गर्मी का सितम दिनो दिन बढ़ रहा है और इसी के चलते दिल्ली का तापमान 44 डिग्री तक पहुंच चुका है। यहां कई इलाकों में गर्मी का प्रकोप बढ़ने से शुक्रवार (24 मई) तक लू के कारण रेड अलर्ट घोषित किया गया है। चिलचिलाती गर्मी जहां निर्जलीकरण का कारण बनती है, वहीं बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में तेज़ धूप और गर्मी के कारण सिरदर्द और डायरिया का जोखिम बढ़ रहा है। जानते हैं हीट एग्जॉर्शन के नुकसान और इससे बचने के उपाय।
अत्यधिक गर्मी के संपर्क में रहने से शरीर में हीट स्ट्रोक का खतरा बना रहता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक गर्मी का प्रभाव बढ़ने से पैरों में क्रैंप्स, चक्कर आना, सिरदर्द और डिज़िनेस बढ़ने लगती है। इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ पी वेंकेट के अनुसार हीट स्ट्रोक के चलते अक्सर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को थकान महसूस होना, अत्यधिक पसीना और हीट क्रैप्स का सामना करना पड़ता है।
इस बारे में फिजीशियन डॉ सौम्या गुप्ता बताती हैं कि तापमान बढ़ने के चलते शरीर का थर्मोरेग्यूलेशन असंतुलित होने लगता है। जिससे हीटस्ट्रोक की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में गर्भवती महिलाओं, हृदय रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों को इस समस्या से बचने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
हीट एग्जॉर्शन से बचने के लिए शरीर में इलेक्ट्रोलाइटस की मात्रा को बनाए रखना ज़रूरी है। इससे शरीर हाइड्रेट रहता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार धूप के संपर्क में आने से सिर, आंखों, स्किन, बालों और होठों पर बुरा प्रभाव नज़र आने लगता है। ऐसे में तेज़ गर्मी से बचने के लिए स्कार्फ, कैप, हैट और छाते का प्रयोग करें। इसके अलावा आंखों को प्रोटेक्ट करने के लिए काला चश्मा ज़रूर पहनें। साथ ही दोपहर के समय बाहर निकलने से भी बचना चाहिए।
लू से शरीर को बचाने के लिए आउटडोर खेलों से बचें। इससे शरीर में निर्जलीकरण का जोखिम कम हो जाता है। लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए इनडेर खेलों में हिस्सा लें और शरीर को ठंडा रखने का प्रयास करे। अन्यथा थकान, चक्कर आने और बेहोशी का सामना करना पड़ सकता है।
आहार में नींबू पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत और सत्तू जैसे नेचुरल ड्रिंक्स को अपने रूटीन में शामिल करें। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइटस का नियमित स्तर बना रहता है। इसके अलावा मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करनें इससे डाइजेशन बूसट करने में मदद मिलती है।
ताज़ा और घर का पका खाना खाने से शरीर नॉज़िया, सिरदर्द डायरिया के खतरे से बचा रहता है। ऐसे में मसालेदार और ऑयली खाना खाने की जगह हल्का खाना खाएं और घर का पका खाना आहार में शामिल करे। इसके अलावा किसी भी मील को स्किप करने से बचें। इससे शरीर में एनर्जी की कमी को सामना करना पड़ता है। साथ ही कमज़ोरी और थकान बढ़ने लगती है।
गर्मी में बुजुर्गोंं का इस प्रकार से रखें ख्याल
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