मां बनने के बाद जीवन में कई बदलाव आते हैं, और आपको खुद को उस अनुसार ढालना होता है। जहां एक ओर मातृत्व सुख का आनंद उठाने को मिलेगा वहीं दूसरी ओर आपके जीवन में बहुत से बदलाव भी आएंगे। मां बनने के बाद आपकी जीवनशैली पूरी तरह बदल जाती है।
हालांकि हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने का कोई वक्त नहीं होता, जितना जल्दी हो उतना अच्छा। मगर जब बात आती है प्रेगनेंसी की, तो आपका फिट होना आपके लिए ही नहीं बच्चे के लिए भी बेहतर है।
इन आदतों को जीवन में शामिल कर लें, यह आपके और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद है।
गर्भावस्था में आपका फिट होना बहुत जरूरी है। फिटनेस के साथ-साथ वेट कंट्रोल में होना जरूरी है, आपका ओवरवेट या अंडरवेट होना बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर आपका वेट परफेक्ट नहीं है, तो वर्कऑउट में बदलाव लाएं। ज़रूरत के हिसाब से वेट बढ़ाएं या कम करें।
प्रेगनेंसी के लिए खास व्यायाम होते हैं, खास कर आपके दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में। अपनी डॉक्टर से सलाह लें और उस अनुसार अपने रूटीन में व्यायाम शामिल करें। एक्सरसाइज सिर्फ़ फिजिकली ही नहीं मेंटली भी आपको स्वस्थ रखती है। योग प्रेगनेंसी में बहुत फायदेमंद होता है।
यह तो आप जानती होंगी कि प्रेगनेंसी में ड्रिंकिंग और स्मोकिंग बहुत खतरनाक है। अगर आपको सिगरेट की लत है तो प्रेगनेंसी से कम से कम तीन महीने पहले ही आपको स्मोकिंग छोड़ देनी चाहिए। कोई भी बुरी आदत आपके बच्चे पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार 8 घण्टे की नींद गर्भवती महिलाओं के लिए अनिवार्य होती है। नींद लेना सिर्फ मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, सुरक्षित प्रसव के लिए भी जरूरी है। प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में ब्लड प्रेशर काफी कम होता है, जिससे आपको ज्यादा थकान महसूस होगी। ऐसे में आपका आराम लेना महत्वपूर्ण है, खासकर अगर आपका फर्स्ट टाइम है। देर रात तक फोन चलाने के लिए डॉक्टर सख्त मना करते हैं। समय पर सोएं, समय पर उठे और शरीर को थकाएं नहीं।
सबसे पहले अपनी डॉक्टर और टेस्ट की मदद से यह जानें कि आपकी बॉडी को किन न्यूट्रिएंट्स की ज़रूरत है। जब तक बच्चा आपके गर्भ में है जो आप खा रही हैं वही बच्चा भी खा रहा है।
यह समझें कि आपकी बॉडी में किसी पोषक तत्व की कमी तो नहीं है, अगर है तो सप्लीमेंट्स लें। आयरन, फॉलिक एसिड और प्रोटीन बच्चे के लिये बहुत जरूरी है। अपनी डाइट हेल्दी रखें, संतुलित आहार लें और जरूरी सप्लीमेंट्स भी लें।
कैफीन आपके कंसीव करने में बाधा बन सकती है। WHO की स्टडी के अनुसार ज्यादा कैफीन बच्चे की ग्रोथ में समस्या कर सकती है, बच्चे को अनहेल्दी या अंडरवेट बना सकती है, यहां तक कि स्टिलबर्थ का कारण बन सकती है। कैफीन शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ा देती है, कॉर्टिसोल स्ट्रेस हॉर्मोन होता है। स्ट्रेस आपका और आपके बेबी का सबसे बड़ा दुश्मन है।
अपनी गायनोकॉलोजिस्ट से मिलना हर कपल के लिए जरूरी होता है। जी हां, यह आपके पति के लिये भी उतना ही जरूरी है जितना आपके लिये। डॉक्टर से मिलकर अपनी फैमिली हिस्ट्री, मेडिकल हिस्ट्री और जेनेटिक्स पर बात करें। थायराइड की जरूर जांच कराएं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें