विटामिन डी की कमी है? तो आपके लिए ज्‍यादा हो सकता है टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम

विटामिन डी शरीर के स्वस्थ कामकाज के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, और कई बीमारियों को दूर रखता है, जिसमें टाइप 2 मधुमेह भी शामिल है।
विटामिन डी की कमी टाइप 2 डायबिटीज का भी जोखिम बढ़ा सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
विटामिन डी की कमी टाइप 2 डायबिटीज का भी जोखिम बढ़ा सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 12 Oct 2023, 17:36 pm IST
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पिछले कुछ वर्षों में विटामिन डी के महत्व के विषय में बहुत बातचीत हुई हैं। ये बातचीत कोरोनोवायरस महामारी की शुरुआत के बाद से ये ज्यादा हो गई है क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग के कारण हम बाहर नहीं जा पा रहे हैं।

‘सनशाइन विटामिन’ के 3 स्रोत हैं जिनसे आप इसे प्राप्त कर सकते हैं वे हैं सूर्य, कुछ खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स। जिन्हें नहीं मालूम उनके लिए बता दें कि विटामिन डी फैट में घुलनशील है और पानी में घुलनशील नहीं है। इसका मतलब की जब आप इसे अपने आहार के माध्यम से प्राप्त करते हैं, तो आपका शरीर बादाम, पीनट बटर या एवोकैडो जैसे फैट युक्त खाद्य पदार्थों के साथ इसका सबसे अच्छा सेवन कर सकता है।

विटामिन डी आपके शरीर की मदद कैसे करता है?

अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है। आखिरकार, अनुसंधान बताता है कि आपको अपने सभी शारीरिक कार्यों के लिए व्यावहारिक रूप से इसकी आवश्यकता है। बेहतर सहनशक्ति, हड्डियों के स्वास्थ्य और मांसपेशियों की मजबूती के साथ ही यह टाइप 2 मधुमेह होने पर एक निवारक कार्य करता है।

माना जाता है कि विटामिन डी आपके खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। जून 2018 में द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित समीक्षा द्वारा भी यह माना गया। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि जो लोग मधुमेह से पीड़ित हैं उन्हें दिल की समस्याओं का खतरा अधिक है। शोध बताते हैं कि मधुमेह के रोगियों में हृदय रोग से मरने की संभावना दो गुना अधिक होती है, और यह जितना खतरनाक लगता है उतना ही खतरनाक भी है।

विटामिन डी की कमी टाइप 2 डायबिटीज का भी जोखिम बढ़ा सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
विटामिन डी की कमी टाइप 2 डायबिटीज का भी जोखिम बढ़ा सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

हममें से ज्यादातर लोग जानते हैं कि कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। तो आपको सनशाइन विटामिन की वैसे ही ज़रूरत होती है, जैसे आपको मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

“द 2-डे डायबिटीज डायट : जस्ट 2 डेज अ वीक एंड डॉज टाइप 2 डायबिटीज”, के लेखक आरिन पालिंस्की, आरडी, सीडीई, ने कहा है कि, “विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता है।”

विटामिन डी और मधुमेह के बीच की कड़ी

विटामिन डी और टाइप 2 मधुमेह आपस में जुड़े हुए हैं।
वंदना आर शेठ , आरडीएन, सीडोर्स, एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स की प्रवक्ता ने कहा, “अध्ययन में पाया गया है कि जिन लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध होता है और विटामिन डी का स्तर कम होता है, उनमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा अधिक होता है”।

जिन लोगों को मधुमेह है, उनमें विटामिन डी के निम्न स्तर के विकास का खतरा हो सकता है क्योंकि कभी-कभी अग्न्याशय की कोशिकाएं उस तरह से काम नहीं करती हैं, और बदले में, पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए संघर्ष करती हैं।

यूरोपियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी में सितंबर 2019 में प्रकाशित एक यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण में पाया गया कि छह महीनों के लिए विटामिन डी पूरकता ने 96 प्रतिभागियों में इंसुलिन संवेदनशीलता और उत्पादन में सुधार किया, जो उच्च जोखिम में थे।

जर्नल डायबिटीज रिपोर्ट में सितंबर 2019 में प्रकाशित एक अन्य समीक्षा से पता चलता है कि पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करने से इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद मिल सकती है।

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तो, किसी को पर्याप्त विटामिन डी कैसे मिलता है?

अगर विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका सूर्य का प्रकाश होता है। कभी-कभी लोगों के लिए अपनी दैनिक खुराक प्राप्त करना कठिन होता है, विशेष रूप से चल रही महामारी के दौरान।

इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए आपको विटामिन डी की भी जरूरत होती है। चित्र : शटरस्टॉक

एक और नकारात्मक पहलू यह है कि आपको कुछ घंटे धूप में बैठने की जरूरत है, सप्ताह में कम से कम दो बार, कहीं भी 5 से 30 मिनट के बीच। हमारी व्यस्त जिंदगी में हमेशा ये मुमकिन नहीं हो सकता।

तो, विटामिन डी की स्वस्थ मात्रा प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका उन खाद्य पदार्थों को खाना है जो आपकी आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।

विटामिन डी के स्रोतों में शामिल हैं: फैट युक्त मछली जैसे सैल्मन और टूना, फॉर्टिफाइड खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, संतरे का रस, अनाज और ब्रेड, अंडे, पनीर, मशरूम।

यदि आपके विटामिन डी का स्तर बहुत कम है, तो आपका डॉक्टर सप्लीमेंट का सुझाव देगा। वयस्कों के लिए दैनिक विटामिन डी सेवन लक्ष्य 600 IU है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, जिनकी आयु 70 वर्ष से अधिक है, उन्हें 800 IU की आवश्यकता होती है। मधुमेह वाले लोग कोई अपवाद नहीं हैं।

विटामिन डी दो प्रकार के होते हैं: विटामिन डी 2 और डी 3, डी 2 पौधों और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। जबकि विटामिन डी 3 पशु स्रोतों से आता है और शरीर में प्राकृतिक रूप से तब उत्पन्न होता है जब आपकी त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में होती है।

तो डियर गर्ल्‍स, सुनिश्चित करें कि आप मधुमेह को अपने जीवन से दूर रखने के लिए पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करते हैं!

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