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40 के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है रूमेटाइड अर्थराइटिस का जोखिम, जानिए इसके संकेत

आमतौर पर महिलाओं को रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रस्त देखा जाता है। अगर आप भी ऐसा मानते हैं, तो जानें कि महिलाओं में रूमेटाइड अर्थराइटिस बढ़ने का कारण और बचने के उपाय (Rheumatoid arthritis symptoms in women)।
Updated On: 18 Jan 2024, 08:06 pm IST
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arthritis ke lakshnon ko prabandhit kiya ja sakta hai.
गठिया होने की आशंका पर तुरंत हेल्थकेयर प्रोवाइडर से मिलना चाहिए। चित्र : अडोबी स्टॉक

सर्दियों के मौसम में अक्सर जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और शारीरिक अंगों में ऐंठन महसूस होने लगती है। ये सभी लक्षण रूमेटाइड अर्थराइटिस का संकेत देते हैं, जो एक ऑटोइम्यून और इन्फ्लेमेटरी डिजीज है। इसके चलते घुटनों में दर्द के साथ सूजन भी बढ़ जाती है। इससे चलने फिरने और उठने बैठने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर महिलाओं को इस बीमारी से ग्रस्त देखा जाता है। अगर आप भी ऐसा मानते हैं, तो जानें कि महिलाओं में रूमेटाइड अर्थराइटिस बढ़ने का कारण और इससे बचने के उपाय भी (Rheumatoid arthritis symptoms in women)।

रूमेटाइड अर्थराइटिस किसे कहते हैं। (What is Rheumatoid arthritis)

आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन के अनुसार ये एक ज्वाइंट डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हेल्दी टिशूज को प्रभावित करती है। दरअसल, इम्यून सिस्टम ज्वाइंट्स की लाइनिंग पर हमला करता है, जिसके चलते जोड़ों में सूजन और दर्द होने लगता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस जोड़ों के साथ साथ शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है।

इस बीमारी में शरीर अपना नुकसान खुद करता है। ऑटो इम्यून कंडीशन पुरूषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। 50 मरीजों में से इस बीमारी से ग्रस्त महिलाओं की संख्या 35 रहती है। जबकि पुरूषों की 15 ही आंकी जाती है। इसलिए यह जरूरी है कि अगर आपके हाथ-पैरों के जोड़ों में तीन महीने से ज्यादा दर्द हो, तो डाक्टर को दिखाएं। दवाएं ज्वाइंट को डैमेज होने से बचा सकती हैं।

arthritis ko ke karano ko samajhna bhi zaruri hai
अर्थराइटिस को कंट्रोल करने के लिए उसके कारणों को जानना सबसे ज्यादा जरूरी है। चित्र : शटरस्टॉक

40 के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है जोखिम

अधिकतर महिलाओं में 40 के बाद रूमेटाइड अर्थराइटिस के बढ़ने की संभावना बनी रहती है। अर्थराइटिस फाउंडेशन की रिसर्च के अनुसार ये रोग महिलाओं को पुरूषों की तुलना में तीन गुना ज्यादा प्रभावित करता है। महिलाओं के शरीर में 30 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी, पोस्टपार्टम, ब्रेस्टफीडिंग, मेनोपॉज और पीसीओएस के कारण हार्मोनल बदलाव आने लगते हैं, जो शरीर में दर्द और सूजन को बढ़ाते हैं।

जानें रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण (symptoms of Rheumatoid arthritis)

1. जोड़ों में दर्द व सूजन महसूस होना

रूमेटाइड अर्थराइटिस की स्थिति में जोड़ों में ऐंठन, दर्द व सूजन बढ़ने लगती है। सबसे पहले ये हाथों, कलाई और पैर के ज्वाइंटस को प्रभावित करता है। इसके चलते किसी चीज़ को पकड़ने, काटने व सीढ़ियां चढ़ने व उतरने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। धीरे धीरे हिप्स, कंधों व कोहनी भी अर्थराइटिस की चपेट में आने लगते हैं।

2. ज्वाइंट स्टिफनेस

वे लोग जो रूमेटाइड अर्थराइटिस के शिकार होते हैं। उनके ज्वाइंटस में स्टिफनेस बढ़ जाती है, जिससे सुबह उठकर चलने फिरने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पैरों में सूजन की भी समस्या बनी रहती है, जिससे पैरों को जमीन पर टिकान में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

arthritis se bachna hai to apne pet ka khyal rakhen
अर्थराइटिस से बचना है तो अपने पेट का ख्याल रखना भी जरूरी है। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. झनझनाहट की शिकायत

लंबे वक्त तक बैठने के बाद उठने में दिक्कत महसूस होने लगती है। टांगों में सुन्नपन बढ़ने लगता है और हाथों व पैरों में सनसनी बढ़ जाती है। इससे कुछ देर तक आसानी से चलते में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। बार बार होने वाली इस तकलीफ से बचने के लिए डॉक्टरी जांच बेहद ज़रूरी है।

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4. थकान और लो एपिटाइट की शिकायत

जोड़ों में बढ़ने वाली तकलीफ के कारण चलने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है, जिससे नियमित तौर पर भूख नहीं लगती है। भरपूर डाइट न ले पाने के चलते शरीर में थकान बढ़ने लगती है। ऑटो इम्यून डिजीज के कारण शरीर में बार बार बुखार आने की समस्या बढ़ने लगती है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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