है?

होमियोपैथी में सभी छोटी बड़ी बीमारी का इलाज है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि होमियोपैथी की दवा सर्जरी की जगह ले लेगी। मगर होम्योपैथिक डॉक्टर भी आपको उतना ही सटीक आकलन देगा जितना किसी अन्य मेडिसिनल साइंस का।

9. क्या खुद से होमियोपैथी की दवा खरीद कर उपचार किया जा सकता है?

होमियोपैथी ही क्या, कोई भी दवा खुद से नहीं लेनी चाहिए। सिर्फ दवा का नाम पता होना काफी नहीं। होमियोपैथी में डोज़ और कॉम्बिनेशन मालूम होना जरूरी है। इसलिए डॉक्टर से ही दवा लें।

डिस्क्लेमर- इस लेख का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, यह किसी भी मेडिकल एक्शन के पक्ष को नही दर्शाता है।

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Dr Khushboo Thakker Garodia is a homeopath, trichologist, an integrative health expert, and the founder of Meraki Wellbeing ...और पढ़ें

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