प्रेगनेंसी में बढ़ जाता है मेलास्मा का खतरा, जानिये इस स्किन प्रॉब्लम से बचने का तरीका

मेलास्मा एक आम स्किन प्रॉब्लम है, जिसका खतरा प्रेगनेंसी में कई गुना बढ़ जाता है। हम बता रहे हैं कैसे आप इससे खुद को बचा सकती हैं।
सरसों के बीज सनबर्न को ठीक कर सकते हैं । चित्र- शटरस्टॉक।
सरसों के बीज सनबर्न को ठीक कर सकते हैं । चित्र- शटरस्टॉक।
विदुषी शुक्‍ला Updated: 10 Dec 2020, 12:44 pm IST
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मेलास्मा (Melasma) एक स्किन प्रॉब्लम है जिसमें चेहरे पर गहरे रंग के धब्बे या निशान पड़ जाते हैं। वैसे तो यह समस्या कभी भी हो सकती है, लेकिन प्रेगनेंसी के समय यह बहुत आम हो जाती है। अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार 90 प्रतिशत महिलाओं को मेलास्मा प्रेगनेंसी के दौरान ही होता है।
सूरज की खतरनाक UV किरणें भी मेलास्मा का एक कारण हो सकती हैं।

क्यों होता है मेलास्मा (Melasma)

यूं तो प्रेगनेंसी के समय मेलास्मा होना बहुत आम है, लेकिन बर्थ कंट्रोल पिल्स या हॉर्मोन थेरेपी भी इसका कारण हो सकती हैं।
शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के असंतुलन से त्वचा में मेलानिन का स्तर बिगड़ जाता है, जो मेलास्मा के लिए जिम्मेदार होता है। ज्यादातर यह डार्क स्पॉट्स चेहरे के दोनों ओर एक समान होते हैं। गाल, माथा और नाक पर यह धब्बे सबसे ज्‍यादा होते हैं। हालांकि गर्दन पर भी यह निशान पड़ सकते हैं।

गर्भावस्था में होती है ढेरों स्किन प्रॉबलम्स, इसलिए यह घरेलू नुस्खे जानना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

क्या मेलास्मा खतरनाक है?

मेलास्मा जानलेवा नहीं है, ना ही इससे कोई गंभीर बीमारी होती हैं। लेकिन यह आपके सामान्य जीवन को बहुत प्रभावित करता है।

मेलास्मा के प्रभाव को कम करने के लिए आप ये उपाय अपना सकती हैं-

अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान मेलास्मा हुआ है, तो आप कई घरेलू नुस्खे या मेडिकल ट्रीटमेंट अपना सकती हैं। यह मेलास्मा के स्पॉट्स को हल्का करते हैं, लेकिन दोबारा मेलास्मा न होने की गारंटी नहीं देते। हालांकि प्रेगनेंसी के दौरान हुआ मेलास्मा ज्यादा गंभीर नहीं होता।

1. प्याज का रस लगाएं

आपकी त्वचा को इवन टोन बनाने और मेलास्मा के दाग-धब्बों को कम करने के लिए प्याज का रस बहुत फायदेमंद है। प्याज के रस में सल्फर युक्त कंपाउंड सल्फोक्साइड और कीपेन होते हैं जो चेहरे के निशानों को कम करते हैं। इसके साथ ही प्याज का रस त्वचा को पोषण देता है, जिससे चेहरे में चमक आती है।
प्याज को कद्दूकस करके उसका रस निकाल लें। फिर रुई की मदद से धुले हुए चेहरे पर इसे लगाएं। हर दिन इस्तेमाल से आपको फर्क दिखने लगेगा।

2. हल्दी का मास्क

हल्दी आयुर्वेद की सबसे लाभदायक हर्ब्‍स में से एक है। इसकी मेडिसिनल प्रॉपर्टी का इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेद में होता आया है। हल्दी स्किन में मेलानिन का बनना रोक देती है, जिससे डार्क स्पॉट बढ़ते नहीं हैं। इसके साथ ही हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी होती हैं, जो त्वचा को अंदर से स्वस्थ बनाकर चमक देती है।

हल्दी त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होती है, इसके नियमित इस्तेमाल से स्किन प्रॉब्लम खत्म होती है। चित्र- शटरस्टॉक।

इसके पेस्ट के लिए 10 चम्मच दूध में 5 चम्मच हल्दी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसके लिए फुल क्रीम वाला दूध यानी मलाई युक्त दूध का इस्तेमाल करें। इस पेस्ट को चेहरे पर अच्छे से लगाएं और सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें।

3. एप्पल साइडर सिरका

जर्नल ऑफ इन्वेस्टिगेटिव डर्मेटोलॉजी के रिसर्च के अनुसार एप्पल साइडर विनेगर पिगमेंटेशन के लिये सबसे कारगर इलाज होता है। एप्पल साइडर सिरके में एसिटिक एसिड होता है, जो डार्क स्पॉट्स को कम करता है।
लेकिन इसका सीधे त्वचा पर प्रयोग इरि‍टेशन पैदा कर सकता है। बराबर मात्रा में पानी और एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं और स्प्रे बोतल में भर लें। चेहरा धोने के बाद स्पॉट्स पर इसे स्प्रे करें और दो से तीन मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। दिन में दो बार यह चेहरे पर लगाएं।

4. मुलेठी

मुलेठी में लिक्विरिटीन नामक कंपाउंड होता है, जो चेहरे को साफ करता है, दाग धब्बे हल्के करता है और निखार लाता है। सिर्फ मेलास्मा ही नहीं, मुलेठी सभी तरह के डार्क स्पॉट्स को कम करती है।
मुलेठी पाउडर और तेल किसी भी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है।

5. टमाटर का रस

ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित 2011 की एक स्टडी के अनुसार टमाटर में मौजूद लायकोपीन चेहरे को इवन टोन बनाता है। त्वचा की रंगत निखारने के लिए भी टमाटर कारगर होता है।
टमाटर को चेहरे पर लगाने के साथ-साथ उसका सेवन भी मेलास्मा के लिए फायदेमंद होता है।

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टमाटर का रस चेहरे के दाग धब्बे मिटाता है। चित्र- शटरस्टॉक।

क्या हैं अन्य मेडिकल उपाय

मेलास्मा के लिए केमिकल युक्त उपाय भी हैं जो जल्दी परिणाम देते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट डार्क स्पॉट कम करने के लिए क्रीम और लोशन देते हैं। इसके अतिरिक्त केमिकल पील, डर्माब्रेशन और माइक्रो डर्माब्रेजन ट्रीटमेंट भी होते हैं।

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