भविष्य में चाहिए अच्‍छी सेहत, तो अभी बढ़ाएं अपने आहार में कैल्शियम की मात्रा, वजह हम बताते हैं

अगर आपको लगता है कि अभी आपको कैल्शियम लेने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि आगे चलकर ज़रूरत पड़ेगी, तो आप गलत हैं। आज कैल्शियम की कमी आने वाले सालों में बड़ी समस्या बन सकती है।
middle aged women ko apnaa khaas khayaal rakhnaa chaiye
मिडल एज वुमन को अपना खास ख़याल रखना चाहिए, चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 12:58 pm IST
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अपनी टीनेज और यंग दिनों में हम अपने कैरियर और ब्यूटी को तवज्जो देते हैं और हेल्थ चला जाता है बैकसीट पर। यंग होने की वजह से हम एनर्जेटिक होते हैं, इम्युनिटी अच्छी होती है और हम बिल्कुल नहीं थकते। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि हम हमेशा इतने ऊर्जावान नहीं रहने वाले।

ऊपर से हमारी ईटिंग हैबिट्स। चाहे आधी रात को मैगी खाना हो या हर शाम गोलगप्पे का आनंद लेना। हम अपनी डाइट के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। लेकिन इसका दुष्परिणाम हमें आगे झेलना पड़ता है।

इसलिए यह समझना ज़रूरी है कि बुढ़ापे में हेल्दी रहने के लिए अभी से हेल्थ पर ध्यान देना होगा। और हेल्थ के लिए सबसे ज़रूरी है कैल्शियम।

जानिए क्यों कैल्शियम अभी से खाना ज़रूरी है-

1. बोन डेन्सिटी

उम्र के साथ हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, क्योंकि हमारी बोन डेन्सिटी कम हो जाती है। दरअसल हमारी हड्डियां हमेशा ही डैमेज होती रहती हैं, लेकिन हमारी बॉडी उस डैमेज को रिपेयर भी करती रहती है। बुढ़ापे में रिपेयर होने का काम धीमा पड़ जाता है और डैमेज जल्दी-जल्दी होता है, जिसके कारण बोन डेन्सिटी कम होती जाती है।

कैल्शियम की कमी आपके भविष्‍य के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के शोध में पाया गया कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं की बॉडी खून में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए हड्डियों से कैल्शियम लेने लगती है। इसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।

गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल की चीफ़ डायटीशियन डॉ नेहा पठानिया बताती हैं कि 10 वर्ष से 20 वर्ष की उम्र तक बोन डेन्सिटी बनाने का सही समय होता है। इस उम्र में ढेर सारी मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए।

2. हड्डियों की सभी समस्याओं को दूर रखता है

हम सभी जानते हैं कि बढ़ती उम्र में हड्डियों की बहुत सी तकलीफ़ जैसे अर्थराइटिस और ओस्टियोपोरोसिस की समस्या हो जाती है। अर्थराइटिस में जोड़ों में सूजन और कमजोरी आ जाती है, वहीं ओस्टियोपोरोसिस में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि आसानी से टूट सकती हैं।
डॉ. पठानिया बताती हैं, “शुरुआती उम्र में कैल्शियम खाने से इस तरह की समस्या नहीं होतीं, या इतनी गम्भीर नहीं होतीं।”

सूखे मेवों को किसी भी फॉर्म में खाया जाए, ये अपनी गुडनेस बरकरार रखते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

3. पीक बोन मास बढ़ता है

पीक बोन मास का अर्थ है हड्डियों की सबसे अधिक ताकत। अमेरिकन अकेडमी ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जन के अनुसार, पीक बोन मास बढ़ाने का सबसे सही समय होता है बचपन और टीनेज में। 30 की उम्र के बाद यह कम होने लगता है। अच्छी डाइट और कैल्शियम सप्लीमेंट्स से पीक बोन मास को बढ़ाया जा सकता है और इसके घटने की उम्र को भी डिले किया जा सकता है।

4. हॉर्मोन्स को संतुलित रखता है

टीनेज और 20s में महिलाओं को बहुत सारे कैल्शियम की ज़रूरत होती है क्योंकि बॉडी खुद को प्रेगनेंसी के लिए तैयार करती है। साथ ही कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से PCOD जैसी कई हॉर्मोनल समस्या हो सकती हैं। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल की सीनियर गायनोकॉलोजिस्ट डॉ ऋतु सेठी कहती हैं कि टीनेज में कैल्शियम के सप्लीमेंट्स लेने से इस तरह की समस्या से बचा जा सकता है।

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