अगर आप नई मां बनी हैं, और आपकी गोद में एक नन्हा सा बेबी है, तो आपका जानना चाहिए कि स्तनपान कितना जरूरी है। स्तनपान सिर्फ आपके बेबी को सिर्फ पोषण ही नहीं देता, बल्कि यह आप दोनों की बॉन्डिंग को मजबूत करता है। हालांकि डॉक्टरों के अनुसार यह बच्चे के लिए और ज्यादा लाभदायक है, लेकिन फिर भी इस तथ्य को दरकिनार नहीं किया जा सकता कि यह मां के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दुर्भाग्य से, कुछ महिलाएं इसलिए अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाती कि इससे उनके स्तनों का आकार खराब हो जाएगा।
मुंबई के मदरहुड हॉस्पिटल में प्रसूति एवं शिशुविज्ञानी डॉ. प्रतिमा थमके कहती हैं, “ कुछ महिलाएं किन्हीं शारीरिक दिक्कतों के चलते अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवा पाती हैं। ऐसे में उन्हें लंबे समय तक अपने स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है।”
लेकिन कुछ महिलाएं स्तनपान क्यों नहीं करवा सकती?
डॉ थमके का कहना है कि इसके साथ जुड़े कई कारण हैं और यह सभी के मामले में अलग हो सकता है। लेकिन सबसे आम कारण हैं:
1 प्रीटर्म डिलीवरी
2 कभी-कभी सी-सेक्शन सर्जरी के कारण स्तनों में दूध ठीक से नहीं आ पाता है
3 निपल्स में दर्द होने पर
4 स्तनों में बढ़ोतरी होने पर
क्या आप जानती हैं कि रीव्यू इन ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी (Reviews in Obstetrics & Gynecology) पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार , जो महिलाएं स्तनपान नहीं करवाती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का सर्वाधिक जोखिम होता है। सिर्फ उस खास अवधि में ही नहीं, बल्कि जीवनपर्यंत।
डॉ थमके कहती हैं, “ ऐसे कई स्वास्थ्य जोखिम हैं, जो ब्रेस्टफीड न करवाने के कारण एक महिला को उठाने पड़ते हैं। कारण चाहें जो भी हो, पर जब आप स्तनपान नहीं करवातीं, तो यह स्थिति आपके लिए काफी दर्दनाक हो सकती है। क्योंकि इससे दूध स्तनों में सूख जाता है और उससे बहुत दर्द होने लगता है। ऐसी स्थिति में स्तनों की सफाई की आवश्यकता पड़ती है।”
अब आपको जानने चाहिए वे 7 स्वास्थ्य जोखिम, जो स्तनपान न करवाने पर आपको उठाने पड़ सकते हैं:
प्रकृति ने प्रसव के बाद तत्काल गर्भावस्था को रोकने के लिए एक बेहतर तरीका दे रखा है। लेकिन इसके लिए एक मां को अपने बच्चे को स्तनपान करवाना जरूरी है । जब एक मां स्तनपान करवाती है, तो उससे उत्पादित होने वाले हार्मोन अंडे का निर्माण नहीं होने देते।
डॉ थमके कहती हैं, “अगर मां अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाती है,तो ओव्यूलेशन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जिससे पीरियड्स शुरू होने लगते हैं। इसका मतलब यह है कि वह फिर से एक और गर्भावस्था के लिए तैयार है जो उसके गर्भाशय और समग्र स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।”
वह कहती हैं, “यह एक ज्ञात तथ्य है कि यदि कोई मां स्तनपान नहीं करवाती है, तो उसे स्तन कैंसर होने की अधिक संभावना है।”
डॉ. थमके जानकारी देती हैं, “डिम्बग्रंथि के कैंसर का मुख्य कारण अर्ली ओव्यूलेशन है। स्तनपान से ओव्यूलेशन प्रक्रिया में देरी होती है, जो आपके लिए सुरक्षा तंत्र के रूप में कार्य करता है। लेकिन अगर मां स्तनपान नहीं करवाती है, तो वह शुरुआती गर्भावस्था का शिकार हो सकती है। जो उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। यही बाद में डिम्बग्रंथि के कैंसर का कारण भी बन सकता है।”
महिलाएं आमतौर पर गर्भावस्था के बाद वजन बढ़ने की शिकायत करती हैं। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि वे अपने बच्चे को पर्याप्त मात्रा में स्तनपान नहीं करवाती हैं। वे सुझाव देती हैं, “क्या आप जानती हैं कि स्तनपान कराने वाली माताओं का वजन स्तनपान न करवाने वाली मांताओं की तुलना में कम बढ़ता है। स्तनपान कराने की प्रक्रिया में दूध उत्पादन में उनकी अधिक ऊर्जा का उपयोग होता है और इससे वजन खुद ही कम होने लगता है। इसलिए, यदि आप प्रेगनेंसी में बढ़े हुए वजन को कम करना चाहती हैं, तो आपको स्तनपान करवाना चाहिए।”
वह बताती हैं, “जन्म के ठीक बाद स्तनपान करवाना सिर्फ बच्चे के लिए ही नहीं, बल्कि मां के लिए भी बहुत अच्छा। यह डिलीवरी के बाद होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने में मददगार होता है। इसके अलावा, यदि आप स्तनपान नहीं करवाती हैं तो आपके गर्भाशय को अपने मूल आकार या स्थिति में वापस आने में बहुत समय लगता है, जबकि स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में इसका जोखिम नहीं होता।”
गर्भावस्था के ठीक बाद कुछ महिलाओं में पीपीडी देखा गया है। वह कहती हैं, “पीपीडी के प्रमुख लक्षण नींद और भूख की कमी, तीव्र चिड़चिड़ापन, और बच्चे के साथ संबंध में कठिनाई होती है। आखिरी लक्षण इस अवसाद के प्रमुख कारणों में से एक है। जब आप बच्चे को स्तनपान नहीं करवाती हैं, तो इससे आप बच्चे के साथ अपनत्व महसूस नहीं करती हैं।”
अंत में वे कहती हैं,“कई महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस, रूमेटोइड आर्थराइटिस और अन्य हृदय संबंधी रोगों की शिकार हो जाती हैं। इन सभी के लिए एक बड़ा कारण यह भी है कि उन्होंने अपने बच्चे को ठीक से स्तनपान नहीं करवाया है। यही कारण है कि मैं हमेशा सभी गर्भवती महिलाओं से अनुरोध करती हूं कि वे अपने बच्चे को फीड करवाने में संकोच न करें। यह सिर्फ बेबी के लिए ही फायदेमंद नहीं है, बल्कि यह आपके लिए भी कई स्वास्थ्य जोखिमों से बचे रहने का तरीका है।”
इसलिए, यह सबसे ज्यादा जरूरी है कि अपने बेबी को ब्रेस्टफीड करवाएं। यह आपको कई स्वास्थ्य जोखिमों से बचने में मदद करता है। प्रकृति ने आपको नेचुरली स्वस्थ होने के कुछ मार्ग बताए हैं। उनका पालन करना हमेशा अच्छा होता।
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