दुख भी जीवन का एक हिस्सा है, और दुखी होना बिल्कुल नॉर्मल है। लेकिन अक्सर हमारा मन दुख से बाहर नहीं निकल पाता। दुखी होना, मूड खराब होना ठीक है, लेकिन आप खराब मूड के कारण दिनभर दुखी रहें यह ठीक नहीं। इसलिए जाने कुछ ऐसे उपाय जिनसे आपका खराब मूड चुटकियों में अच्छा हो जाएगा।
नेशनल अकैडमी ऑफ़ साइंस के हाल ही के शोध में सामने आया है कि म्यूजिक सुनने से हमारे शरीर मे डोपामीन हार्मोन निकलता है। डोपामीन हमारा फील गुड हार्मोन होता है, जो हमें खुश महसूस कराता है। आपके पसन्द का संगीत आपके खराब मूड को सुधार सकता है।
अच्छा या बुरा, डांस तो हर व्यक्ति करता है, भले ही अकेले में करे। डांस करते वक्त हमारे शरीर में एंड्रोफिन्स नामक हार्मोन निकलता है जो तनाव दूर कर हमारा मूड सही करता है। तो डांस करते वक्त आप मानसिक रूप से शांत और रिलैक्स महसूस करते हैं।
आर्ट तो अपने आप में थेरेपी की तरह है। आप ड्रॉइंग करते हों, स्केचिंग या पेंटिंग, सभी बराबर रूप से मददगार होते हैं। आर्ट करते वक्त स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल को कम करता है और एंड्रोफिन्स को बढ़ाता है। अगर आपकी आर्ट अच्छी नहीं है, तो आप कलरिंग बुक्स का सहारा ले सकते हैं, यह भी उतना ही कारगर होता है।
आप जो महसूस कर रहे हैं उसको कागज़ पर उतारने की कोशिश करें। पर्सनालिटी एंड सोशल साइकोलॉजी बुलेटिन के एक रिसर्च के अनुसार लिखने से स्ट्रेस कम होता है और हम अपने भावों को बेहतर तरह से समझ पाते हैं। और अपनी भावनाओं को लिखना हमें खुशी देता है।
शरीर की फ़िटनेस के लिए तो एक्सरसाइज ज़रूरी है ही, साथ ही यह हमारे मूड को भी अच्छा करती है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज बहुत ज़रूरी है। एक्सरसाइज करते वक्त हमारे शरीर मे डोपामीन, एड्रनेलीन और एंडोकैनाबानोइड हॉर्मोन्स निकलते हैं जो हमें सुखी महसूस कराते हैं।
अगर आपको कुकिंग पसन्द है, तो यह आपके लिए एक रिलैक्सिंग एक्टिविटी हो सकती है। कुकिंग करते वक्त हमारा माइंड काम मे व्यस्त हो जाता है और अंत में हमे कुछ टेस्टी खाने को भी मिल जाता है। तो कुकिंग आपके मूड के साथ साथ पेट के लिए भी बढ़िया उपाय है।
अपने पार्टनर, भाई-बहन, दोस्त किसी से भी कुछ देर बात करें। यह बिल्कुल ज़रूरी नहीं है कि आप अपनी भावनाओं या मूड को डिस्कस करें। आप कुछ भी बात कर सकती हैं और 10-15 मिनट में ही आपको अपने मूड में फ़र्क नज़र आएगा।
क्या आप जानते हैं किताब पढ़ना भी मेडिटेशन के समान होता है! किताब पढ़ते वक्त आपका दिमाग उस किताब की दुनिया में होता है, जिससे आपका स्ट्रेस कम होता है। आपको पूरी किताब पढ़ने की ज़रूरत नहीं, अपनी पसंद के कुछ पन्ने पढ़कर ही आपका मूड अच्छा हो जाएगा।
इससे दिमाग शांत होता है और शरीर मे ऑक्सीजन का फ़्लो भी बढ़ता है, जिससे आपको एंग्जायटी और स्ट्रेस से राहत मिलती है।
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कस्टमाइज़ करेंज़िंदगी में अच्छी बातें बहुत हैं, बस हम कभी उनका हिसाब नहीं रखते। लेकिन साइंस कहता है कि ऐसी चीजों की लिस्ट बनाने से, जिनके लिए आप ग्रेटफुल हैं, ऑक्सिटोसिन और सेरोटोनिन हॉर्मोन्स का लेवल बढ़ता है और आप खुश महसूस करते हैं। इसको रोज़ाना की आदत बनाने से आपका तनाव कम होगा और आप खुश रहेंगे।
डायरी लिखना एक अच्छी आदत है। अपनी भावनाओं को लिखने से आपको उनके ऊपर कंट्रोल महसूस होता है, जिससे आपका मूड खराब नहीं होता। दुखी होने पर भी आपको लगता है कि आपके दुख आपके कंट्रोल में हैं, जिससे स्ट्रेस कम होता है और मूड ठीक होता है।