यदि किसी स्थान पर चंदन रखा है, तो उसकी सुगंध चारों ओर फ़ैल जाती है। चंदन को कई तरह की बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। गांवों में आज भी स्किन पर किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सबसे पहले चंदन का प्रयोग किया जाता है। चंदन की तरह चंदन का तेल (Sandalwood oil) भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह स्किन समस्याओं सहित कई दूसरे स्वास्थ्य समस्याओं (sandalwood oil benefits) के लिए भी कारगर है।
द जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल एंड एस्थेटिक डर्मेटोलोजी में रोनाल्ड मॉय और कोरी लेवेनसन चन्दन के तेल पर अपना स्टडी आलेख प्रस्तुत किया है। शोधकर्ता बताते हैं कि चंदन तेल (sandalwood album oil) का उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक और पारंपरिक चीनी चिकित्सा दोनों में किया जाता रहा है। यह तेल पेड़ के हर्टवुड, यानी तने के भीतरी हिस्से से डिसटिलेशन प्रोसेस की मदद से तैयार किया जाता है।
इसमें 125 से अधिक संरचनात्मक रूप से संबंधित यौगिक होते हैं। इसमें लगभग एक दर्जन घटक होते हैं, जो वजन के हिसाब से 1% से अधिक कंसंट्रेशन में मौजूद होते हैं। इसके तेल को यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने फूड केमिकल्स कोडेक्स में एक प्राकृतिक स्वाद देने वाले संघटक के रूप में सूचीबद्ध किया है। इसे ऑस्ट्रेलियन थेराप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन ने भी सूचीबद्ध दवा के रूप में वर्गीकृत किया है।
सूजन, संक्रमण और हाइपरप्लासिया के कारण कई स्किन प्रॉब्लम होते हैं। शोधकर्ता और डर्मेटोलोजिस्ट रोनाल्ड मॉय और कोरी लेवेनसन के अनुसार, सैंडलवुड एल्बम ऑयल (SAO) को ईस्ट इंडियन सैंडलवुड ऑयल (EISO) के रूप में भी जाना जाता है। सैंटलम एल्बम ट्री आयल डिस्टिल्ड एसेंशियल आयल है।
इसमें एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं। इसके अलावा, यह एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-प्रोलिफ़ेरेटिव एजेंट के रूप में जैविक गतिविधि का भी प्रदर्शन करता है। क्लिनिकल ट्रायल में सैंडलवुड ऑयल ने मुंहासे, सोरायसिस, एक्जिमा, मोलस्कम कॉन्टैगिओसम पर भी प्रभावी असर दिखाया।
स्टडी में इसे पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी वैक्ल्पिक उपचार माना गया। पर इसके लंबे समय तक इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर भी जोड़ दिया गया।
फ़ूड एंड टॉक्सिकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी वायरल गुण होते हैं। चंदन के तेल को दर्द निवारक और एंटीसेप्टिक भी माना गया है। इसलिए इसका प्रयोग सिर दर्द, पेट दर्द और पेट में हुए इन्फेक्शन दूर करने में भी किया जाता है। यह पेट में मौजूद गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढाता है, वहीं बैड बैक्टीरिया की संख्या को घटा देता है।
नेचुरल प्रोडक्ट रिसर्च के अनुसार, चंदन के तेल में एंटी ओक्सिडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का भी गुण होता है। हालांकि इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है। पशुओं पर हुए शोध बताते हैं कि चंदन के तेल में अल्फ़ा सेन्टीनोल जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं। इसमें एंटी कैंसर गुण होता है, जो कैंसर से बचाव कर सकता है। हालांकि इंसानों पर शोध होना बाकी है।
नेचुरल प्रोडक्ट रिसर्च जर्नल में यह चेतावनी डी गई है कि चंदन के तेल का प्रयोग करने से पहले किसी भी आयुर्वेद एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है। चंदन के तेल से कई लोगों को एलर्जी होती है।
गलत मात्रा में प्रयोग करने पर किडनी प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान इसे लेने पर भ्रूण के प्रभावित होने का भी डर होता है।
चंदन के तेल का प्रयोग सीधे या पानी में मिलाकर किया जा सकता है। स्किन प्रॉब्लम दूर करने के लिए हाथ में चंदन के तेल की 2-3 बूंदे लेकर अप्लाई किया जा सकता है। वहीं अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए पानी में मिलाकर लिया जा सकता है।
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