लगातार बदलते मौसम और बढ़ती ठंड के कारण कई तरह की मौसमी बीमारियां होना एक आम बात है। इन मौसमी बीमारियों में सर्दी, जुकाम और खांसी होना कोई बड़ी समस्या नहीं हैं। साथ ही कुछ दिनों में यह समस्या चली भी जाती है। लेकिन दो से चार दिन में खत्म हो जाने वाली खांसी अगर लंबे समय से आपको परेशान कर रही हैं, तो आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है। लंबे समय तक होने वाली खांसी साधारण खांसी नहीं बल्कि ‘ब्रोंकाइटिस’ हो सकती है। लगातार 3 महीने से 2 साल तक बार-बार होने वाली खांसी को ब्रोंकाइटिस या क्रोनिक ब्रोंकाइटिस माना जा सकता है। ब्रोंकाइटिस की समस्या के बारे में और अधिक जानने के लिए हेल्थशॉट्स ने मणिपाल हॉस्पिटल, कोलकाता के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ.सौम्य दास से बात की।
ब्रोंकाइटिस के बारें में डॉ.दास से बताया कि ‘ब्रोंकाइटिस’ ट्रैकिया (श्वासनली) से फेफड़ों में हवा ले जाने वाली ट्यूब, यानी ‘ब्रोन्कियल ट्यूब्स’ में एक तरह की सूजन होती है। इस परिस्थिति में श्वास नली में सूजन आ जारी हैं, जिससे बलगम का उत्पादन बढ़ जाता है। आमतौर पर ब्रोंकाइटिस के ‘एक्यूट ब्रोंकाइटिस’ और ‘क्रोनिक ब्रोंकाइटिस’ नाम के दो प्रकार होते है।
एक्यूट ब्रोंकाइटिस एक अस्थायी स्थिति है जो अक्सर सामान्य सर्दी या इन्फ्लूएंजा जैसे वायरल संक्रमण के कारण होती है। यह धुएं, धूल या केमिकल्स जैसे हानिकारक पदार्थों के कारण होती है। इसका मुख्य लक्षण लगातार आने वाली खांसी है होती है , साथ ही गले में खराश, सीने में तकलीफ और कभी-कभी निम्न श्रेणी का बुखार आना और खांसी में बलगम होना भी एक्यूट ब्रोंकाइटिस के प्रमुख लक्षण होते हैं।
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस एक अधिक गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली स्थिति है ,जो क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के अंतर्गत आती है। यह अक्सर लंबे समय तक हानिकारक पदार्थों जैसे शराब और तंबाकू के धुएं के संपर्क में रहने के कारण होता है। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस में, वायुमार्ग में लगातार सूजन रहती है और बलगम का उत्पादन काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
ब्रोंकाइटिस के लक्षण के बारें में बताते हुए डॉ. दास ने कहा कि चाहे ब्रोंकाइटिस कोई भी उसके लक्षण हमेशा एक जैसे ही होते है। डॉ. दास के अनुसार लंबे समय तक लगातार खांसी आना, खासकर सुबह उठने के तुरंत बाद और धूम्रपान करने के बाद, ब्रोंकाइटिस के प्राथमिक लक्षण हैं। कभी-कभी हेमोप्टाइसिस (खांसते समय खून आना) इसके लक्षण होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
नियमित खांसी और ब्रोंकाइटिस उनकी अवधि, कारण और संबंधित लक्षणों पर निर्भर करती है। आमतौर पर साधारण खांसी और ब्रोंकाइटिस में बहुत कम अंतर देखने को।
नियमित खांसी अक्सर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन जैसे सामान्य सर्दी, इन्फ्लूएंजा, या धुएं, धूल या एलर्जी जैसे उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आने के कारण हो सकती है। लेकिन क्रोनिक ब्रोंकाइटिस मुख्य रूप से तंबाकू के धुए जैसे हानिकारक पदार्थों से होता है।
नियमित और सामान्य खासी में खराश, सीने में हल्की परेशानी और कभी-कभी निम्न श्रेणी के बुखार जैसे लक्षण दिखाई पड़ते है। जो एक समय के बाद दूर हो जाते है। वही, ब्रोंकाइटिस में, खांसी पुरानी होती है और इसके साथ बलगम का उत्पादन बढ़ जाता है, सांस लेने में तकलीफ और बार-बार होने वाले श्वसन संक्रमण का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।
साधारण खांसी आमतौर पर अस्थायी होती है और ये अक्सर सर्दी, फ्लू या जलन जैसे सामान्य कारणों से उत्पन्न होती है। ब्रोंकाइटिस लंबे समय तक हो सकता है। यदि व्यक्ति को ब्रोंकाइटिस होता है तो यह एक दीर्घकालिक स्थिति है, जो लगातार दो वर्षों में कम से कम तीन महीने तक बनी रहती है ।
यह भी पढ़ें: सर्दी-खांसी और खराश की समस्या से छुटकारा दिला सकता है हलीरा, जानिए इसकी ट्रेडिशनल रेसिपी और सेहत लाभ
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें