शोधकर्ताओं ने पाया कि दांतों को नियमित ब्रश और फ्लॉस करने से डिमेंशिया का जोखिम कम हो सकता है

अच्छा मौखिक स्वास्थ्य सिर्फ सांसों की दुर्गंध को दूर नहीं रखता है, बल्कि कॉगनिटिव डिक्लाइन को भी रोकता है।
ओरल और मेंटल हेल्थ एक दुसरे से जुड़े हुए हैं. चित्र : शटरस्टॉक
ओरल और मेंटल हेल्थ एक दुसरे से जुड़े हुए हैं. चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 10 Jul 2021, 10:49 am IST
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हम हमेशा अपने मौखिक स्वास्थ्य को हल्के में लेते हैं। फ्लॉसिंग दूर की बात है, दिन में दो बार अपने दांतों को ब्रश करना भी हमें एक भारी काम लगता है। लेकिन क्या होगा अगर हम आपसे कहें कि अच्छी मौखिक स्वच्छता रखना आपके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है? क्या यह आपके लिए पर्याप्त कारण होगा? नहीं.. हम मजाक नहीं कर रहे हैं क्योंकि वैज्ञानिकों ने पाया है कि यदि आप नियमित रूप से फ्लॉस करते हैं, तो आप मस्तिष्क में कॉगनिटिव डिक्लाइन को रोक सकती हैं।

सबसे आम कॉगनिटिव समस्या जिसका आप अपने बुढ़ापे में सामना कर सकती हैं वह है – डिमेंशिया यानी मनोभ्रंश, जिसमें आपको लोगों को पहचानने में दिक्कत होती है। यह सब हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं के कम होने के कारण होता है। यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए बहुत पहले शुरू हो जाती है जो अपने दंत स्वास्थ्य को हल्के में लेते हैं। इसलिए, हम चाहते हैं कि आप इस पर ध्यान दें।

क्या है मौखिक स्वास्थ्य और कॉगनिटिव डिक्लाइन का कनैक्शन

एनवाईयू रोरी मेयर्स कॉलेज ऑफ नर्सिंग के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को दांतों की समस्या है उनमें संज्ञानात्मक हानि का 1.48 गुना अधिक जोखिम और डिमेंशिया का 1.28 गुना अधिक जोखिम था।

खराब मौखिक स्वास्थ्य का अर्थ है दांतों की सड़न और दांतों का नुकसान, जिससे व्यक्ति के लिए भोजन को ठीक से चबाना और सभी पोषक तत्व निकालना असंभव हो जाता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी का मतलब मस्तिष्क के लिए भी भोजन नहीं है, जो आगे चलकर कॉगनिटिव डिक्लाइन का कारण बनता है।

मौखिक स्वास्थ्य और कॉगनिटिव डिक्लाइन एक दुसरे पर निर्भर हैं. चित्र : शटरस्टॉक
मौखिक स्वास्थ्य और कॉगनिटिव डिक्लाइन एक दुसरे पर निर्भर हैं. चित्र : शटरस्टॉक

विश्लेषण में सामने आया कि ओरल इन्फ्लेमेशन, ब्रेन इन्फ्लेमेशन और कॉगनिटिव डिक्लाइन से जुड़ा हुआ है।

तो, आप देख सकती हैं कि कैसे एक छोटी सी आदत आपके जीवन में इतना बड़ा बदलाव ला सकती है।

मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको इन सुझावों पर गौर करना चाहिए

1. अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश करें। सुनिश्चित करें कि आप नाश्ता करने के बाद और फिर रात के खाने के बाद ब्रश करें।

2. कुछ भी खाने के 15 मिनट के अंदर गरारे करें।

3. अगर आपने कुछ मीठा खाया है, तो अपने दांतों को ब्रश करना अनिवार्य है।

4. बहुत सख्त ब्रिसल्स वाले ब्रश का इस्तेमाल न करें।

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5. जीभ की सफाई भी बहुत जरूरी है।

6. फ्लॉसिंग को शामिल करें क्योंकि यह आपके दांतों के बीच फंसे हर खाद्य कण को ​​​​निकालने में मदद कर सकती है।

अपने दांतों को हर रोज़ ब्रश करें वर्ना डिमेंशिया का जोखिम बढ़ सकता है . चित्र : शटरस्टॉक
अपने दांतों को हर रोज़ ब्रश करें वर्ना डिमेंशिया का जोखिम बढ़ सकता है . चित्र : शटरस्टॉक

जानिए अपने दांतों को फ्लॉस करने का सही तरीका

सबसे पहले करीब 18 इंच के फ्लॉस की एक लंबी डोरी को तोड़ लें। इसे अपनी मध्यमा अंगुली के चारों ओर लपेटें। बचे हुए फ्लॉस को विपरीत हाथ की उसी उंगली के चारों ओर घुमाएँ। आप इस अतिरिक्त फ्लॉस का उपयोग तब कर सकती हैं, जब आपका पहले वाला फ्लॉस गंदा हो जाए।

फ्लॉस को अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच कसकर पकड़ें।

रबिंग मोशन का उपयोग करके, अपने दांतों के बीच फ्लॉस को धीरे से गाइड करें। इसे अपने मसूड़ों के पास छूने से बचें।

इसे एक दांत के खिलाफ सी-शेप में मोड़ें। इसे धीरे से मसूड़ों और दांत के बीच की जगह में स्लाइड करें।

अब फ्लॉस को दांत से कसकर पकड़ें। दांत के किनारे को रगड़ें, फ्लॉस को मसूड़े से दूर रखें।

इस गति को अपने सभी दांतों के साथ दोहराएं।

तो लेडीज, डिमेंशिया जैसे मस्तिष्क रोग से सुरक्षित रहने के लिए अपनी मौखिक स्वच्छता का ध्यान रखें।

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