90% महिलाएं नहीं जानती कि वे डायबिटिक हैं, योग-ध्यान और प्राणायाम से कर सकती हैं डायबिटीज कंट्रोल

यह लाइफस्टाइल डिजीज है और इतनी खतरनाक है कि इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। यह केवल आपसे जीवन की मिठास ही नहीं छीनती, बल्कि आपके हार्ट, किडनी और प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करती है।
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हाथ से खाने से काबू में रहती है शुगर । चित्र: शटरस्‍टॉक
योगिता यादव Updated: 10 Dec 2020, 13:59 pm IST
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योग-ध्यान और प्राणायाम जैसी प्राचीन स्वास्‍थ्‍यकारी क्रियाओं के होने के बावजूद हमारे देश की एक बड़ी आबादी डायबिटीज से ग्रस्त है। यह उन सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है जिसे हमने खुद अपने खराब लाइफस्टाइल से पैदा किया है। स्वास्‍थ्‍य विज्ञान में इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। जो धीरे-धीरे हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करती है। इसलिए आज आपको जानना चाहिए उन चीजों के बारे में जो आपको इस क्रोनिक डिजीज से बचा सकती हैं।

पहले डायबिटीज के बारे में जानिए

डायबिटीज एक क्रोनिक डिजीज है। जो शरीर में ब्लड शुगर को ग्लूकोज के रूप में संसाधित करने के तरीके को प्रभावित करती है। आपके शरीर के ठीक से काम करने के लिए यह जरूरी है कि ब्लड में ग्लूेकोज का लेवल संतुलित रहे। पर खाने-पीने की अस्वस्थ आदतों, व्या‍याम न करने और तनाव के कारण शरीर की यह प्राकृतिक प्रक्रिया बाधित होती है। जिससे हम डायबिटीज से ग्रस्त हो जाते हैं। इनमें भी टाइप 1 डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज और गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज तीन हैं।

डायबिटीज आपके हार्ट किडनी और प्रजनन क्षमता को भी नुकसान पहुंचाती है । चित्र : शटरस्टॉक

राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार सर्वेक्षण के आंकड़ों पर गौर करें तो पाएंगे कि डायबिटीज से ग्रस्त आधे से अधिक लोग यह जानते ही नहीं हैं कि वे इस बीमारी की चपेट में हैं। इनमें महिलाओं की संख्या भी कम नहीं है। और उनसे भी ज्यादा संख्या उन महिलाओं की है, जो डायबिटीज की बॉर्डर लाइन पर होने के बावजूद इसे बहुत लापरवाही से लेती हैं।

अगर आप हैं बॉर्डर लाइन पर

विशेषज्ञ आपको सलाह देते हैं कि अगर आपको बार-बार पेशाब आता है या प्यास बढ़ गई है तो आपको प्री-डायबिटिक टेस्ट करवाना चाहिए। इसी को बॉर्डरलाइन डायबिटीज भी कहा जाता है। आईडीएफ डायबिटीज एटलस के मुताबिक भारत में 7.29 करोड़ लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं। जबकि 8 करोड़ लोग डायबिटीज की बॉर्डरलाइन पर हैं। सबसे दुखद बात है कि इनमें से 90 फीसदी लोग अपनी स्थिति से परिचित नहीं होते और वे आने वाले तीन से चार वर्ष में डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं।

तो सबसे पहले यह जरूरी है कि अगर आपका लाइफस्टाइल सेडेंटरी है, यानी उसमें शारीरिक गतिविधियां न के बराबर हैं तो आपको अपना प्री-डायबिटिक टेस्ट करवाना चाहिए। आपके लिए अच्छी खबर यह है कि अगर आप डायबिटीज की बॉर्डर लाइन पर हैं, तो भी आप इसे योग, ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से नियंत्रित कर सकती हैं।

योग, ध्यान एवं प्राणायाम

योग, ध्‍यान और प्राणायाम आपको डायबिटीज से निजात दिला सकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

