जब भी बात रेड वाइन के फायदों की होती है, रेसवेरेट्रॉल का जिक्र जरूर आता है। रेड वाइन में मुख्य रूप से रेसवेरेट्रॉल नामक पोलीफेनॉल होता है, जो गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। क्या है यह प्लांट कंपाउंड? आइये जानते हैं-
यह पौधों में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट है, जो अंगूर, बेरीज और मूंगफली में मुख्य रूप से पाया जाता है। अंगूर में मौजूद रेसवेरेट्रॉल ही रेड वाइन में पाया जाता है।
यह कंपाउंड अंगूर और बेरीज के छिलके या स्किन में पाया जाता है। यह एक स्ट्रांग एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को कई तरह के फायदे पहुंचाता है।
जर्नल ‘न्यूट्रिएंट्स’ में प्रकाशित 2016 के एक रिव्यू में पाया गया है कि रेसवेरेट्रॉल अपनी एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी के कारण ब्लड प्रेशर कम करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण इंडोलिथिअल सिंथेस को बढ़ाता है। जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और अंततः ब्लड प्रेशर कम होता है। साथ ही यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी कम करता है।
ऐसी ही एक रिसर्च फ्रंटियर्स इन फिजियोलॉजी में भी प्रकाशित हुई थी जो रेसवेरेट्रॉल के ब्लड प्रेशर पर प्रभाव को दर्शाती है।
हमारा दिल पूरे शरीर मे खून पंप करता है। इस पंप करने के चाप को ही ब्लड प्रेशर कहते हैं। इसे सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं। उम्र के साथ सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर बढ़ता है और नसें अकड़ने लगती हैं। यह हृदय रोग का कारण बनता है।
जर्नल ‘ऑन्कोलॉजी रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार रेसवेरेट्रॉल दिल को स्वस्थ रखने में बहुत फायदेमंद है। यही कारण है कि रेड वाइन को स्वस्थ दिल के लिए फायदेमंद माना जाता है।
हमारे खून में लिपिड होते हैं जो एक प्रकार का फैट ही होते हैं। चूहों पर किये गए शोध में पाया गया है कि रेसवेरेट्रॉल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है।
2016 की एक रिसर्च में चूहों को अधिक प्रोटीन और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट दिया गया। साथ ही चूहों के एक बैच को रेसवेरेट्रॉल के सप्लीमेंट्स दिए गए। जिन चूहों को रेसेवरेट्रोल दिया गया उनमें गुड कोलेस्ट्रॉल अधिक था, और वजन कम था।
ऐसा इसलिए क्योंकि यह ldl कोलेस्ट्रॉल को ऑक्सीडाइज कर देता है।
रेसवेरेट्रॉल का नियमित सेवन उम्र के साथ आने वाली कॉग्निटिव बीमारियों को दूर रखता है।
यह बीटा एमीलॉइड प्रोटीन को कम करता है, जो अल्जाइमर जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
रेसवेरेट्रॉल में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिनका सेवन आपको कई दिमागी बीमारियों से बचाता है।
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कई स्टडी में पाया गया है कि रेसवेरेट्रॉल का डायबिटीज पर सकारात्मक प्रभाव है।
यह असल में ग्लूकोज को सोर्बिटोल(शुगर अल्कोहल) बनने से रोकता है। सोर्बिटोल डायबिटिक मरीजों में सेल्स डैमेज के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही यह शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है, इंफ्लामेशन कम करता है और गंभीर समस्याएं होने से रोकता है।
यह डायबिटीज का इलाज नहीं है, लेकिन इसका सेवन डायबिटीज से शरीर को होने वाले नुकसान को कम करता है।
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