रोज़मेरी अद्भुत प्राकृतिक जड़ी बूटियों में से एक है। यह एक वुडी हर्ब है, जो अपनी खुशबू के लिए पहचानी जाती हैं। इसके कई औषधीय लाभ हैं। आयुर्वेद में इसका सदियों से प्रयोग होता रहा है। अब वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति में भी इसका प्रयोग बढ़ा है। रोज़मेरी का उपयोग हर्बल टी, कॉस्मेटिक और स्किनकेयर प्रोडक्ट में भी किया जाता रहा है। एक तरफ जहां इसके लाभों (Rosemary benefits) की सूची लंबी है, वही कुछ लोगों को इसके साइड इफैक्ट्स (Rosemary side effects) भी हो सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप इस हर्ब के बारे में सब कुछ (Rosemary benefits) जानें।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू भट्ट रोजमेरी से जुड़ी बहुत सारी जानकारी साझा कर रहीं हैं। वे न केवल इसके स्वास्थ्य के लिए कई फायदे (rosemary benefits) बताती हैं, बल्कि लेने का तरीका और इसके साइड इफैक्ट के बारे में भी आगाह करती हैं।
वर्क प्रेशर की वजह से इन्फ्लेमेशन हो सकता है। इसलिए यह तनाव का कारण हो सकता है। हाई कोर्टिसोल लेवल अनिद्रा, मूड स्विंग और खराब इम्यून सिस्टम का कारण बन सकता है। रोजमेरी आयल तनाव मुक्त कर शांति प्रदान कर सकता है। गर्मी में रोजमेरी आयल अल्पकालिक स्ट्रेस और एंग्जाइटी से छुटकारा दिला सकता है। यह हार्ट रेट को सही कर सकता है।
यूनानी और रोमन चिकित्सा पद्धति में भी मेमोरी पॉवर बढ़ाने के लिए रोजमेरी ऑयल का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह ऑयल एसिट्लोक्लिन को बनाए रख सकता है, जो एक ब्रेन केमिकल है। यह विचार प्रक्रियाओं में मदद कर याददाश्त बढ़ाता है। यह बुजुर्गों में डिमेंशिया या मेमोरी लॉस के साथ ब्रेन फंक्शन में भी सुधार कर सकता है। यह अल्जाइमर बुजुर्गों के लिए भी फायदेमंद है। यह ध्यान केंद्रित करने में भी मदद कर सकती है।
रोजमेरी एंटीऑक्सिडेंट गुणों वाला होता है। यह स्किन को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। यह हेल्दी स्किन को बढ़ावा देता है। यह सूजन कम करता है। रोज़मेरी एसेंशियल ऑयल टेरपेन्स से भरपूर होता है, जो स्किन की जलन और रेडनेस को शांत करने में मदद करता है। रोजमेरी ऑयल को सूंघा जा सकता है या सिर पर लगाया जा सकता है। यह बहुत गाढ़ा होता है। इसलिए एक बार में इसकी कुछ बूंदों का ही इस्तेमाल स्किन पर करना चाहिए।
रोज़मेरी ऑयल का उपयोग चेहरे पर किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण यह पिम्पल्स और एक्ने के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद करता है। यह स्किन को निखारता है, स्किन की डलनेस खत्म करता है। यह आंखों के नीचे की सूजन को भी कम करता है।
सबसे आम बीमारियों में से एक है गंजापन (hair fall)। यह महिलाओं को भी प्रभावित कर सकता है। यह टेस्टोस्टेरोन प्रोडकशन को नियंत्रित कर बालों की मजबूती को बरकरार रखता है और उन्हें गिरने (rosemary for hair fall) से रोकता है। यह बालों के बढ़ने में भी मदद करता है।
रोजमेरी एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स, विटामिन ए और विटामिन के से भरपूर होता है। यह कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और मैंगनीज से भरपूर होता है। रोजमेरी में मौजूद रोजमैरिनिक एसिड हल्के दर्द से राहत दिला सकता है। यह दर्द से निपटने के लिए एक ओवर-द-काउंटर दवा है।
उंगलियों और पैर की उंगलियों के पोरों में खराब ब्लड सर्कुलेशन की समस्या हो सकती है। ठंड या तनाव महसूस होने पर उंगलियों और पैर की उंगलियों में ब्लड वेसल्स संकुचित हो जाते हैं। प्रभावित क्षेत्रों पर इसके तेल की मालिश करने पर ब्लड सर्कुलेशन सुचारू होता है। यह रक्त वाहिकाओं को फैला सकता है और उन्हें गर्म कर सकता है। इसलिए यह उंगलियों और पैर की उंगलियों तक आसानी से पहुंच जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए प्रभावी उपाय है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू भट्ट रोजमेरी के इस्तेमाल से पहले सावधान रहने की सलाह देती हैं। वह सुझाव देती हैं कि बिना विशेषज्ञ परामर्श के आपको अपने आप इसका इस्तेमाल शुरू नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष तौर पर सावधान रहने की जरूरत है।
रोजमेरी की हाई डोज गर्भपात (miscarriage) का कारण बन सकती है। इसलिए प्रेगनेंसी और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सप्लीमेंट के रूप में रोजमेरी नहीं लेनी चाहिए। इसे खाने में स्पाइस के तौर पर सीमित मात्रा में लेना सुरक्षित हो सकता है।
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