प्राणायाम

भागदौड़, तनाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल में जब हम गुम हो जाते हैं, तो हमारा शरीर हमें उस खराब लाइफस्टाइल में सपोर्ट करना बंद कर देता है। असल में ये संकेत है कि हम अपने शरीर से उसकी प्रकृति के विरुद्ध काम ले रहे हैं। प्राणायाम हमें फि‍र से अपने तन और मन को महसूस करने का अवसर देता है।

इस तरह करें प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम करने के लिए श्वास सामान्य गति से अंदर की और लेनी होती है। और तेज़ गति से बाहर छोड़नी होती है। यह पूरी प्रक्रिया एक खास लय में होनी चाहिए।

हर सेकंड में एक बार सांस को तेजी से नाक से बाहर छोड़ें। इसमें पेट अन्दर चला जाएगा। और फि‍र सामान्य रूप से सांस को अन्दर लें। योग विशेषज्ञों के अनुसार एक मिनट में 60 बार और कुल 5 मिनट में 300 बार आप यह प्रक्रिया दोहरा सकती हैं। शहुरूआत में आपके लिए इसे पांच मिनट कर पाना मुश्किल होगा। पर धीरे-धीरे आप यहां तक पहुंच सकती हैं।

इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि आप तनाव से बाहर आना सीख जाती हैं और श्वास पर नियंत्रण कर उसे महसूस करने लगती हैं। यह आपके शरीर में इंसुलिन के लेवल को संतुलित बनाने में भी मददगार है। पर जरूरत है कि आप कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें।

वज्रासन एक जरूरी आसन है, जो आपको डायबिटीज में आराम दिला सकता है। चित्र: योग गुरू अक्षर

योगासन

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए प्राणायाम के साथ-साथ योगासन की भी जरूरत होती है। इसमें पांच प्रमुख आसन सेतुबंधासन, बालासन, धनुरासन, वज्रासन, पश्चिमोत्तानासन  आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं। यह सभी आसन आपके शरीर को एक्टिव रखने की प्राथमिक जरूरत को पूरा करते हैं। जब आप सक्रिय होती हैं, तो आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन लेवल सुधरता है।

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कस्टमाइज़ करें

एक्‍स्‍ट्रा फैट और कैलोरी जो आपने अपनी निष्क्रिय जीवन शैली में जमा की है, वे इन आसनों के द्वारा बर्न की जा सकती है। पर यह जरूरी है कि आप योगासन की शुरूआत धीरे-धीरे करें।

ध्यान

यह समाधि की अवस्था है और योग का एक महत्वपूर्ण नियम। मेडिटेशन को एक थेरेपी की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें वह आपको तनावमुक्त कर फोकस बढ़ाने में मददगार होती है। योगियों ने मन को किसी बिंदु ,व्यक्ति या किसी वस्तु पर एकाग्र करने की प्रक्रिया को ध्यान कहा है। वे इसे ईश्वर की अनुभूति भी मानते हैं।

पर अगर आप इन सबको नहीं जानतीं, तो भी आप तनावमुक्त होने के लिए सामान्य तरीके से ध्यान लगा सकती हैं। इसके लिए आपको शांत माहौल में पद्मासन में बैठना है। और अपने सारे तनाव को रिलीज करते हुए अपना ध्यान केवल अपने माथे के मध्यमबिंदु पर लगाना है। हालांकि ध्यान के लिए एक चक्रों का नियंत्रित किया जाता है, पर यह उच्चतम अवस्था में ही संभव है।

आप खुद को रिलैक्स करने के लिए सुबह या शाम, जब भी आप कम्फर्टेबल और शांति का अनुभव करें तो ध्यान में बैठ सकती हैं। यह आपको तनावमुक्त करता है, जिससे आपका शरीर वापस अपनी नेचुरल क्लॉक में आने लगता है।

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कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

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