बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर एक बड़ी चिंता है। इसके कारण हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जो बेहद खतरनाक हो सकता है। आजकल हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और बेहद कम उम्र में ही लोग इसके शिकार हो रहे हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल लाइफ स्पेन को छोटा कर देता है, और जीवन की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। इसका सबसे बड़ा कारण है, नियमित जीवन शैली में की जाने वाली कुछ आम गलतियां, जैसे की अनहेल्दी डाइट और स्थिर लाइफस्टाइल।
हालांकि, बढ़ता कोलेस्ट्रॉल कई शारीरिक संकेत देता है, खासकर चेहरे में कई बदलाव नजर आते हैं। परंतु अक्सर हम इन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं और स्थिति अधिक गंभीर हो जाती है। शुरुआत से ही यदि कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों पर ध्यान दिया जाए तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है। आज हम बात करेंगे शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से त्वचा पर नजर आने वाले बदलाव के बारे में, साथ ही योग इंस्टिट्यूट की डायरेक्टर और हेल्थ कोच हंसा जी योगेंद्र से जानेंगे इसे कंट्रोल करने के टिप्स (cholesterol signs on your face and eyes)।
बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से त्वचा पर पीले धब्बे नजर आने लगते हैं, खास तौर पर पलकों के आस-पास दिखते हैं, जिसे ज़ैंथेलास्मा के नाम से जाना जाता है। ये कोलेस्ट्रॉल के जमाव से बनते हैं और अक्सर हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को दर्शाते हैं। भले ही ये ज़्यादातर सौम्य होते हैं, लेकिन इनका होना हृदय रोग के उच्च जोखिम का संकेत हो सकता है।
हाइपरलिपिडेमिया एक डिसऑर्डर है, जिसमें ब्लड में लिपिड, खास तौर पर कोलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है। यह ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के कारण होता है। इसके परिणामस्वरूप ज़ैंथोडर्मा हो सकता है, जो त्वचा पर नजर आने वाला पीला रंग है। आमतौर पर यह चेहरे और आंखों के आस-पास के क्षेत्र में सबसे ज़्यादा दिखाई देता है। त्वचा की परतों के भीतर कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण स्किन पिगमेंट नजर आती है।
आर्कस सेनिलिस (arcus senilis), एक रिंग जो कॉर्निया के किनारे के आस-पास विकसित होती है और इसका रंग सफ़ेद या ग्रे हो सकता है। यह ब्लड में कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण होता है और यह हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल का संकेत हो सकता है, खासकर 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों में।
ज़ैंथोमा नामक वृद्धि तब होती है, जब कोलेस्ट्रॉल त्वचा की सतह के नीचे स्थित सेल्स में जमा हो जाते हैं। उनके आकार और रूप के आधार पर वे छोटे पीले रंग के दाने या बड़े उभरे हुए पैच के रूप में दिखाई दे सकते हैं। ये अक्सर गालों, पलकों या आंखों के आस-पास के क्षेत्र में नजर आते हैं।
कॉर्नियल आर्कस आमतौर पर 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में देखा जाता है, यह कॉर्निया के चारों ओर एक सफ़ेद या ग्रे रंग का रिंग होता है, जो आर्कस सेनिलिस के समान होता है। यह हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है, इसे नजरंदाज न करें।
सैचुरेटेड फैट, जो मुख्य रूप से लाल मांस और पूर्ण फैट वाले डेयरी उत्पादों में पाई जाती है, आपके कुल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है। सैचुरेटेड फैट का सेवन कम करने से आपका लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिसे “खराब” कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है।
ट्रांस फैट, जिसे फूड लेबल पर “पार्शियली हाइड्रोजेनेटेड वेजिटेबल ऑयल” के रूप में लिस्ट किया जाता है। इसे अक्सर मार्जरीन और स्टोर से खरीदे गए कुकीज़, क्रैकर्स और केक में उपयोग किया जाता है। ट्रांस फैट समग्र कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को प्रभावित नहीं करते हैं। लेकिन हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, जैसे कि ये हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में कारगर होते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थों में सैल्मन, मैकेरल, हेरिंग, अखरोट और अलसी शामिल हैं।
घुलनशील फाइबर आपके ब्लड फ्लो में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम कर सकता है। ओटमील, राजमा, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सेब और नाशपाती जैसे खाद्य पदार्थों में प्रयाप्त मात्रा में सॉल्युबल फाइबर पाया जाता है।
शरीर में बढ़ते बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से एक गिलास धनिया का पानी पिएं। इसके लिए एक चम्मच खड़े धनिए को एक गिलास पानी में डालें, और इसमें 7 से 8 मिनट तक अच्छी तरह उबाल आने दें। उसके बाद पानी को छानकर अलग निकाल लें, और इसे पिएं।
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसका नियमित सेवन शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल को एलिमिनेट करने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह आपको प्यार दिन लाइट और एक्टिव रखता है।
नियमित एक्सरसाइज बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल को इंप्रूव करता है। साथ ही साथ एक्सरसाइज करने से वेट मेंटेन रहता है और यह एक हेल्दी बॉडी के लिए सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर के तौर पर जाना जाता है।
अधिक वजन वाले व्यक्ति के शरीर में अधिक मात्रा में फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज नहीं कर सकती हैं, तो नियमित रूप से आधे घंटे वॉक करने की आदत बनाएं।
नोट: कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन के साथ-साथ जरूरी दवाइयों की आवश्यकता होती है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट के लिए डॉक्टर से मिलकर सलाह लेना जरूरी है। डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयों का नियमित सेवन करें और साथ ही साथ अपनी लाइफस्टाइल में भी जरूरी बदलाव लाएं।