मौसम बदलने के साथ-साथ फ्लू के मरीज भी लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें ज्यादातर वायरल इनफेक्शन और फ्लू के मामले देखे जा रहे हैं। यह पहली बार नहीं है, जब आप और आपके आसपास के लोग सदी-जुकाम और फ्लू से परेशान हो रहे हों। असल में मौसम में होने वाले बदलाव, एयर क्वालिटी इंडेक्स का गिरना और प्रदूषण का बढ़ना, वे कारक हैं जो अक्टूबर-नवंबर के महीनों को फ्लू का सीजन बना देते हैं। फ्लू सीजन में आपको अपना और अपने परिवार का बचाव कैसे करना है,आइए एक एक्सपर्ट से जानते हैं।
फ्लू से बचने के उपाय और उपचार जानने के लिए हेल्थशॉट्स टीम ने बात की धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल, दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. गौरव जैन से।
किसी भी समस्या से निपटने के लिए उसके लक्षणों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। ये आपको सही उपचार के लिए स्पष्टता प्रदान करते हैं। फ्लू के कुछ लक्षणों के बारे में डॉ. गौरव बताते इनका अनुभव होने पर आपको पर जरा भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए जैसे
1.यदि अधिक बुखार हो
2. लगातार खांसी की समस्या हो
3. गले में जलन हो या फिर खराश हो
4. बदन में लगातार दर्द रहता हो
5. सिर दर्द या सिर में भारीपन
6. जी मिचलाने की भी समस्या हो
7. नाक बन्द हो या बह रही हो
फ्लू और सामान्य ज़ुकाम में समान लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि बहती नाक और खांसी। लेकिन ज़ुकाम के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, जबकि फ्लू के लक्षण गंभीर हो सकते हैं और गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकते हैं। ज़ुकाम और फ्लू का कारण अलग-अलग वायरस होते हैं।
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डाॅ. गौरव बताते हैं कि इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
कई प्रकार के वायरस, जैसे कि राइनोवायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस, ज़ुकाम और फ्लू का कारण बनते हैं। ये वायरस हवा में या इन्फेक्टेड सतहों पर रहते हैं। इनके संपर्क में आने पर आप भी फ्लू के शिकार हो सकते हैं।
जब कोई व्यक्ति बीमार होता है, तो उसके खांसने या छींकने पर वायरस हवा में उड़ते है। उनके आस पास रहने पर यह वायरस दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। इसीलिए इन्फेक्टेड व्यक्ती से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है।
दरवाज़े की हैंडल, टेबल, या फोन जैसी सतहें वायरस के लिए स्थान हो सकती हैं। इन चीज़ों को छूने से और फिर बिना हाथ धोए मुंह या आंखों को छूने से इन्फेक्शन फैल सकता है।
यदि हाथों को नियमित रूप से धोया नहीं जाता है या स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता है, तो इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। इसीलिए कहा जाता है की बाहर से आकर हाथ मूंह धोने चहिए और लगातार अपने उपयोग के सामान को सैनेटाइज करना चाहिए।
पौष्टिक आहार और पर्याप्त नींद ना लेना शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। मानसिक तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ को इम्यूनिटी सिस्टम को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे व्यक्ति आसानी से बीमार पड़ सकता है।
डाॅ गौरव इससे बचाव के उपाय सुझाते हैं –
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि फ्लू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको फ्लू के लक्षण हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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