अपने समय की शानदार एक्ट्रेस रहीं ज़ीनत अमान ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की हैं, जिसमें उन्होंने बताया की लगभग 40 वर्ष पहले लगी एक चोट के कारण उनको ‘पीटोसिस’ (Ptosis) नामक समस्या से जूझना पड़ा, जिसके इलाज के बाद अब वे पूरी तरह से ठीक है ।
70 वर्षीय एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा कि, पिछले 40 वर्ष से इस समस्या के कारण उन्हें देखने में काफी कठिनाई होने लगी थी। इसके कारण पिछले कई वर्षों से उनकी पलकें और अधिक झुकने लगीं, जिससे उन्हें ‘ब्लर्ड विजन’ सहित कई अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा था।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, पीटोसिस एक ऐसी समस्या है जिसमें, ऊपरी पलक समय के साथ झुकने लगती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को आमतौर पर देखने में समस्या होने लगती है। यह समस्या जन्मजात या बाद में किन्हीं कारणों के चलते हो सकती है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी की एक रिपोर्ट में इसके कारणों के बारे में बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक यह समस्या अलग-अलग कारकों की वजह से हो सकती है, जिनमें बढ़ती उम्र, कमजोर मांसपेशियां, और नर्व डैमेज भी शामिल है।
पिटोसिस पर और अधिक जानकारी लेने के लिए हेल्थशॉट्स ने हैदराबाद स्थित कामिनेनी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट ऑप्थल्मोलॉजिस्ट डॉ.जयपाल रेड्डी से संपर्क किया। डॉ. रेड्डी ने बताया कि पीटोसिस की समस्या अधिकतर बुज़ुर्गों या बच्चों में देखी जाती है। किसी शारीरिक चोट के कारण यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है।
डॉ रेड्डी पीटोसिस के बारे में बताते हैं कि, पीटोसिस को आमतौर पर झुकी हुई पलक के रूप में जाना जाता है और आम भाषा में इसे ‘ड्रूपी आईलिड’ (Droopy Eyelid) कहा जाता है। डॉ.रेड्डी बताते हैं कि ‘पीटोसिस’ एक मेडिकल टर्म है, जिसका उपयोग ऊपरी पलक के झुकने या लटकने का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
पीटोसिस एक या दोनों आंखों को प्रभावित करता है और इसकी गंभीरता अलग-अलग हो सकती है, जिसमें पलकें हल्की सी भी झुक सकती है और समस्या के अधिक बढ़ जाने की स्थिति में पलकें आंखों को पूरा ढंक लेती हैं, जिसके कारण व्यक्ति का विजन ब्लॉक हो जाता है और उसे देखने में समस्या हो सकती है ।
डॉ. जयपाल रेड्डी बतातें हैं कि पीटोसिस होने में कई कारण होते हैं।
1 बढ़ती उम्र: डॉ रेड्डी बढ़ती उम्र को पीटोसिस का सबसे आम कारण मानते है। उनके अनुसार, बढ़ती उम्र के साथ पलकों की मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं, जिसेक कारण यह समस्या पैदा होती है ।
2 जन्मजात भी होती है यह समस्या: कुछ मामलों में पीटोसिस जन्मजात भी होती है। डॉ.रेड्डी सलाह देते हैं कि अगर यह बचपन से ही दृष्टि में बाधा डालता है, तो जल्द से जल्द इसके उपचार की आवश्यकता होती है।
3 न्यूरोलॉजिकल कारण भी जिम्मेदार: डॉ.रेड्डी के अनुसार कुछ न्यूरोलॉजिकल कारण जैसे मायस्थेनिया ग्रेविस या हॉर्नर सिंड्रोम जैसी स्थितियों में पलक की मांसपेशियों का नियंत्रण प्रभावित होता है, जिससे पीटोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है ।
4 किसी चोट की वजह से भी हो सकती है समस्या: आंख या उसके उसके आसपास के क्षेत्र में लगने वाली किसी तेज़ चोट के कारण आंखों के आसपास की मांसपेशियां प्रभावित हो जाती हैं, जिससे मांसपेशियों का पलकों पर नियंत्रण नहीं रहता और पीटोसिस की समस्या उत्पन्न होने लगती है।
5 आंखों या पलकों के पास ट्यूमर: डॉ. रेड्डी बताते हैं कि पलक या आंखों के आसपास के क्षेत्र में होने वाला ट्यूमर पीटोसिस का एक अन्य कारण हो सकता है। लेकिन उनके अनुसार यह कारण बहुत ही दुर्लभ होता है।
डॉ. रेड्डी बताते हैं कि पीटोसिस शिशुओं और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित कर सकता है। साथ ही वे यह भी कहते है कि यह समस्या किसी भी आयु वर्ग के व्यक्तियों को हो सकती है। जन्मजात पीटोसिस आमतौर पर बचपन में देखा जाता है, जबकि उम्र से संबंधित पीटोसिस 40 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में अधिक प्रचलित हो जाता है। पीटोसिस के न्यूरोलॉजिकल और दर्दनाक कारण विभिन्न उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकते हैं।
पीटोसिस के उपचार के बारे में बताते हुए डॉ. जयपाल रेड्डी बताते है कि उपचार के विकल्पों में पीटोसिस के कारकों के बारे में अवलोकन किया जाता है। जिसके बाद, गंभीर मामलों में पलकों की मांसपेशियों को सर्जरी के जरिये व्यवस्थित किया जाता है। साथ ही यदि पीटोसिस का कारण कोई न्यूरोलॉजिकल परेशानी होती है तो विजन को अच्छा करने के लिए आईलिड क्रचेज़ या पीटोसिस क्रचेज़ का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही कुछ मामलों में अस्थायी राहत के लिए बोटॉक्स इंजेक्शन भी दिया जाता है।
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