गलत लाइफस्टाइल, खानपान, जीने का तरीका विभिन्न प्रकार के लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स को बढ़ावा दे रहा है। उनमें से एक है डायबिटीज की समस्या। वहीं न केवल डायबिटीज इस स्थिति में लोगो में प्रीडायबिटीज का खतरा भी बढ़ गया है। प्रीडायबिटीज की स्थिति में व्यक्ति का ब्लड ग्लूकोस लेवल सामान्य रूप से अधिक होता है परन्तु डायबिटीज टाइप 2 की समस्या में प्रवेश करने के माप से कम होता है। हम इसे अर्ली डायबिटीज भी कहते हैं।
डायबिटीज के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए भारत को डायबिटीज का कैपिटल कहा जाने लगा है। यदि हमने समय रहते इस पर नियंत्रण न पाया तो कुछ सालों में हम विश्व में सबसे अधिक डायबिटीज के मरीजों वाले देश में शामिल हो जाएंगे। अभी भी वक्त है सचेत हो जाएं अन्यथा प्रीडायबिटीज की समस्या को बढ़कर डायबिटीज टाइप 2 तक पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
महाऋषि आयुर्वेदा में मेडिकल सुपरिटेंडेंट, नाड़ी विज्ञान स्पेशलिस्ट, हीलर और पंचक्रमा एक्सपर्ट मैं प्रीडायबिटीज यानी कि अर्ली डायबिटीज से बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय समझाएं हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर प्रीडायबिटीज को किस तरह किया जा सकता है रिवर्स।
प्रीडायबिटीज में आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक और टाइप 2 डायबिटीज के माप से कम होता है। हालांकि, यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको प्रीडायबिटीज है तो, यह स्थिति आपके हार्ट, ब्लड वेसल्स और किडनी को प्रभावित करना शुरू कर देती है। यदि समय रहते नियमित दिनचर्या में कुछ आवश्यक बदलाव कर लिया जाए तो, आप इसे कंट्रोल कर सकती हैं।
अन्य पेय पदार्थों की तुलना में पर्याप्त पानी पीने से ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में अधिक प्रभावी रूप से मदद मिल सकती है, जिससे डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। समय समय पर पानी पीते रहने से आपको ऐडेड शुगर, परिरक्षकों और अन्य अनावश्यक सामग्री युक्त ड्रिंक्स की क्रेविंग्स नहीं होती है। पानी न केवल आपके ब्लड शुगर लेवल के लिए अच्छा है, बल्कि यह तमाम शारीरिक समस्याओं का एक उचित समाधान है।
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डॉक्टर के अनुसार पर्याप्त मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन पाचन क्रिया को संतुलित रखते हुए वेट मैनेजमेंट में आपकी मदद करता है। लंच और डिनर हमेशा इनमें फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने की कोशिश करें, इनके सेवन से ब्लड शुगर और इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोका जा सकता है। जो प्रीडायबिटीज को कंट्रोल कर डायबिटीज के खतरे को कम कर देती हैं।
यदि आप प्रीडायबिटीज के घेरे में आ चुकी हैं, तो आपको अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे समय के साथ डायबिटीज का खतरा अधिक होता जाता है। व्हाइट ब्रेड, आलू और कई ऐसे स्नैक्स हैं जिनमें रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता हैं।
इसके साथ ही ऐडेड शुगर युक्त खाद्य पदार्थों से पूरी तरह से परहेज रखने की कोशिश करें। यदि मीठे की लालसा होती है तो थोड़ा बहुत प्राकृतिक शुगर जैसे कि शहद, गुड या खजूर का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा अधिक मात्रा में फ्रूट जूस का सेवन भी आपके प्रीडायबिटीज के जोखिमों को बढ़ावा दे सकता है, इसलिए इन चीजों से सावधान रहें। अपनी डाइट में सब्जी, संतरा, दलिया और साबुत अनाज को शामिल करें।
यदि आप प्रीडायबिटीज के घेरे में आ चुकी हैं और स्मोकिंग करती हैं तो आज ही इसे छोड़ दें। धूम्रपान इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान कर सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बना रहता है। यह देखा गया है कि समय के साथ धूम्रपान छोड़ने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम हो जाता है।
खासकर यदि आप डायबिटीज की स्थिति में प्रवेश कर चुकी हैं, तो आपको फौरन इस पर नियंत्रण पाने की आवश्यकता है। अन्यथा यह प्रीडायबिटीज से डायबिटीज तक के सफर के समय को बेहद कम कर सकता है।
एक बार में अधिक भोजन करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपका इंसुलिन और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और प्रीडायबिटीज की स्थिति में भी डायबिटीज का खतरा बेहद कम हो जाता है। यह देखा गया है कि एक समय में बहुत अधिक भोजन करने से प्रीडायबिटीज के घेरे में आए व्यक्तियों का ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है।
जब आप शारीरिक रूप से सक्रिय रहती हैं, तो प्रीडायबिटीज की स्थिति में भी आपका स्वास्थ्य संतुलित रहता है और डायबिटीज का खतरा भी सीमित रहता है। शारीरिक सक्रियता से आपका वजन नियंत्रित रहता है, साथ ही ब्लड ग्लूकोज लेवल को भी रेगुलेट करने में मदद मिलती है, इतना ही नहीं यह इन्सुलिन सेंसटिविटी को बूस्ट करता है जिससे कि ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रहने में मदद मिलती है। जरूरी नहीं है कि आप एक्सरसाइज या योग करें आप अपनी पसंदीदा खेल में भाग लेकर भी खुद को फिट रख सकती हैं।
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