बुखार होना यानी घबराहट! आखिर बुखार कोविड-19 संक्रमण का पहला लक्षण है और ऐसे में आपको डर लगना लाज़मी भी है।
लेकिन इससे पहले की आप खुद को संक्रमित मान कर घबराने लगें, हम आपको बता दें कि कोविड-19 के अन्य कई लक्षण भी हैं। और हल्का बुख़ार बदलते मौसम या थकावट जैसे कई अन्य कारणों से भी हो सकता है।
मुंबई के ज़ेन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के इन्फेक्शस डिसीज़ स्पेशलिस्ट डॉ विक्रांत शाह कहते हैं,”मानसून में वायरस और बैक्टीरिया सबसे आसानी से फ़ैलते हैं, क्योंकि हवा में नमी होती है जिसके कारण वायरस और बैक्टीरिया को ग्रो करने के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है।”
डॉ शाह बताते हैं, “कोविड-19 के चलते हमें इस मौसम में खास सावधानी बरतनी होगी। सिर्फ़ हवा से ही नहीं मानसून में पानी से होने वाली बीमारियां भी तेजी से फैलती हैं। इसीलिए बारिश के मौसम में बाहर खाने-पीने के लिए मना किया जाता है।”
परेशान न हों, अगर सामान्य बुखार है तो यह सीजनल फ्लू के लक्षण भी हो सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
शरीर का टेम्परेचर बढ़ना ही एकमात्र लक्षण नहीं है, जिसका आपको ध्यान रखना है। इस मौसम में इन सभी लक्षणों की तरफ भी आपको एक चैक रखना जरूरी है।
एक और बात जो आपको ध्यान में रखनी है वो है टेम्परेचर। एवरेज ह्यूमन टेम्परेचर (average human body temperature) 98.6°F (37℃) होता है मगर हर व्यक्ति की बॉडी का टेम्परेचर इस एवरेज से थोड़ा ऊपर नीचे हो सकता है। इसलिए हल्का टेम्परेचर बढ़ने पर चिंता की कोई बात नहीं है।
“कोविड-19 और आम वायरल बुखार में फ़र्क करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि कोविड-19 के विषय मे हर दिन नई जानकारी सामने आ रही है। लेकिन कुछ मूल फर्क आपको पता होना जरूरी है”, कहते हैं डॉ शाह।
डॉ शाह के अनुसार अगर हल्का बुख़ार है तो पेरासिटामोल खा लें। अगर अगले दिन तक बुख़ार ठीक हो जाता है, तो चिंता की कोई बात नहीं है।
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कस्टमाइज़ करेंचिंता की बात तब है जब बुखार के साथ खांसी, गले में दर्द, थकान लगे और स्वाद और महक न महसूस हो। इन लक्षणों का होना कोविड-19 के संक्रमण का संकेत हो सकता है।
“मानसून में डेंगू और मलेरिया की समस्या भी होती है। ऐसे में अगर बुख़ार दो दिन से ज्यादा रहता है तो डॉक्टर को दिखाने जाने में ही समझदारी है।”
डॉ शाह के मुताबिक बुख़ार में प्रॉपर रेस्ट से बेहतर कुछ नहीं। आराम करें और खूब पानी पिएं। अगर बुख़ार 100° से ऊपर है तभी पेरासिटामोल या इबोप्रोफेन लें। 100° से कम है तो बिना दवा के ही बुखार ठीक हो जाएगा।
इन नियमों का पालन करें और बुख़ार आने पर घबराएं नहीं। स्ट्रेस भी बुख़ार का कारण हो सकता है। अपना ध्यान रखें, प्रीकॉशन्स हमेशा ही इलाज से बेहतर है।